अन्य खेल: 10 सितंबर का ऐतिहासिक दिन, जब रियो पैरालंपिक में दो भारतीयों ने लहराया तिरंगा

नई दिल्ली, 9 सितंबर (आईएएनएस)। भारतीय खेल जगत के लिए '10 सितंबर' यादगार है। इसी दिन रियो पैरालंपिक के एक ही इवेंट में भारत के दो खिलाड़ियों ने पदक जीते थे।
यह बात साल 2016 की है। मौका रियो पैरालंपिक का है। 10 सितंबर के दिन मरियप्पन थंगावेलु ने पुरुषों की ऊंची कूद के टी42 इवेंट में 1.89 मीटर की जंप के साथ नया पैरालंपिक रिकॉर्ड बनाते हुए देश के लिए गोल्ड जीता। इसी के साथ मरियप्पन ऊंची कूद में पैरालंपिक स्वर्ण जीतने वाले पहले भारतीय बने।
28 जून 1995 को सलेम स्थित एक छोटे से गांव में जन्मे मरियप्पन बेहद गरीब परिवार से थे। छह बच्चों के सिर से पिता का साया उठ चुका था। ऐसे में मां दिहाड़ी मजदूरी करने के अलावा सब्जी बेचकर किसी तरह परिवार का पेट भरती।
जब मरियप्पन महज पांच साल के थे, तब एक हादसे ने उनकी जिंदगी ही बदल दी। नशे में धुत एक बस ड्राइवर ने उन्हें टक्कर मार दी, जिसके चलते उनके दाहिने पैर का घुटना कुचल गया। इसी हादसे ने मरियप्पन को लकड़ी के सहारे चलने को मजबूर कर दिया।
मरियप्पन को खेल बहुत पसंद था। एक शिक्षक ने उन्हें ऊंची कूद के लिए प्रेरित किया और स्थानीय प्रतियोगिताओं में मरियप्पन ने खुद को साबित कर दिया। साल 2015 में सत्यनारायण ने उन्हें बेंगलुरु स्थित अपने ट्रेनिंग कैंप में शामिल किया और उनके मार्गदर्शन में इस खिलाड़ी ने देश के लिए पदक जीता।
मरियप्पन को साल 2017 में 'पद्म श्री' और 'अर्जुन अवॉर्ड' से सम्मानित किया गया। साल 2020 में उन्हें 'मेजर ध्यान चंद खेल रत्न पुरस्कार' से नावाजा गया।
जिस इवेंट में मरियप्पन थंगावेलु ने गोल्ड जीता, उसी इवेंट में वरुण सिंह भाटी ने 1.86 मीटर की कूद के साथ ब्रॉन्ज मेडल अपने नाम किया। यह व्यक्तिगत तौर पर उनका सर्वश्रेष्ठ था।
13 फरवरी 1995 को ग्रेटर नोएडा में जन्मे वरुण भाटी का पहला प्यार 'बास्केटबॉल' था, लेकिन पोलियो के चलते वह इस खेल में अपने करियर को आगे नहीं बढ़ा सके।
वरुण भाटी खेलों में देश का नाम रोशन करना चाहते थे। ऐसे में उन्हें कोच ने ऊंची कूद के लिए प्रेरित किया। भाटी स्कूल के दिनों में ही इस खेल के लिए घंटों प्रैक्टिस करने लगे। इस बीच परिवार भी उनका भरपूर सपोर्ट कर रहा था।
वरुण भाटी अपने शानदार खेल के साथ एक के बाद एक मेडल जीतते गए और पैरालंपिक गेम्स में अपनी जगह बनाई। उन्होंने पैरालंपिक में पदक जीतकर कई खिलाड़ियों को प्रेरित किया।
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Created On :   9 Sept 2025 1:50 PM IST