बेहतर नींद के लिए दो आसान उपाय, जिंदगी में आएगा सकारात्मक बदलाव

बेहतर नींद के लिए दो आसान उपाय, जिंदगी में आएगा सकारात्मक बदलाव
अगर आप बेहतर नींद न आने की समस्या से जूझ रहे हैं, तो याद रखें—आप अकेले नहीं हैं। दुनिया भर में लाखों लोग क्रॉनिक अनिद्रा से पीड़ित हैं। पर अब शोध में दिखाया गया है कि सोने से पहले हल्की-फुल्की गतिविधियां नींद की गुणवत्ता बेहतर बना सकती हैं।

नई दिल्ली, 1 दिसंबर (आईएएनएस)। अगर आप बेहतर नींद न आने की समस्या से जूझ रहे हैं, तो याद रखें—आप अकेले नहीं हैं। दुनिया भर में लाखों लोग क्रॉनिक अनिद्रा से पीड़ित हैं। पर अब शोध में दिखाया गया है कि सोने से पहले हल्की-फुल्की गतिविधियां नींद की गुणवत्ता बेहतर बना सकती हैं।

2019 की एक रिसर्च कहती है कि सोने से पहले “किताब पढ़ना” दिमाग को शांत करने, ज्यादा सोचने की गति को धीमा करने और शरीर–मस्तिष्क को “आराम” पहुंचाने में मदद करता है। इससे नींद के लिए माइंड तैयार होता है।

एक ऑनलाइन रीडिंग ट्रायल के आधार पर ये निष्कर्ष निकाला गया। करीब 991 लोगों को इसमें शामिल किया गया। दिसंबर 2019 में, द रीडिंग ट्रायल में कुल 991 लोगों ने हिस्सा लिया, जिनमें से आधे (496 ) इंटरवेंशन ग्रुप (जिनको टेस्ट में शामिल किया गया) में और आधे (495 कंट्रोल ग्रुप में थे। सभी ने ट्रायल पूरा नहीं किया: इंटरवेंशन ग्रुप में 127 और कंट्रोल ग्रुप में 90 लोग नहीं शामिल हुए। नतीजे सकारात्मक रहे। जिन्होंने रीडिंग ट्रायल में हिस्सा लिया उनकी नींद में काफी सुधार आया।

उसी तरह, ताई ची (चीनी मार्शल आर्ट)—एक धीमा, संतुलित, ध्यानात्मक व्यायाम—भी नींद में सुधार के लिए बहुत फायदेमंद साबित हुआ है। 2025 में प्रकाशित एक अध्ययन (अमेरिकन एकेडमी ऑफ स्लीप मेडिसिन), जिसमें 50 वर्ष या उससे अधिक उम्र के 200 लोगों (जिन्हें क्रॉनिक अनिद्रा थी) को शामिल किया गया, पाया गया कि ताई ची और “कॉग्निटिव बिहेवियरल थेरेपी” (सीबीटी-आई) दोनों ने अनिद्रा को दूर करने में अहम भूमिका निभाई। शुरुआत में सीबीटी-आई बेहतर दिखा, लेकिन 15 महीनों बाद ताई ची ने लगभग उतनी ही नींद में सुधार दिखाया—यानी ताई ची को लंबे समय के लिए एक काबिल विकल्प माना गया।

ताई ची के फायदे सिर्फ नींद तक सीमित नहीं हैं—यह चिंता, अवसाद, थकावट और दिन में नींद आने जैसी समस्याओं में राहत दिलाने में भी काम करता है।

इसलिए यदि आप रोजमर्रा की जिंदगी में तनाव, लंबे काम के घंटे, स्क्रीन से आंखों-दिमाग को थकाना या सिर में अस्थिर विचार लेकर सोने जाते हैं, तो सोने से पहले कुछ पंक्तियां पढ़ने और ताई ची अभ्यास दोनों मिलकर आपकी नींद की गुणवत्ता में फर्क ला सकते हैं।

और सबसे अच्छी बात—इनमें दवाइयों का कोई रोल नहीं होता, साइड इफेक्ट नहीं होते, और ये महंगे भी नहीं होते।

अस्वीकरण: यह न्यूज़ ऑटो फ़ीड्स द्वारा स्वतः प्रकाशित हुई खबर है। इस न्यूज़ में BhaskarHindi.com टीम के द्वारा किसी भी तरह का कोई बदलाव या परिवर्तन (एडिटिंग) नहीं किया गया है| इस न्यूज की एवं न्यूज में उपयोग में ली गई सामग्रियों की सम्पूर्ण जवाबदारी केवल और केवल न्यूज़ एजेंसी की है एवं इस न्यूज में दी गई जानकारी का उपयोग करने से पहले संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञों (वकील / इंजीनियर / ज्योतिष / वास्तुशास्त्री / डॉक्टर / न्यूज़ एजेंसी / अन्य विषय एक्सपर्ट) की सलाह जरूर लें। अतः संबंधित खबर एवं उपयोग में लिए गए टेक्स्ट मैटर, फोटो, विडियो एवं ऑडिओ को लेकर BhaskarHindi.com न्यूज पोर्टल की कोई भी जिम्मेदारी नहीं है|

Created On :   1 Dec 2025 6:38 PM IST

Tags

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story