व्यापार: सरकारी कर्मचारियों को शेयर और म्युचुअल फंड में निवेश की अनुमति, इंट्राडे ट्रेडिंग पर रोक

सरकारी कर्मचारियों को शेयर और म्युचुअल फंड में निवेश की अनुमति, इंट्राडे ट्रेडिंग पर रोक
छत्तीसगढ़ के सरकारी अधिकारी व कर्मचारी अब शेयर, सिक्योरिटीज और म्यूचुअल फंड आदि में लंबे समय के लिए निवेश कर सकेंगे। इसकी छूट राज्य सरकार द्वारा दे दी गई है। सामान्य प्रशासन विभाग ने छत्तीसगढ़ सिविल सेवा (आचरण) नियम, 1965 में संशोधन की अधिसूचना जारी की है, जिसके तहत भारत सरकार के प्रावधानों की तर्ज पर अब राज्य के सरकारी कर्मचारियों को शेयर, प्रतिभूतियों, डिबेंचर और म्यूचुअल फंड में निवेश की अनुमति दी गई है।

रायपुर, 2 जुलाई (आईएएनएस)। छत्तीसगढ़ के सरकारी अधिकारी व कर्मचारी अब शेयर, सिक्योरिटीज और म्यूचुअल फंड आदि में लंबे समय के लिए निवेश कर सकेंगे। इसकी छूट राज्य सरकार द्वारा दे दी गई है। सामान्य प्रशासन विभाग ने छत्तीसगढ़ सिविल सेवा (आचरण) नियम, 1965 में संशोधन की अधिसूचना जारी की है, जिसके तहत भारत सरकार के प्रावधानों की तर्ज पर अब राज्य के सरकारी कर्मचारियों को शेयर, प्रतिभूतियों, डिबेंचर और म्यूचुअल फंड में निवेश की अनुमति दी गई है।

लेकिन, इंट्राडे ट्रेडिंग पर अब भी रोक है। यह संशोधन नियम 19 में एक नई उपधारा जोड़कर लागू किया गया है, जिसका उद्देश्य वित्तीय लेन-देन में पारदर्शिता सुनिश्चित करना है। हालांकि, अधिसूचना में स्पष्ट रूप से प्रावधान किया गया है कि इंट्राडे ट्रेडिंग, बीटीएसटी, फ्यूचर्स एंड ऑप्शंस (एफएंडओ) और क्रिप्टोकरेंसी जैसी निवेश गतिविधियों पर प्रतिबंध लागू रहेगा।

जीएडी सचिव रजत कुमार के हस्ताक्षर से जारी अधिसूचना के अनुसार, शेयर, सिक्योरिटीज, डिबेंचर, म्यूचुअल फंड और क्रिप्टोकरेंसी में लगातार निवेश या ट्रेडिंग, जैसे इंट्रा-डे ट्रेडिंग, बीटीएसटी (आज खरीदें, कल बेचें), फ्यूचर और ऑप्शन डीलिंग, अब सिविल सेवा आचरण नियम के तहत "कदाचार" माना जाएगा। इतना ही नहीं, अधिसूचना में कहा गया है कि इन गतिविधियों को सेवा नियम-19 के तहत भ्रष्टाचार की श्रेणी में लाया जाएगा। इसका मतलब है कि नियमों का उल्लंघन करने वाले अधिकारियों/कर्मचारियों के खिलाफ विभागीय कार्रवाई, निलंबन या कानूनी कार्रवाई की संभावना होगी।

पिछले कुछ महीनों में राज्य के शिक्षकों और द्वितीय-तृतीय श्रेणी के कर्मचारियों द्वारा बड़े पैमाने पर निजी निवेश के कई मामले सामने आए थे। कुछ मामलों में कर्मचारियों द्वारा उपहार के रूप में म्यूचुअल फंड यूनिट और निवेश प्रमाण पत्र प्राप्त करने की शिकायतें मिली थीं। जांच के दौरान कुछ लोगों को गिरफ्तार भी किया गया था। सरकार ने यह सख्त फैसला नैतिकता, पारदर्शिता और भ्रष्टाचार नियंत्रण से जोड़कर लिया है।

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Created On :   2 July 2025 2:12 PM IST

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