स्वास्थ्य/चिकित्सा: एडीएचडी लक्षण, ऑटिस्टिक लक्षण और चिंता को प्रभावित करते हैं जैनेटिक फैक्टर स्टडी

नई दिल्ली, 10 जून (आईएएनएस)। शोधकर्ताओं ने उन जेनेटिक फैक्टर्स की पहचान की है जो कम ध्यान/हाइपरएक्टिविटी डिसऑर्डर (एडीएचडी), ऑटिज्म और चिंता के लक्षणों को ट्रिगर करते हैं।
किंग्स कॉलेज लंदन, यूके द्वारा किए गए अंतरराष्ट्रीय अध्ययन में यह जांच की गई कि पर्यावरणीय कारकों के प्रति व्यक्तियों की बदलती संवेदनशीलता किस प्रकार एडीएचडी लक्षणों, ऑटिस्टिक लक्षणों, चिंता और अवसाद के लक्षणों, मानसिक अनुभवों और न्यूरोटिज्म के स्तरों को प्रभावित कर सकती है।
दुनिया भर के 23 विश्वविद्यालयों के शोधकर्ताओं ने 11 अध्ययनों से 21,792 समान जुड़वा (10,896 जोड़े) के डेटा को संयुक्त किया ताकि पर्यावरणीय संवेदनशीलता से जुड़े जेनेटिक वेरिएंट की खोज की जा सके। यह आज तक समान जुड़वा बच्चों का सबसे बड़ा जीनोम-वाइड एसोसिएशन अध्ययन (जीडब्ल्यूएएस) है।
उन्होंने कई जेनेटिक फैक्टर्स की पहचान की जो समान जुड़वां जोड़ों के अंदर पर्यावरणीय संवेदनशीलता में अंतर से जुड़े थे। नेचर ह्यूमन बिहेवियर पत्रिका में प्रकाशित शोध पत्र में शोधकर्ताओं ने कहा कि इन जेनेटिक फैक्टर और पर्यावरणीय जोखिमों के बीच की बातचीत मनोरोग और न्यूरो डेवलपमेंटल लक्षण के प्रति संवेदनशीलता में अंतर को समझा सकती है।
किंग्स के पोस्टडॉक्टरल शोधकर्ता डॉ. एल्हम असारी ने कहा, "जीवन के अनुभवों के प्रति व्यक्तियों की संवेदनशीलता में अंतर यह बता सकता है कि एक ही नकारात्मक या सकारात्मक अनुभव लोगों के मानसिक स्वास्थ्य पर अलग-अलग प्रभाव क्यों डाल सकते हैं। हमारे निष्कर्ष बताते हैं कि विशिष्ट जेनेटिक वेरिएंट्स इस बात को प्रभावित करती हैं कि पर्यावरणीय जोखिम किस तरह से मनोरोग और न्यूरो डेवलपमेंटल लक्षण को प्रभावित करते हैं।"
जेनेटिक रूप से समान जुड़वां बच्चों में, शोधकर्ताओं ने पाया कि विकास कारकों से जुड़े जीन -बायोलॉजिकल मॉलिक्यूलजो न्यूरो डेवलपमेंट, इम्यून फंक्शन और सेंट्रल नर्वस सिस्टम में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं - ऑटिस्टिक लक्षणों में भिन्नता से जुड़े थे।
वहीं तनाव के प्रति प्रतिक्रियाशीलता से संबंधित जीन अवसाद के लक्षणों में भिन्नता से जुड़े थे।
टीम ने कहा कि कैटेकोल माइन को विनियमित करने में शामिल जीन - तनाव की प्रतिक्रिया में शामिल हार्मोन का एक समूह - मनोविकृति जैसे अनुभवों में भिन्नता से जुड़े थे।
किंग्स में डेवलपमेंटल बिहेवियरल जेनेटिक्स की प्रोफेसर थालिया एली ने कहा, "ये निष्कर्ष इस बात की पुष्टि करते हैं कि जीन मनोरोग और न्यूरो डेवलपमेंटल लक्षणों को आंशिक रूप से प्रभावित करते हैं, क्योंकि ये जीन लोगों के आसपास की दुनिया के प्रति प्रतिक्रिया को प्रभावित करते हैं। कुछ लोग अपनी परिस्थितियों के प्रति अधिक संवेदनशील होते हैं, और यह अच्छी परिस्थितियों में सकारात्मक हो सकता है, लेकिन तनावपूर्ण परिस्थितियों में दूसरों की तुलना में जीवन को अधिक चुनौतीपूर्ण बना सकता है।"
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Created On :   10 Jun 2025 8:42 PM IST