अकाली दल ने पंजाब चुनाव आयोग को लिखा पत्र, पुलिस पर चुनावी प्रक्रिया में अवैध हस्तक्षेप का आरोप
चंडीगढ़, 4 दिसंबर (आईएएनएस)। शिरोमणि अकाली दल ने पंजाब राज्य चुनाव आयोग को एक शिकायत पत्र भेजा है, जिसमें पटियाला के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक वरुण शर्मा और अन्य पुलिस अधिकारियों पर सत्ताधारी आम आदमी पार्टी के पक्ष में स्थानीय चुनाव प्रक्रिया को प्रभावित करने का आरोप लगाया गया है।
इस पत्र में दावा किया गया है कि पुलिस अधिकारी लोकतंत्र को नुकसान पहुंचाने वाली एक आपराधिक साजिश में शामिल हैं, जिसका खुलासा एक रिकॉर्डेड कॉन्फ्रेंस कॉल से हुआ है। अकाली दल ने इन अधिकारियों को तुरंत निलंबित करने और मामले की राष्ट्रीय स्तर पर जांच की मांग की है, ताकि चुनाव निष्पक्ष रह सकें।
पत्र में विस्तार से बताया गया है कि पटियाला के एसएसपी वरुण शर्मा और जिला स्तर के कई अन्य पुलिस अधिकारियों ने एक कॉन्फ्रेंस कॉल में खुलेआम साजिश की बात की है। इस कॉल में अधिकारी मानते हैं कि वे स्थानीय विधायक और उनकी टीमों के इशारे पर काम कर रहे हैं। पूरी पुलिस फोर्स का इस्तेमाल राजनीतिक दबाव बनाने के लिए किया जा रहा है, जिससे विपक्षी उम्मीदवारों को नामांकन केंद्र तक पहुंचने से रोका जा सके। बातचीत से पता चलता है कि अधिकारियों ने विपक्षी उम्मीदवारों को उनके घरों, गांवों या रास्ते में रोकने की योजना बनाई है, ताकि नामांकन केंद्र के बाहर कोई हंगामा न हो।
पत्र के मुताबिक, इस साजिश में नामांकन पत्रों को केंद्र से पांच किलोमीटर पहले छीनने की योजना भी शामिल है, और अगर कोई उम्मीदवार केंद्र तक पहुंच भी जाता है, तो रिटर्निंग अधिकारी को दबाव देकर नामांकन फॉर्म रद्द करने के लिए मजबूर किया जाएगा। कॉल में साफ कहा गया है कि उद्देश्य विपक्षी उम्मीदवारों को नामांकन दाखिल करने से रोकना या उन्हें रद्द करवाकर चुनाव से बाहर करना है।
अधिकारियों ने यह भी माना कि प्रशासन को बल प्रयोग से कोई आपत्ति नहीं है, क्योंकि स्थानीय निकाय चुनावों में यह सामान्य बात है। उन्होंने जोर दिया कि राजनीतिक नेतृत्व सब कुछ निर्देशित कर रहा है और सत्ताधारी पार्टी की मदद करने वालों को सकारात्मक रिपोर्ट और क्लीन चिट दी जाएगी। इस तरह की बातें स्पष्ट रूप से एक आपराधिक साजिश को दर्शाती हैं, जो लोकतांत्रिक प्रक्रिया को बाधित करने का प्रयास है।
अकाली दल ने इस आचरण को चुनावी कानूनों, आदर्श आचार संहिता और आपराधिक अपराधों का घोर उल्लंघन बताया है। पत्र में उल्लेख किया गया है कि यह आदर्श आचार संहिता के पैरा 1.1 का उल्लंघन है, जो सभी उम्मीदवारों को समान अवसर और कानून प्रवर्तन एजेंसियों की तटस्थता सुनिश्चित करता है। इसी तरह, पैरा 1.4 में कहा गया है कि सत्ताधारी पार्टी चुनावी फायदे के लिए सरकारी मशीनरी का दुरुपयोग नहीं करेगी। पैरा 4.4 और 4.6 के अनुसार, उम्मीदवारों को कोई रुकावट या धमकी नहीं दी जानी चाहिए, और सार्वजनिक अधिकारियों को सभी पार्टियों को बराबर मौका देना चाहिए। संवैधानिक अधिकारों की बात करें तो, अनुच्छेद 14 कानून के सामने समानता की गारंटी देता है, जबकि अनुच्छेद 19(1)(ए) और (सी) राजनीतिक प्रक्रिया में भाग लेने की स्वतंत्रता प्रदान करता है। अनुच्छेद 21 जीवन और स्वतंत्रता के अधिकार को सुरक्षित रखता है, जिसमें गैर-कानूनी हिरासत शामिल नहीं है। अनुच्छेद 324 चुनाव आयोग की जिम्मेदारी तय करता है कि वह स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव कराए।
मामले की गंभीरता को देखते हुए अकाली दल ने चुनाव आयोग से तुरंत हस्तक्षेप की मांग की है। उन्होंने एसएसपी पटियाला वरुण शर्मा और साजिश में शामिल सभी अधिकारियों को तत्काल निलंबित करने का अनुरोध किया है। साथ ही, राष्ट्रीय स्तर की जांच की मांग की गई है।
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Created On :   4 Dec 2025 3:12 PM IST












