विज्ञान/प्रौद्योगिकी: भारत के अफोर्डेबल हाउसिंग फाइनेंस सेक्टर का एयूएम वित्त वर्ष 28 तक 2.5 लाख करोड़ रुपए तक पहुंच जाएगा रिपोर्ट

भारत के अफोर्डेबल हाउसिंग फाइनेंस सेक्टर का एयूएम वित्त वर्ष 28 तक 2.5 लाख करोड़ रुपए तक पहुंच जाएगा  रिपोर्ट
देश में गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसी) और हाउसिंग फाइनेंस कंपनियों (एचएफसी) द्वारा दिए जाने वाले रिटेल मॉरगेज बैक्ड लोन का आकार वित्त वर्ष 28 तक बढ़कर 20 लाख करोड़ रुपए होने का अनुमान है, जो मार्च 2025 तक 13 लाख करोड़ रुपए था। बुधवार को जारी एक रिपोर्ट में कहा गया है कि इसमें अफोर्डेबल हाउसिंग फाइनेंस कंपनियों (एएचएफसी) का हिस्सा 1.4 लाख करोड़ रुपए से बढ़कर 2.5 लाख करोड़ रुपए हो जाएगा।

नई दिल्ली, 30 जुलाई (आईएएनएस) । देश में गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसी) और हाउसिंग फाइनेंस कंपनियों (एचएफसी) द्वारा दिए जाने वाले रिटेल मॉरगेज बैक्ड लोन का आकार वित्त वर्ष 28 तक बढ़कर 20 लाख करोड़ रुपए होने का अनुमान है, जो मार्च 2025 तक 13 लाख करोड़ रुपए था। बुधवार को जारी एक रिपोर्ट में कहा गया है कि इसमें अफोर्डेबल हाउसिंग फाइनेंस कंपनियों (एएचएफसी) का हिस्सा 1.4 लाख करोड़ रुपए से बढ़कर 2.5 लाख करोड़ रुपए हो जाएगा।

क्रेडिट रेटिंग एजेंसी आईसीआरए ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि वित्त वर्ष 28 तक एनबीएफसी और एएचएफसी द्वारा दिए जाने वाले मॉरगेज लोन में क्रमशः 17-19 प्रतिशत और 20-22 प्रतिशत की सीएजीआर से वृद्धि होने की उम्मीद है।

आईसीआरए लिमिटेड के वरिष्ठ उपाध्यक्ष और फाइनेंशियल सेक्टर रेटिंग्स के सह-समूह प्रमुख ए.एम. कार्तिक ने कहा, "अगले तीन वर्षों में, रिटेल मॉरगेज लोन की वृद्धि मजबूत मांग और असुरक्षित ऋण से जुड़ी मौजूदा समस्याओं के कारण वैकल्पिक ऋण विकल्पों की सीमित उपलब्धता से प्रेरित होगी।"

उन्होंने आगे कहा कि इस सेक्टर ने पारंपरिक रूप से कम ऋण घाटे और अच्छे व्यावसायिक प्रतिफल के साथ मजबूत प्रदर्शन किया है।

हाउसिंग फाइनेंस कंपनियों (एचएफसी) ने इन कुल मॉरगेज लोन का लगभग दो-तिहाई हिस्सा लिया और इसमें से मार्च 2025 तक एएचएफसी ने कुल एयूएम (13 लाख करोड़ रुपए) का 11 प्रतिशत हिस्सा बनाया।

रिपोर्ट के अनुसार, एएचएफसी के पोर्टफोलियो में स्व-नियोजित उधारकर्ताओं और संपत्ति पर ऋणों की हिस्सेदारी अन्य बड़ी एचएफसी की तुलना में अधिक है, जो प्रमुख उधारकर्ता खंडों (प्राइम एचएफसी) पर केंद्रित हैं।

एएचएफसी के पास छोटे आकार के ऋणों का एक बड़ा हिस्सा है और हाल के दिनों में उनकी एयूएम वृद्धि काफी तेज रही है, जिसके परिणामस्वरूप पोर्टफोलियो सीजनिंग कम रही है।

रिपोर्ट में कहा गया है कि एएचएफसी उद्योग के एयूएम में लगभग 70 प्रतिशत हिस्सेदारी रखने वाली कुछ प्रमुख एएचएफसी की नॉन-परफॉर्मिंग एसेट्स (एनपीए) पिछले तीन वर्षों में 1.1-1.3 प्रतिशत पर नियंत्रण में रही हैं और इस अवधि में औसत प्रबंधित परिसंपत्तियों के अनुपात के रूप में औसत ऋण लागत लगभग 0.3 प्रतिशत रही है।

रिपोर्ट के अनुसार, एएचएफसी का औसत एलटीवी लगभग 55 प्रतिशत है और घरों के स्व-निर्माण के लिए दिए गए ऋणों का एक बड़ा हिस्सा (एयूएम का लगभग 40 प्रतिशत) है, जिससे उनकी ऋण गुणवत्ता नियंत्रण में रहने की उम्मीद है।

अस्वीकरण: यह न्यूज़ ऑटो फ़ीड्स द्वारा स्वतः प्रकाशित हुई खबर है। इस न्यूज़ में BhaskarHindi.com टीम के द्वारा किसी भी तरह का कोई बदलाव या परिवर्तन (एडिटिंग) नहीं किया गया है| इस न्यूज की एवं न्यूज में उपयोग में ली गई सामग्रियों की सम्पूर्ण जवाबदारी केवल और केवल न्यूज़ एजेंसी की है एवं इस न्यूज में दी गई जानकारी का उपयोग करने से पहले संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञों (वकील / इंजीनियर / ज्योतिष / वास्तुशास्त्री / डॉक्टर / न्यूज़ एजेंसी / अन्य विषय एक्सपर्ट) की सलाह जरूर लें। अतः संबंधित खबर एवं उपयोग में लिए गए टेक्स्ट मैटर, फोटो, विडियो एवं ऑडिओ को लेकर BhaskarHindi.com न्यूज पोर्टल की कोई भी जिम्मेदारी नहीं है|

Created On :   30 July 2025 2:24 PM IST

Tags

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story