स्वास्थ्य/चिकित्सा: फल-फूल, पत्ते या बीज, औषधीय गुणों से भरपूर अरंडी कई बीमारियों का है शत्रु

नई दिल्ली, 28 मई (आईएएनएस)। समस्याएं हैं तो समाधान भी है। प्राचीन भारतीय चिकित्सा पद्धति आयुर्वेद में कई औषधि हैं, जो कई शारीरिक समस्याओं को दूर करने और राहत देने में सक्षम हैं। ऐसा ही एक नाम है अरंडी। आयुर्वेदाचार्य बताते हैं कि इसके फल, फूल, पत्ते या बीज हर एक भाग लाभदायी होता है।
आयुर्वेद के साथ ही ज्योतिष और तांत्रिक भी ग्रहों के दुष्प्रभावों को दूर करने के लिए अरंडी का प्रयोग करते हैं। वाराणसी के ज्योतिषाचार्य रत्नेश त्रिपाठी बताते हैं, “अरंडी का संबंध सुख-ऐश्वर्य के ग्रह शुक्र से है। जिन लोगों की रुचि प्रेम विवाह में होती है, उन्हें गले में अरंडी की जड़ों को धारण करना चाहिए। इससे शुक्र ग्रह सक्रिय होते हैं और मान्यता है कि अड़चनें दूर होती हैं।”
अरंडी बुखार, कफ, पेट दर्द, सूजन, बदन दर्द, कमर दर्द, सिर दर्द, मोटापा, कब्ज, पेट के कीड़े, बवासीर, रक्तदोष, भूख कम लगने की समस्या को दूर करने में भी लाभदायक है। यह खांसी, जुकाम, बलगम तथा पेट दर्द संबंधी समस्याओं में भी राहत देता है। यही नहीं, अरंडी के तेल से मालिश करने से मांसपेशियां मजबूत बनती हैं।
पंजाब स्थित 'बाबे के आयुर्वेदिक मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल' के डॉ. प्रमोद आनंद तिवारी ने अरंडी की खूबियों पर प्रकाश डाला। उन्होंने बताया, “अपच, कब्ज दर्द में राहत देने के अलावा अरंडी और भी कई हेल्थ बेनिफिट देता है। यह त्वचा और बालों के लिए भी बेहद लाभकारी होता है और सूजन, जलन से भी राहत दिलाता है। अरंडी विषाक्त पदार्थों को बाहर निकलने में मदद करता है।”
उन्होंने बताया कि जिन लोगों के सिर या शरीर में दर्द होता है, उन्हें अरंडी के तेल से मालिश करना चाहिए, इससे राहत मिल सकती है।
हालांकि, स्वास्थ्य विशेषज्ञ इसके इस्तेमाल में एहतियात बरतने की भी सलाह देते हैं। आयुर्वेदाचार्य ने बताया, “अरंडी आमाशय को शिथिल करता है और इससे गर्मी भी उत्पन्न होती है। ज्यादा सेवन करने से उल्टी या जी घबराने की समस्या भी हो सकती है। इस वजह से इसका सेवन सीमित मात्रा में करना चाहिए।”
आयुर्वेद में इसके इस्तेमाल को लेकर कई एहतियात सुझाए गए हैं और कब इसका प्रयोग करें, इसे लेकर भी सलाह दी गई है। चरक संहिता में इसका उल्लेख है। अरंडी खाने में तीखा, बेस्वाद होता है। ये लाल और सफेद रंग का होता है। इनमें से लाल अरंडी को गर्म दूध के साथ लेने से दर्द, वात, हृदय रोग, पुराना बुखार, कमर और पीठ के दर्द, कब्ज में भी राहत मिलती है। यही नहीं, यह हृदय को मजबूत करने के साथ ही स्मृति या याददाश्त को तेज करता है।
अस्वीकरण: यह न्यूज़ ऑटो फ़ीड्स द्वारा स्वतः प्रकाशित हुई खबर है। इस न्यूज़ में BhaskarHindi.com टीम के द्वारा किसी भी तरह का कोई बदलाव या परिवर्तन (एडिटिंग) नहीं किया गया है| इस न्यूज की एवं न्यूज में उपयोग में ली गई सामग्रियों की सम्पूर्ण जवाबदारी केवल और केवल न्यूज़ एजेंसी की है एवं इस न्यूज में दी गई जानकारी का उपयोग करने से पहले संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञों (वकील / इंजीनियर / ज्योतिष / वास्तुशास्त्री / डॉक्टर / न्यूज़ एजेंसी / अन्य विषय एक्सपर्ट) की सलाह जरूर लें। अतः संबंधित खबर एवं उपयोग में लिए गए टेक्स्ट मैटर, फोटो, विडियो एवं ऑडिओ को लेकर BhaskarHindi.com न्यूज पोर्टल की कोई भी जिम्मेदारी नहीं है|
Created On :   28 May 2025 3:12 PM IST