विज्ञान/प्रौद्योगिकी: बीते एक दशक में भारत का मोबाइल फोन का निर्यात 127 गुना बढ़ा केंद्र सरकार

बीते एक दशक में भारत का मोबाइल फोन का निर्यात 127 गुना बढ़ा  केंद्र सरकार
मोदी सरकार के नेतृत्व में भारत से मोबाइल फोन के निर्यात में काफी वृद्धि हुई है। पिछले एक दशक में यह 127 गुना बढ़कर 2014-15 में मात्र 0.01 लाख करोड़ रुपए से बढ़कर 2024-25 में 2 लाख करोड़ रुपए पर पहुंच गया है। यह जानकारी सरकार की ओर से बुधवार को संसद में दी गई।

नई दिल्ली, 20 अगस्त (आईएएनएस)। मोदी सरकार के नेतृत्व में भारत से मोबाइल फोन के निर्यात में काफी वृद्धि हुई है। पिछले एक दशक में यह 127 गुना बढ़कर 2014-15 में मात्र 0.01 लाख करोड़ रुपए से बढ़कर 2024-25 में 2 लाख करोड़ रुपए पर पहुंच गया है। यह जानकारी सरकार की ओर से बुधवार को संसद में दी गई।

सरकारी अधिकारियों ने इस मजबूत वृद्धि का श्रेय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 'मेक इन इंडिया' और 'आत्मनिर्भर भारत' विजन के तहत शुरू किए गए सुधारों और नीतिगत उपायों को दिया, जिसने भारत को इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग के वैश्विक केंद्र के रूप में स्थापित किया है।

इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री जितिन प्रसाद ने लोकसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में कहा कि मोबाइल फोन का उत्पादन 2014-15 में 0.18 लाख करोड़ रुपए से बढ़कर 2024-25 में 5.5 लाख करोड़ रुपए हो गया है, जो 28 गुना की वृद्धि को दर्शाता है।

इसी अवधि के दौरान, मोबाइल मैन्युफैक्चरिंग यूनिट्स की संख्या 2014 में केवल दो से बढ़कर 2025 में 300 से अधिक हो गई, जो 150 गुना वृद्धि है।

इस उपलब्धि के कारण, भारत जो कभी अपनी मोबाइल फोन की लगभग तीन-चौथाई मांग को पूरा करने के लिए आयात पर निर्भर था, अब कुल बेची गई यूनिट्स का नगण्य 0.02 प्रतिशत आयात करता है।

इसके अतिरिक्त, देश का कुल इलेक्ट्रॉनिक्स उत्पादन भी पिछले दशक में छह गुना बढ़कर 1.9 लाख करोड़ रुपए से 11.3 लाख करोड़ रुपए हो गया है, जबकि इलेक्ट्रॉनिक वस्तुओं का निर्यात आठ गुना बढ़कर 2024-25 में 3.3 लाख करोड़ रुपए हो गया है।

सरकार ने इस बदलाव का श्रेय बड़े पैमाने पर इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी हार्डवेयर के लिए प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव (पीएलआई), इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग क्लस्टर (ईएमसी और ईएमसी 2.0), स्कीम फॉर प्रमोशन ऑफ मैन्युफैक्चरिंग ऑफ इलेक्ट्रॉनिक कंपोनेंट एंड सेमीकंडक्टर (एसपीईसीएस), और सार्वजनिक खरीद में मेक इन इंडिया को वरीयता देने जैसी प्रमुख योजनाओं को दिया है।

इन पहलों ने पूरे भारत में इलेक्ट्रॉनिक्स क्षेत्र में अनुमानित 25 लाख प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोजगार सृजित किए हैं।

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Created On :   20 Aug 2025 2:35 PM IST

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