अंतरराष्ट्रीय दिव्यांग दिवस पर पीएम मोदी का संदेश, दिव्यांगजन हमारी प्रगति के अहम सहभागी

अंतरराष्ट्रीय दिव्यांग दिवस पर पीएम मोदी का संदेश, दिव्यांगजन हमारी प्रगति के अहम सहभागी
अंतरराष्ट्रीय दिव्यांगजन दिवस के अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दिव्यांगजनों के सम्मान, अधिकार और अवसरों को सुनिश्चित करने के संकल्प को दोहराया। प्रधानमंत्री ने कहा कि दिव्यांगजन अपनी प्रतिभा, रचनात्मकता और दृढ़ निश्चय के दम पर जीवन के हर क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान दे रहे हैं और देश की प्रगति को नई ऊंचाइयों पर ले जा रहे हैं।

नई दिल्ली, 3 दिसंबर (आईएएनएस)। अंतरराष्ट्रीय दिव्यांगजन दिवस के अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दिव्यांगजनों के सम्मान, अधिकार और अवसरों को सुनिश्चित करने के संकल्प को दोहराया। प्रधानमंत्री ने कहा कि दिव्यांगजन अपनी प्रतिभा, रचनात्मकता और दृढ़ निश्चय के दम पर जीवन के हर क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान दे रहे हैं और देश की प्रगति को नई ऊंचाइयों पर ले जा रहे हैं।

पीएम मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर लिखा, "दिव्यांग बहनों और भाइयों की गरिमा, सुगम्यता और अवसरों को सुनिश्चित करने के लिए हमारी प्रतिबद्धता हमेशा बनी रहेगी। उन्होंने विभिन्न क्षेत्रों में अपनी रचनात्मकता और संकल्प के दम पर खास पहचान बनाई है। साथ ही, वे भारत की राष्ट्रीय प्रगति को भी सार्थक बना रहे हैं।"

उन्होंने आगे कहा कि पिछले वर्षों में केंद्र सरकार ने दिव्यांगजन कल्याण के लिए कई अहम कदम उठाए हैं, जिसमें दिव्यांग अधिकारों से जुड़े मजबूत कानून, सुगम एवं बाधारहित अवसंरचना, समावेशी शिक्षा नीतियां और सहायक तकनीक में नवाचार शामिल हैं।

पीएम मोदी ने आश्वासन दिया कि आने वाले समय में सरकार इस दिशा में और अधिक प्रयास करेगी, ताकि दिव्यांगजनों का सशक्तिकरण व्यापक स्तर पर संभव हो सके।

संयुक्त राष्ट्र महासभा ने वर्ष 1992 में 3 दिसंबर को अंतर्राष्ट्रीय विकलांग दिवस (आईडीपीडी) घोषित किया था। इसका उद्देश्य विश्वभर में दिव्यांगजनों के अधिकार, सम्मान, स्वास्थ्य, शिक्षा एवं भागीदारी को बढ़ावा देना है।

इसका मुख्य उद्देश्य दिव्यांगता से जुड़ी चुनौतियों को समझने के लिए जागरूकता बढ़ाना, दिव्यांगजनों के अधिकार, सम्मान और सुरक्षा को सुनिश्चित करना और एक समावेशी, सुगम और समान अवसरों वाला समाज बनाना है।

इस वर्ष का विषय समाज में दिव्यांगजनों की भागीदारी बढ़ाने, उनकी क्षमताओं को पहचानने और सामाजिक प्रगति में उन्हें बराबरी का स्थान देने पर केंद्रित है। संयुक्त राष्ट्र का मानना है कि जब समाज दिव्यांगजनों के लिए अनुकूल वातावरण बनाता है, तब सामाजिक और आर्थिक तौर पर व्यापक परिवर्तन संभव होते हैं।

भारत में करोड़ों दिव्यांगजन अपने-अपने क्षेत्रों में महत्वपूर्ण योगदान दे रहे हैं, खेल, कला, साहित्य, विज्ञान, तकनीक, प्रशासन से लेकर उद्यमिता तक। सरकार द्वारा सुगम भारत अभियान, दिव्यांगजन सशक्तिकरण योजनाएं, विशेष शिक्षा कार्यक्रम और नई तकनीकों की उपलब्धता जैसे कई कदम उनके जीवन में बड़ा बदलाव ला रहे हैं।

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Created On :   3 Dec 2025 5:25 PM IST

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