कूटनीति: 'इस तरह के हिंसक कृत्यों से कमजोर नहीं होगा भारत का संकल्प', कनाडा में मंदिर पर हमले की पीएम मोदी ने की निंदा

इस तरह के हिंसक कृत्यों से कमजोर नहीं होगा भारत का संकल्प, कनाडा में मंदिर पर हमले की पीएम मोदी ने की निंदा
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कनाडा के ब्रैम्पटन शहर में एक मंदिर पर हमले की सोमवार को निंदा की। उन्होंने कनाडा सरकार से कार्रवाई की "उम्मीद" करते हुए कहा कि इस तरह के "कायरतापूर्ण" हमलों से भारत का संकल्प कमजोर नहीं होने वाला है।

नई दिल्ली, 4 नवंबर (आईएएनएस)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कनाडा के ब्रैम्पटन शहर में एक मंदिर पर हमले की सोमवार को निंदा की। उन्होंने कनाडा सरकार से कार्रवाई की "उम्मीद" करते हुए कहा कि इस तरह के "कायरतापूर्ण" हमलों से भारत का संकल्प कमजोर नहीं होने वाला है।

प्रधानमंत्री मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट में लिखा, "मैं कनाडा में हिंदू मंदिर पर सुनियोजित हमले की निंदा करता हूं। हमारे राजनयिकों को डराने-धमकाने की कोशिशें भी उतनी ही भयावह हैं। इस तरह के हिंसा के कृत्य भारत के संकल्प को कभी कमजोर नहीं कर पाएंगे।"

उन्होंने कनाडा सरकार से कार्रवाई की मांग करते हुए कहा, "हम उम्मीद करते हैं कि कनाडाई सरकार न्याय सुनिश्चित करेगी और कानून-व्यवस्था कायम करेगी।"

ओंटारियो प्रांत के ब्रैम्पटन शहर में स्थित हिंदू सभा मंदिर में रविवार को श्रद्धालुओं पर खालिस्तान समर्थकों ने हमला किया था, जिससे वहां काफी रोष फैल गया।

इससे पहले विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने भी सोमवार को एक बयान में हिंदू सभा मंदिर में चरमपंथियों और अलगाववादियों द्वारा की गई हिंसा की निंदा की। उन्होंने जस्टिन ट्रूडो के नेतृत्व वाली कनाडाई सरकार से अपील की कि सभी पूजा स्थलों की ऐसे हमलों से सुरक्षा की जानी चाहिए।

जायसवाल ने कहा, "हमें यह भी उम्मीद है कि हिंसा में शामिल लोगों पर मुकदमा चलाया जाएगा। हम कनाडा में भारतीय नागरिकों की सुरक्षा को लेकर बहुत चिंतित हैं। लेकिन, धमकी, उत्पीड़न और हिंसा के बावजूद भारतीयों और कनाडाई नागरिकों को सेवाएं प्रदान करने के लिए हमारे वाणिज्य दूतावास अधिकारियों तक लोगों की पहुंच को नहीं रोका जाएगा।"

हमले के कुछ ही घंटे बाद ओटावा में भारतीय उच्चायोग ने ब्रैम्पटन में आयोजित कांसुलर शिविर के बाहर भारत विरोधी तत्वों की हिंसक गतिविधियों की निंदा की। उसने बयान में कहा, "यह देखना बेहद निराशाजनक है कि हमारे वाणिज्य दूतावासों की तरफ से स्थानीय सह-आयोजकों के पूर्ण सहयोग से आयोजित किए जा रहे नियमित वाणिज्य दूतावास कार्य में इस तरह की गड़बड़ी की अनुमति दी जा रही है।''

बयान में कहा गया है, "हम भारतीय नागरिकों सहित आवेदकों की सुरक्षा के लिए भी बहुत चिंतित हैं, जिनकी मांग पर इस तरह के आयोजन किए जाते हैं। भारत विरोधी तत्वों की इन कोशिशों के बावजूद, हमारा वाणिज्य दूतावास भारतीय और कनाडाई आवेदकों को 1,000 से अधिक लाइफ सर्टिफिकेट जारी करने में सक्षम रहा...।"

वैंकूवर और सरे में क्रमशः 2 और 3 नवंबर को आयोजित इसी तरह के शिविरों को बाधित करने का भी प्रयास किया गया था।

