मतगणना प्रक्रिया को सुव्यवस्थित करने की पहल, चुनाव आयोग ने जारी किए निर्देश

मतगणना प्रक्रिया को सुव्यवस्थित करने की पहल, चुनाव आयोग ने जारी किए निर्देश
चुनाव आयोग ने गुरुवार को पिछले छह महीनों में अपने 30वें बड़े कदम के तौर पर एक नया निर्देश जारी किया। इसका उद्देश्य मतगणना प्रक्रिया को सुव्यवस्थित करना है, खासकर डाक मतपत्रों की गिनती के लिए।

नई दिल्ली, 25 सितंबर (आईएएनएस)। चुनाव आयोग ने गुरुवार को पिछले छह महीनों में अपने 30वें बड़े कदम के तौर पर एक नया निर्देश जारी किया। इसका उद्देश्य मतगणना प्रक्रिया को सुव्यवस्थित करना है, खासकर डाक मतपत्रों की गिनती के लिए।

आयोग के प्रेस नोट में इस कदम के बारे में बताया गया, जिसका उद्देश्य वोटों की गिनती में देरी को कम करने के साथ-साथ पारदर्शिता और एकरूपता सुनिश्चित करना है।

चुनाव आयोग का यह फैसला पोस्टल बैलेट की संख्या में हुई भारी बढ़ोतरी के मद्देनजर लिया गया है। यह बढ़ोतरी विकलांग व्यक्तियों (पीडब्ल्यूडी) और 85 वर्ष से अधिक उम्र के वरिष्ठ नागरिकों के लिए घर पर मतदान जैसी हाल की पहलों का परिणाम है।

हालांकि, आमतौर पर पोस्टल बैलेट की गिनती इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) से वोटों की गिनती से पहले पूरी हो जाती है, लेकिन यह नया नियम इस प्रक्रिया को औपचारिक बनाने के लिए है।

नए निर्देश के अनुसार, चुनाव आयोग ने कहा कि ईवीएम/वीवीपैट की मतगणना का दूसरा अंतिम चरण तब तक शुरू नहीं होगा जब तक डाक मतपत्रों (पोस्टल बैलट) की गिनती पूरी नहीं हो जाती उस मतगणना केंद्र पर जहां डाक मतपत्रों की गिनती हो रही है।

चुनाव आयोग ने यह भी निर्देश दिया कि जहां डाक मतपत्रों की संख्या अधिक हो, वहां रिटर्निंग ऑफिसर (आरओ) को यह सुनिश्चित करना होगा कि पर्याप्त संख्या में टेबल और गिनती कर्मचारी उपलब्ध हों ताकि कोई देरी न हो और मतगणना प्रक्रिया को और सुचारू बनाया जा सके।

प्रेस नोट में इस बात पर जोर दिया गया है कि यह पूरी प्रक्रिया को और अधिक सुव्यवस्थित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

यह पहल चुनाव आयोग की ओर से पिछले छह महीनों में किए गए व्यापक चुनावी सुधारों की श्रृंखला का एक हिस्सा है।

आयोग के पिछले 29 उपायों में मतदाताओं की सुविधा बढ़ाने, चुनावी प्रणाली को मजबूत करने और तकनीक के उपयोग को बेहतर बनाने की पहल शामिल रही हैं।

इनमें मतदाताओं के लिए मोबाइल डिपॉजिट सुविधा, 808 रजिस्टर्ड गैर-मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों (आरयूपीपी) को सूची से हटाना, भीड़ कम करने के लिए एक मतदान केंद्र में 1,200 से अधिक मतदाता न रखना, बीएलओ को स्टैंडर्ड फोटो आईडी कार्ड जारी करना, ईआरओ, डीईओ और सीईओ स्तर पर देश भर में 4,719 सर्वदलीय बैठकें आयोजित करना, ईसीआईएनईटी डिजिटल प्लेटफॉर्म का शुभारंभ आदि शामिल हैं।

पोस्टल बैलेट पर नया निर्देश चुनाव आयोग की चुनावी प्रणाली की कार्यक्षमता और पारदर्शिता में सुधार के प्रति उसकी निरंतर प्रतिबद्धता को और मजबूत करता है।

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Created On :   25 Sept 2025 2:40 PM IST

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