स्वास्थ्य/चिकित्सा: दिल्ली-एनसीआर में तेजी से बढ़ रहे एच3एन2 के मामले, विशेषज्ञों ने बदलते मौसम को बताया जिम्मेदार

दिल्ली-एनसीआर में तेजी से बढ़ रहे एच3एन2 के मामले, विशेषज्ञों ने बदलते मौसम को बताया जिम्मेदार
स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने बुधवार को कहा कि मौसम की बदलती परिस्थितियां दिल्ली-एनसीआर में इन्फ्लूएंजा ए स्ट्रेन एच3एन2 के मामलों को बढ़ा रही हैं।

नई दिल्ली, 17 सितंबर (आईएएनएस)। स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने बुधवार को कहा कि मौसम की बदलती परिस्थितियां दिल्ली-एनसीआर में इन्फ्लूएंजा ए स्ट्रेन एच3एन2 के मामलों को बढ़ा रही हैं।

एच3एन2 एक मौसमी फ्लू है जो मनुष्यों में फैलता है और समय के साथ म्यूटेट होता रहता है।

बच्चे, बुजुर्ग और गर्भवती महिलाएं इस बीमारी के प्रति सबसे अधिक संवेदनशील होते हैं। यह कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली वाले लोगों और अस्थमा, सीओपीडी, हृदय रोग या मधुमेह के रोगियों में अधिक गंभीर रूप ले सकता है।

एम्स के आंतरिक चिकित्सा विभाग के अतिरिक्त प्रोफेसर अनिमेष रे ने आईएएनएस को बताया, "एच3एन2 के कारण इन्फ्लूएंजा के मामले बढ़ रहे हैं। इसके प्रमुख लक्षणों में बुखार, खांसी, गले में खराश, और मांसपेशियों में दर्द शामिल हैं।"

विशेषज्ञ ने बताया कि यह स्थिति आमतौर पर हल्की होती है, लेकिन अन्य बीमारियों से ग्रसित लोगों में यह गंभीर हो सकती है।

रे ने कहा, "हालांकि ज्यादातर मामले हल्के होते हैं, फिर भी पिछली कोमोरबिडिटी (एक ही समय में एक से अधिक बीमारियों का होना) वाले लोग जिन्हें गुर्दे की समस्या, मधुमेह, हृदय रोग, या फेफड़ों की बीमारियां हैं, उन्हें निमोनिया या फिर लंग फेल्योर से जूझना पड़ सकता है।"

सोशल कम्युनिटी प्लेटफॉर्म लोकलसर्किल्स द्वारा 11,000 से ज्यादा घरों पर किए गए एक सर्वेक्षण के अनुसार, 69 प्रतिशत घरों में कम से कम एक सदस्य में बुखार, खांसी, गले में खराश और सांस लेने में तकलीफ जैसे लक्षण दिखाई देने की बात कही गई है।

शहर के एक प्रमुख अस्पताल में वरिष्ठ सलाहकार चिकित्सा डॉ. अतुल गोगिया ने आईएएनएस को बताया, "मौसम में बदलाव और टीकाकरण की कमी के कारण ये मामले बढ़ रहे हैं।"

उन्होंने आगे कहा, "इसके लक्षण मौसमी फ्लू जैसे ही होते हैं। खांसी, जुकाम और नाक बहने के अलावा ये फेफड़ों को प्रभावित कर सकते हैं जिससे आगे चलकर निमोनिया भी हो सकता है।"

बच्चों में, इसके लक्षणों में मतली, उल्टी या दस्त शामिल हो सकते हैं। कई रोगियों ने 5-7 दिनों तक बुखार रहने और अन्य लक्षण कम होने के बाद भी खांसी बने रहने की जानकारी दी।

विशेषज्ञों ने एच3एन2 से बचाव के लिए उचित रूप से हाथ धोने, मास्क पहनने और टीकाकरण की सलाह दी। उन्होंने सालाना टीकाकरण कराने और पीड़ितों के संपर्क से बचने का भी सुझाव दिया।

अस्वीकरण: यह न्यूज़ ऑटो फ़ीड्स द्वारा स्वतः प्रकाशित हुई खबर है। इस न्यूज़ में BhaskarHindi.com टीम के द्वारा किसी भी तरह का कोई बदलाव या परिवर्तन (एडिटिंग) नहीं किया गया है| इस न्यूज की एवं न्यूज में उपयोग में ली गई सामग्रियों की सम्पूर्ण जवाबदारी केवल और केवल न्यूज़ एजेंसी की है एवं इस न्यूज में दी गई जानकारी का उपयोग करने से पहले संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञों (वकील / इंजीनियर / ज्योतिष / वास्तुशास्त्री / डॉक्टर / न्यूज़ एजेंसी / अन्य विषय एक्सपर्ट) की सलाह जरूर लें। अतः संबंधित खबर एवं उपयोग में लिए गए टेक्स्ट मैटर, फोटो, विडियो एवं ऑडिओ को लेकर BhaskarHindi.com न्यूज पोर्टल की कोई भी जिम्मेदारी नहीं है|

Created On :   17 Sept 2025 6:40 PM IST

Tags

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story