शेख हसीना पर केंद्र सरकार सोच समझकर ही उठाए कदम कांग्रेस नेता प्रमोद तिवारी
नई दिल्ली, 18 नवंबर (आईएएनएस)। कांग्रेस नेता प्रमोद तिवारी ने मंगलवार को बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना को मौत की सजा सुनाए जाने के संबंध में केंद्र सरकार को सोच समझकर कोई भी कदम उठाने का सुझाव दिया।
प्रमोद तिवारी ने समाचार एजेंसी आईएएनएस से बातचीत में कहा कि यह बहुत ही गंभीर विषय है। सरकार को इस पर बहुत ही जागरूक और सचेत होकर काम करना चाहिए। कोई भी कदम एकदम से नहीं उठाना चाहिए। पहले सरकार को पूरे मामले की गंभीरता को समझना होगा।
उन्होंने कहा कि निसंदेह यह कहना गलत नहीं होगा कि मौजूदा समय में बांग्लादेश सबसे भयावह दौर से गुजर रहा है। वहां पर मंदिरों पर ध्वस्त किया जा रहा है। लोगों से उनके पूजा का अधिकार छीना जा रहा है , जो कि बिल्कुल गलत है। वहां पर हिंदुओं के लिए लगातार चुनौतीपूर्ण स्थिति पैदा हो रही हैं, जिसे देखते हुए सरकार को तुरंत गंभीरतापूर्वक और समझदारी से कोई कदम उठाना चाहिए।
उन्होंने कहा कि बांग्लादेश में हिंदुओं से उनके पूजा का अधिकार छीना जा रहा है। उनकी पूजा पद्धति पर हमला किया जा रहा है । इसकी जितनी निंदा करें, उतनी कम है। हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि किसी भी अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों के हितों पर कोई कुठाराघात न हो।
अंतरराष्ट्रीय अपराध न्यायाधिकरण (आईसीटी) ने बांग्लादेश की अपदस्थ प्रधानमंत्री और अवामी लीग की अध्यक्ष शेख हसीना को मानवता के विरुद्ध अपराध का दोषी बताते हुए मौत की सजा सुनाई है। 17 नवंबर को ही वर्षों पहले शेख हसीना का निकाह हुआ था। जीवन के खास दिन पर ही उन्हें सबसे बुरी खबर मिली। बांग्लादेश की इंटरनेशनल क्राइम्स ट्रिब्यूनल (आईसीटी) की तीन सदस्यीय पीठ ने सोमवार दोपहर को ये फैसला सुनाया था।
मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, शेख हसीना ने 1967 में शेख मुजीब के जेल में रहने के दौरान अपनी मां फजीलतुन नेसा की देखरेख में प्रसिद्ध परमाणु वैज्ञानिक एम.ए. वाजेद मिया से निकाह किया था। बांग्लादेश टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, फजीलतुन नेसा ने जल्दबाजी में इस जोड़े के निकाह की व्यवस्था की थी।
शेख हसीना और एम.ए. वाजेद मिया के दो बच्चे हैं, सजीब वाजेद जॉय और साइमा वाजेद पुतुल। सजीब वाजेद जॉय का जन्म 27 जुलाई, 1971 को और साइमा वाजेद पुतुल का जन्म 9 दिसंबर, 1972 को हुआ था।
शेख हसीना अब तक पांच बार प्रधानमंत्री रह चुकी हैं। उन्होंने पहली बार 1996 से 2001 तक प्रधानमंत्री के रूप में कार्य किया। इसके बाद 2009 से 2014 तक दूसरी बार, 2014 से 2019 तक तीसरी बार, 2019 से 2024 तक चौथी बार और 2024 में पांचवीं बार प्रधानमंत्री के रूप में चुनी गईं। 5 अगस्त 2024 को छात्र विरोध प्रदर्शनों के कारण शेख हसीना को सत्ता छोड़नी पड़ी थी। बांग्लादेश में अपने खिलाफ पनपे आक्रोश के बाद शेख हसीना भारत आ गई थीं।
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Created On :   18 Nov 2025 3:22 PM IST












