ब्रेस्ट कैंसर अवेयरनेस मंथ 2025 समय पर जांच और मिलजुलकर प्रयास से मृत्यु दर पर लगेगी लगाम

नई दिल्ली, 1 अक्टूबर (आईएएनएस)। अक्टूबर को पूरी दुनिया ब्रेस्ट कैंसर अवेयरनेस मंथ के रूप में मनाती है। हर साल एक थीम के साथ लोगों को जागरूक करने का बीड़ा उठाया जाता है। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने इस बार का थीम "हर कहानी अनोखी, हर यात्रा मायने रखती है" रखा है। कुछ आंकड़े डराते हैं लेकिन इसके साथ ही हमें खुद को तैयार रखने की नसीहत भी देते हैं। भारत में हर साल लगभग 2 लाख महिलाएं इस बीमारी की चपेट में आती हैं। दुनिया भर में हर 8 में से 1 महिला को जीवन में किसी न किसी समय ब्रेस्ट कैंसर होने का खतरा रहता है और ऐसा डब्ल्यूएचओ की रिपो
विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक, स्तन कैंसर दुनिया भर में महिलाओं में सबसे अधिक पाया जाने वाला कैंसर है। अगर समय रहते जांच की जाए तो ब्रेस्ट कैंसर से पीड़ित 70 प्रतिशत से अधिक मरीज पूरी तरह ठीक हो सकते हैं। मैमोग्राफी (स्तन की जांच) और सेल्फ इग्जामिनेशन (खुद का परीक्षण) शुरुआती पहचान के सबसे आसान तरीके हैं। सही खानपान, नियमित व्यायाम और जागरूकता से इस बीमारी के खतरे को काफी हद तक कम किया जा सकता है।
स्तन कैंसर का हर निदान व्यक्तिगत होता है। हर निदान के पीछे एक कहानी होती है - साहस, दृढ़ता और आशा की। इस वर्ष का विषय अनुभवों की विविधता को पहचानता है और सभी के लिए करुणामय, टाइम-बाउंड क्वालिटी केयर की आवश्यकता पर बल देता है—चाहे उनकी भौगोलिक स्थिति, आय या पृष्ठभूमि कुछ भी हो।
2022 में, लगभग 23 लाख महिलाओं में इसे डाइग्नोस किया गया। 6,70,000 महिलाओं की इस बीमारी से मौत हो गई। डब्ल्यूएचओ की रिपोर्ट के मुताबिक किसी देश के आर्थिक हालात का भी सर्वाइवल रेट पर असर पड़ता है। उच्च आय वाले देश में पांच साल तक पीड़ित के जीवित रहने की दर 90 प्रतिशत से अधिक है, वहीं भारत में यह आंकड़ा 66 प्रतिशत और दक्षिण अफ्रीका में 40 प्रतिशत तक गिर जाता है। ये असमानताएं शीघ्र पहचान, समय पर डाइग्नोस और प्रभावी उपचार तक असमान पहुंच के कारण हैं। यदि वर्तमान प्रवृत्ति जारी रहती है, तो 2050 तक स्तन कैंसर की घटनाओं और मृत्यु दर में 40 प्रतिशत की वृद्धि होने का अनुमान है, इसलिए तत्काल और मिलजुलकर काम करने की आवश्यकता है।
2021 में स्थापित, डब्ल्यूएचओ ग्लोबल ब्रेस्ट कैंसर इनिशिएटिव (जीबीसीआई) अपने सहयोगियों के साथ मिलकर, हेल्थ सिस्टम को मजबूत करके स्तन कैंसर से होने वाली मृत्यु दर को कम करने के लिए देशों के साथ मिलकर काम कर रही है।
जीबीसीआई का इस बार लक्ष्य सोशल मीडिया के जरिए लोगों को अपनी कहानी या अनुभव साझा करने के लिए प्रेरित करना है। 'वैश्विक कहानी कहने' का अभियान नीति निर्माताओं, स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं, भागीदारों, या चाहें जो हो उन सबको अपने अनुभव और स्तन कैंसर जागरूकता माह को मनाने के तरीके को दर्शाने वाले लघु वीडियो, पोस्ट या पॉडकास्ट सबमिट करने के लिए आमंत्रित करता है। हैशटैग 'एवरी स्टोरी इज यूनिक' का उपयोग करके अपनी यात्रा साझा करने के लिए भी प्रेरित किया गया है।
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Created On :   1 Oct 2025 4:18 PM IST