अपराध: मिजोरम मेें एक जुलाई से तीन नए आपराधिक कानून लागू

मिजोरम मेें एक जुलाई से तीन नए आपराधिक कानून लागू
मिजोरम सरकार ने एक जुलाई से तीन नए प्रमुख आपराधिक कानूनों को लागू करने की घोषणा की है। इसके लिए पुलिसकर्मियों, चर्च के नेताओं, छात्रों और एनजीओ के पदाधिकारियों को प्रशिक्षण देने सहित कई कदम उठाए गए हैं।

आइजोल, 22 जून (आईएएनएस)। मिजोरम सरकार ने एक जुलाई से तीन नए प्रमुख आपराधिक कानूनों को लागू करने की घोषणा की है। इसके लिए पुलिसकर्मियों, चर्च के नेताओं, छात्रों और एनजीओ के पदाधिकारियों को प्रशिक्षण देने सहित कई कदम उठाए गए हैं।

मिजोरम गृह विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि राज्य सरकार ने तीन नए आपराधिक कानूनों - भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस), भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (बीएनएसएस) और भारतीय साक्ष्य अधिनियम (बीएसए) को लागू करने के लिए कई कदम उठाए हैं।

केंद्रीय गृह मंत्रालय ने पहले घोषणा की थी कि औपनिवेशिक युग की भारतीय दंड संहिता (आईपीसी), आपराधिक प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) और भारतीय साक्ष्य अधिनियम को एक जुलाई को निरस्त कर दिया जाएगा और उनकी जगह बीएनएस, बीएनएसएस और बीएसए को लागू किया जाएगा।

अधिकारी ने कहा कि मिजोरम के विभिन्न जिलों के 1490 से अधिक पुलिसकर्मियों को नए आपराधिक कानूनों के बारे में प्रशिक्षित किया गया।

पुलिस कर्मचारियों और पर्यवेक्षण करने वाले अधिकारियों को प्रशिक्षण प्रदान करने के अलावा, चर्च के नेताओं, छात्रों और विभिन्न गैर सरकारी संगठनों के पदाधिकारियों सहित 1965 लोगों के लिए भी प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया गया था।

राज्य सरकार ने कानूनी मुद्दों, प्रौद्योगिकी उन्नयन, प्रशिक्षण, डिजिटल जांच और वित्तीय मामलों से निपटने के लिए पुलिस मुख्यालय स्तर पर पांच नई समितियों का भी गठन किया।

अधिकारी ने कहा, "इन समितियों ने विभिन्न जरूरतों और आवश्यकताओं का अध्ययन किया और नए कानूनों के सफल कार्यान्वयन को सुनिश्चित करने के सुझाव दिए और सिफारिशें कीं।"

प्रशिक्षण कार्यक्रम ब्यूरो पुलिस अनुसंधान और विकास (बीपीआरएंडडी), मिजोरम लॉ कॉलेज और फोरेंसिक साइंस लैबोरेटरी के सहयोग से आयोजित किए गए थे।

एक आधिकारिक बयान में कहा गया है कि फोरेंसिक जांच प्रशिक्षण भी आयोजित किया जा रहा है। इसे 28 जून तक पूरा होने की उम्मीद है।

न्यायिक अधिकारियों और सरकारी अभियोजकों के लिए प्रशिक्षण 24 से 29 जून तक मिजोरम सरकार और गुवाहाटी उच्च न्यायालय द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित किया जाना है। इसमें न्यायिक अकादमी, असम द्वारा प्रशिक्षण दिया जाएगा।

13-14 जून को जेल अधीक्षकों और जेलरों तथा सहायक जेलरों के लिए भी प्रशिक्षण आयोजित किया गया था।

अधिकारियों ने बताया कि एफ.आई.आर., जीरो एफ.आई.आर. और ई-एफ.आई.आर. पर बयान दर्ज करने और जांच करने के दौरान वीडियोग्राफी और फोटोग्राफ के लिए एक निर्देश पुस्तिका तैयार की गई है।

मिजोरम सरकार ने भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (बीएनएसएस) के कार्यान्वयन को मंजूरी दे दी है और कानून और न्यायिक विभाग ने शुक्रवार को अधिसूचना जारी की।

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Created On :   22 Jun 2024 4:50 PM IST

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