कनाडा समय के अनुसार, रविवार शाम को खालिस्तानी चरमपंथियों ने ब्रैम्पटन में हिंदू सभा मंदिर के परिसर के अंदर हिंदू-कनाडाई भक्तों पर हमला किया, जिसके वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गए और कनाडा के कई नेताओं सहित दुनिया भर में लोगों ने इसकी निंदा की।

इस हमले के बाद हिंदू संगठनों में खासा रोष है। उन्होंने घोषणा की है कि अब राजनेताओं को राजनीतिक उद्देश्यों के लिए मंदिर परिसर का इस्तेमाल करने की अनुमति नहीं दी जाएगी। यह प्रतिबंध तब तक तक जारी रहेगा, जब तक कि वे बढ़ते खालिस्तानी चरमपंथ के खिलाफ ठोस कदम नहीं उठाते।

कनाडाई राष्ट्रीय हिंदू परिषद (सीएनसीएच) और हिंदू फेडरेशन ने मंदिर के नेताओं और कई हिंदू समर्थक समूहों के साथ मिलकर यह घोषणा की। सीएनसीएच ने कहा कि खालिस्तानी समर्थकों की तरफ से ब्रैम्पटन में किए गए हिंसक हमले ने कनाडा के हिंदू समुदाय की सुरक्षा को लेकर गंभीर चिंताएं पैदा कर दी हैं।

परिषद ने सोमवार को जारी एक बयान में कहा, "प्रदर्शनकारी कथित तौर पर मंदिर के मुख्य द्वार पर एकत्र हुए, जबरन परिसर में घुस गए और मंदिर के सदस्यों तथा आगंतुकों पर हमला किया। इस घटना ने समुदाय को हिलाकर रख दिया है।"

बयान में कहा गया है कि हाल के वर्षों में हिंदू कनाडाई लोगों के खिलाफ हिंसा की घटनाएं बढ़ी हैं। हिंदू पूजा स्थलों की मजबूत सुरक्षा के लिए समुदाय के नेताओं की ओर से बार-बार अपील की गई। इसके बावजूद राजनीतिक नेता बढ़ती शत्रुता दूर करने के लिए ठोस कदम उठाने में विफल रहे हैं।

सीएनसीएच ने कहा, "कनाडा भर में हिंदू मंदिर और संस्थाएं अब राजनेताओं को राजनीतिक उद्देश्यों के लिए मंदिर की सुविधाओं का उपयोग करने की अनुमति नहीं देंगी। राजनेता, चाहे किसी भी पार्टी से जुड़े हों, भक्त के रूप में मंदिर में आना जारी रख सकते हैं, लेकिन जब तक वे खालिस्तानी चरमपंथ के मुद्दे को हल करने के लिए ठोस प्रयास नहीं करते, उन्हें मंदिर की सुविधाओं के इस्तेमाल की अनुमति नहीं मिलेगी।"

उसने कहा कि यह निर्देश हिंदू समुदाय की अपने पवित्र स्थलों की सुरक्षा के प्रति प्रतिबद्धता को रेखांकित करता है।

अस्वीकरण: यह न्यूज़ ऑटो फ़ीड्स द्वारा स्वतः प्रकाशित हुई खबर है। इस न्यूज़ में BhaskarHindi.com टीम के द्वारा किसी भी तरह का कोई बदलाव या परिवर्तन (एडिटिंग) नहीं किया गया है| इस न्यूज की एवं न्यूज में उपयोग में ली गई सामग्रियों की सम्पूर्ण जवाबदारी केवल और केवल न्यूज़ एजेंसी की है एवं इस न्यूज में दी गई जानकारी का उपयोग करने से पहले संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञों (वकील / इंजीनियर / ज्योतिष / वास्तुशास्त्री / डॉक्टर / न्यूज़ एजेंसी / अन्य विषय एक्सपर्ट) की सलाह जरूर लें। अतः संबंधित खबर एवं उपयोग में लिए गए टेक्स्ट मैटर, फोटो, विडियो एवं ऑडिओ को लेकर BhaskarHindi.com न्यूज पोर्टल की कोई भी जिम्मेदारी नहीं है|

Created On :   4 Nov 2024 9:16 PM IST

Tags

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story