फेमा जांच को लेकर ईडी ने इंदौर और मुंबई में रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर से जुड़े 6 ठिकानों पर की छापेमारी

फेमा जांच को लेकर ईडी ने इंदौर और मुंबई में रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर से जुड़े 6 ठिकानों पर की छापेमारी
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मंगलवार को विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम (फेमा) के तहत कथित तौर पर रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर द्वारा अवैध रूप से धन को विदेश भेजने की जांच को लेकर इंदौर और मुंबई में छह ठिकानों पर छापेमारी की।

मुंबई, 30 सितंबर (आईएएनएस)। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मंगलवार को विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम (फेमा) के तहत कथित तौर पर रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर द्वारा अवैध रूप से धन को विदेश भेजने की जांच को लेकर इंदौर और मुंबई में छह ठिकानों पर छापेमारी की।

रिपोर्ट्स के अनुसार, ईडी की टीम ने इंदौर बेस्ड पाथ इंडिया ग्रुप के कार्यालयों और घरों पर भी छापेमारी की। पाथ इंडिया ग्रुप टोल रोड प्रोजेक्ट्स और दूसरे वेंचर में अनियमितताओं के लिए जांच के दायरे में है।

अधिकारियों की टीम कई गाड़ियों में मऊ के माल रोड 76 स्थित फर्म के हेडक्वार्टर और कंपनी के डायरेक्टर्स के घरों में पहुंची।

पाथ इंडिया ग्रुप के मैनेजिंग डायरेक्टर नितिन अग्रवाल हैं, जबकि निपुण अग्रवाल, सक्षम अग्रवाल, नीति अग्रवाल और संतोष अग्रवाल कंपनी में डायरेक्टर के पद पर हैं। आशीष अग्रवाल और आदित्य उपाध्याय स्वतंत्र निदेशक हैं। निदेशकों में से एक नीति अग्रवाल, अभिनेता अमिताभ बच्चन के साथ इंडियन स्ट्रीट प्रीमियर लीग (आईएसपीएल) में मुंबई टीम की को-ऑनर भी हैं।

यह छापेमारी अनिल अंबानी से जुड़े बैंक लोन स्कैम की व्यापक जांच का हिस्सा मानी जा रही है।

जांचकर्ताओं का मानना ​​है कि रिलायंस ग्रुप की कंपनियों और पाथ ग्रुप के बीच कई कंस्ट्रक्शन वर्क एग्रीमेंट्स हुए थे, जिनके तहत एक बड़ी रकम का लेन-देन हुआ होगा।

यह कार्रवाई अनिल अंबानी से जुड़ी संस्थाओं पर पहले की छापेमारी के बाद हुई।

इससे पहले अगस्त में सीबीआई ने स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के 2,000 करोड़ रुपए से अधिक के कथित धोखाधड़ी मामले में रिलायंस कम्युनिकेशंस (आरकॉम) और प्रमोटर अनिल अंबानी से जुड़े ठिकानों पर छापेमारी की थी।

बैंक ने समूह कंपनियों के बीच ट्रांजैक्शन के कॉम्प्लेक्स वेब के माध्यम से लोन के दुरुपयोग का पता चलने के बाद आरकॉम और अनिल अंबानी को पहले ही फ्रॉड घोषित कर दिया था।

इस महीने की शुरुआत में, ईडी ने 17,000 करोड़ रुपए के लोन धोखाधड़ी की जांच में कई घंटों तक अनिल अंबानी से पूछताछ की थी। उन्हें फिर से बुलाए जाने की संभावना है।

इस छापेमारी के साथ ईडी ने संबंधित संस्थाओं की जांच का दायरा बढ़ा दिया है। शक है कि बैंक लोन से पैसे निकालने के लिए मध्यस्थ समझौतों के माध्यम से फंड का दुरुपयोग किया गया था।

छापेमारी के दौरान अधिकारियों ने दस्तावेज, फाइनेंशियल रिकॉर्ड और डिजिटल सबूत जब्त किए हैं।

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Created On :   30 Sept 2025 5:49 PM IST

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