धर्म: अमरनाथ यात्रा उत्तरी कश्मीर मार्ग से जारी रहेगी, 651 तीर्थयात्रियों का एक और जत्था रवाना

अमरनाथ यात्रा उत्तरी कश्मीर मार्ग से जारी रहेगी, 651 तीर्थयात्रियों का एक और जत्था रवाना
दक्षिण कश्मीर के पहलगाम मार्ग पर मरम्मत कार्य के चलते अधिकारियों ने फैसला लिया है कि अमरनाथ यात्रा अब 19 अगस्त को समाप्त होने तक केवल उत्तरी कश्मीर के बालटाल मार्ग से ही होगी।

जम्मू, 7 अगस्त (आईएएनएस)। दक्षिण कश्मीर के पहलगाम मार्ग पर मरम्मत कार्य के चलते अधिकारियों ने फैसला लिया है कि अमरनाथ यात्रा अब 19 अगस्त को समाप्त होने तक केवल उत्तरी कश्मीर के बालटाल मार्ग से ही होगी।

श्री अमरनाथजी श्राइन बोर्ड (एसएएसबी) के अधिकारियों ने कहा कि बारिश के कारण पहलगाम-गुफा मार्ग क्षतिग्रस्त हो गया है। ट्रैक पर मरम्मत का काम शुरू किया गया है। इसलिए इस वर्ष की शेष अमरनाथ यात्रा के लिए यात्री केवल उत्तरी कश्मीर बालटाल-गुफा मार्ग का ही उपयोग करेंगे।

651 तीर्थयात्रियों का एक और जत्था बुधवार सुबह 5:30 बजे जम्मू शहर के भगवती नगर यात्री निवास से 14 वाहनों के काफिले में उत्तरी कश्मीर के बालटाल आधार शिविर के लिए रवाना हुआ।

इस साल अमरनाथ यात्रा 29 जून को शुरू हुई थी और मंगलवार तक लगभग 5 लाख श्रद्धालुओं ने पवित्र गुफा मंदिर के दर्शन किए हैं। पिछले साल 4.45 लाख लोगों ने अमरनाथ यात्रा की थी।

पुलिस और सीएपीएफ सहित बड़ी संख्या में सुरक्षा बल जम्मू से दोनों बेस कैंप तक 350 किलोमीटर से अधिक लम्बे मार्ग पर तीर्थयात्रियों की सुरक्षा के लिए चौबीसों घंटे ड्यूटी कर रहे हैं।

इसके अलावा, यात्रियों की सुरक्षा के लिए पारगमन शिविरों, आधार शिविरों और गुफा मंदिर में पर्याप्त संख्या में सुरक्षाबलों को तैनात किया गया है। श्री अमरनाथजी श्राइन बोर्ड (एसएएसबी) के अधिकारी पेशेवर क्षमता के साथ यात्रा के मामलों का प्रबंधन कर रहे हैं।

गुफा मंदिर में बर्फ की एक संरचना है जो चंद्रमा के चरणों के साथ घटती-बढ़ती रहती है। भक्तों का मानना ​​है कि यह बर्फ की संरचना भगवान शिव की पौराणिक शक्तियों का प्रतीक है।

यह गुफा कश्मीर हिमालय में समुद्र तल से 3,888 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है। भक्त या तो पारंपरिक दक्षिण कश्मीर पहलगाम मार्ग से या फिर उत्तर कश्मीर बालटाल मार्ग से गुफा मंदिर तक पहुंचते हैं।

पारंपरिक पहलगाम गुफा मंदिर मार्ग 48 किलोमीटर लंबा है। जिससे बाबा बर्फानी तक पहुंचने में 4 से 5 दिन लग जाते हैं। दूसरा मार्ग बालटाल का है। ये 14 किलोमीटर लंबा है। इस मार्ग का चयन करने वाले लोग 'दर्शन' करने के बाद उसी दिन बेस कैंप लौट आते हैं।

उत्तरी कश्मीर मार्ग पर बालटाल और दक्षिण कश्मीर मार्ग पर चंदनवाड़ी में तीर्थयात्रियों के लिए हेलीकॉप्टर सेवाएं भी उपलब्ध है।

अमरनाथ यात्रा 29 जून 2024 को शुरू हुई थी। यह 52 दिनों के बाद 19 अगस्त को श्रावण पूर्णिमा और रक्षाबंधन के त्यौहार के साथ समाप्त होगी।

अस्वीकरण: यह न्यूज़ ऑटो फ़ीड्स द्वारा स्वतः प्रकाशित हुई खबर है। इस न्यूज़ में BhaskarHindi.com टीम के द्वारा किसी भी तरह का कोई बदलाव या परिवर्तन (एडिटिंग) नहीं किया गया है| इस न्यूज की एवं न्यूज में उपयोग में ली गई सामग्रियों की सम्पूर्ण जवाबदारी केवल और केवल न्यूज़ एजेंसी की है एवं इस न्यूज में दी गई जानकारी का उपयोग करने से पहले संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञों (वकील / इंजीनियर / ज्योतिष / वास्तुशास्त्री / डॉक्टर / न्यूज़ एजेंसी / अन्य विषय एक्सपर्ट) की सलाह जरूर लें। अतः संबंधित खबर एवं उपयोग में लिए गए टेक्स्ट मैटर, फोटो, विडियो एवं ऑडिओ को लेकर BhaskarHindi.com न्यूज पोर्टल की कोई भी जिम्मेदारी नहीं है|

Created On :   7 Aug 2024 10:41 AM IST

Tags

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story