छिंदवाड़ा में कफ सिरप से 9 बच्चों की मौत एनसीडीसी की रिपोर्ट में संक्रमण से इनकार, जांच जारी

छिंदवाड़ा में कफ सिरप से 9 बच्चों की मौत  एनसीडीसी की रिपोर्ट में संक्रमण से इनकार, जांच जारी
मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा जिले में कफ सिरप पीने से 9 बच्चों की मौत के बाद राज्य ड्रग अथॉरिटी की ओर से मामले की जांच जारी है। इसी बीच, नेशनल सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल (एनसीडीसी) ने एक रिपोर्ट जारी की है। रिपोर्ट के अनुसार, लगभग 500 लोगों की ब्लड जांच के बाद किसी भी संक्रमण की रिपोर्ट नेगेटिव आई है।

भोपाल, 3 अक्टूबर (आईएएनएस)। मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा जिले में कफ सिरप पीने से 9 बच्चों की मौत के बाद राज्य ड्रग अथॉरिटी की ओर से मामले की जांच जारी है। इसी बीच, नेशनल सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल (एनसीडीसी) ने एक रिपोर्ट जारी की है। रिपोर्ट के अनुसार, लगभग 500 लोगों की ब्लड जांच के बाद किसी भी संक्रमण की रिपोर्ट नेगेटिव आई है।

छिंदवाड़ा में कफ सिरप पीने के बाद शुरुआत में 6 बच्चों की मौत की जानकारी सामने आई थी। बताया गया कि सिरप पीने के बाद किडनी फेल होने से बच्चों की मौत हुई। इसके बाद तीन और बच्चों की जान चली गई। मृतकों में शिवम राठौड़ (4 वर्ष), अदनान खान (5 वर्ष), उसेद खान (4 वर्ष), ऋषिका पिपरे (5 वर्ष), हितांश सोनी (4 वर्ष), श्रेया यादव (2 वर्ष), विकास यादववंशी, विधि परासिया, और संध्या (1 वर्ष) शामिल हैं।

भाजपा विधायक रामेश्वर शर्मा ने छिंदवाड़ा की घटना को दर्दनाक बताते हुए कहा कि इस पर प्रशासन को जांच के निर्देश दिए गए हैं। उन्होंने आईएएनएस से कहा, "मामले में सख्त कदम उठाए जा रहे हैं। इसके पीछे अगर कोई षड्यंत्र है या कोई गैंग काम कर रहा है तो उसके खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी।'

उन्होंने बताया कि मेडिकलों को निर्देश दिए गए हैं कि ऐसी तरह की दवाओं पर अंकुश लगाएं। प्रशासनिक टीमें सतर्कता से काम कर रही हैं।

इस घटना के बाद मध्य प्रदेश के कई जिलों में भी सिरप से जुड़े मामलों में असर दिखने लगा है, लेकिन कई जगहों पर अभी तक कोई स्पष्ट गाइडलाइन नहीं बनी है।

भोपाल में अभी असमंजस की स्थिति है। ड्रग्स कंट्रोलर संयुक्त संचालक टीना यादव ने बताया कि अभी तक उच्च अधिकारियों से कोई निर्देश नहीं आए हैं और पूरे प्रदेश में इस सिरप पर प्रतिबंध नहीं लगा है। उन्होंने छिंदवाड़ा की घटना को दुखद बताया और कहा कि वहां सैंपल लिए गए हैं और उनकी टेस्टिंग जारी है। रिपोर्ट के बाद बताया जा सकेगा कि क्या उन्हीं मेडिसिन के कारण यह घटना हुई है या नहीं।

छिंदवाड़ा की घटना के बाद स्वास्थ्य विभाग की पांच सदस्यों की टीम ने जबलपुर में छापेमारी की। इस दौरान, जबलपुर की कटारिया फार्मासिटिकल्स कंपनी ने चेन्नई की एक कंपनी से 660 कोल्ड्रिफ कफ सिरप की शीशियां मंगाई थीं, जिनमें से 594 शीशियां छिंदवाड़ा के तीन स्टॉकिस्ट को भेजी गईं। यह मामला थाना ओमती के कटारिया फार्मासिटिकल्स डिस्ट्रीब्यूटर से जुड़ा हुआ है। कटारिया फार्मा के मालिक राजपाल कटारिया ने बताया कि स्वास्थ्य विभाग की टीम 16 शीशियां सैंपल के लिए लेकर गई, जबकि 50 शीशियां सीज की गई हैं।

छिंदवाड़ा में बच्चों की मौत पर पूर्व मंत्री पीसी शर्मा ने कहा, "छिंदवाड़ा में सिरप पीने से 9 बच्चों की मौत हो गई। इस सिरप का पर्चा किसी और ने नहीं, बल्कि एक सरकारी डॉक्टर ने लिखा था। और तो और, इस सिरप पर सिर्फ छिंदवाड़ा में ही प्रतिबंध लगाया गया है, इसे पूरे देश में प्रतिबंधित किया जाना चाहिए। इस सिरप को बनाने वाली कंपनी को ब्लैक लिस्ट किया जाना चाहिए, उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जानी चाहिए।"

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Created On :   3 Oct 2025 7:17 PM IST

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