हरमनराय सिंह सेहगल: एक युवा निर्माता जो कहानियों को स्क्रीन से आगे ले जा रहे हैं

एक युवा निर्माता जो कहानियों को स्क्रीन से आगे ले जा रहे हैं
कभी-कभी कोई युवा कलाकार फिल्म जगत में सिर्फ़ फिल्में बनाने नहीं, बल्कि कहानी कहने के तरीके को बदलने के इरादे से कदम रखता है। हरमनराय सिंह सेहगल उन्हीं में से एक हैं।

कभी-कभी कोई युवा कलाकार फिल्म जगत में सिर्फ़ फिल्में बनाने नहीं, बल्कि कहानी कहने के तरीके को बदलने के इरादे से कदम रखता है।

हरमनराय सिंह सेहगल उन्हीं में से एक हैं।

बचपन से ही हरमनराय का माहौल सिनेमा से जुड़ा रहा। उनके पिता के दोस्त फ़िल्म इंडस्ट्री से थे, और वहीं से कैमरे, सेट्स और कहानी कहने की दुनिया ने उन्हें आकर्षित किया।

जहां बाकी बच्चे फिल्मों को मनोरंजन की तरह देखते थे, वहीं हरमनराय उन्हें एक भाषा की तरह महसूस करते थे एक ऐसी भाषा, जिसे वे पूरी गहराई से बोलना चाहते थे।

आगे चलकर इस जुनून ने एक दिशा ली, जब उन्होंने Whistling Woods International से मास्टर्स इन प्रोड्यूसिंग की पढ़ाई पूरी की। वहीं से उन्होंने सीखा कि सिनेमा सिर्फ़ रोशनी और कैमरे का खेल नहीं, बल्कि भावनाओं और दृष्टिकोण का संयोजन है।

एचएसएस प्रोडक्शन की शुरुआत

अपनी कल्पनाओं और सपनों को साकार करने के लिए हरमनराय ने अपनी खुद की प्रोडक्शन कंपनी शुरू की HSS Production।

छोटी शुरुआत के बावजूद, कंपनी का लॉन्च बड़ा था इशा कोप्पिकर जैसे सितारों की मौजूदगी में हुए लॉन्च इवेंट्स ने सोशल मीडिया पर धमाल मचा दिया।

उनके इवेंट्स के वीडियो को लाखों व्यूज़ मिले और जल्द ही HSS Production एक पहचाना हुआ नाम बन गया।

आज यह कंपनी विज्ञापन, म्यूज़िक वीडियो और रीजनल सिनेमा के क्षेत्र में विस्तार कर रही है।

हरमनराय की खासियत है लक्ज़री, क्रिएटिविटी और कहानी कहने की कला को एक साथ जोड़ना।

छात्र से पेशेवर निर्माता बनने तक का सफर

हरमनराय का सफर आसान नहीं था। एक विद्यार्थी के रूप में छोटे-छोटे प्रोजेक्ट्स से शुरू होकर, उन्होंने धीरे-धीरे प्रोफेशनल दुनिया में कदम रखा।

उन्होंने नए टैलेंट्स को मौका दिया, और साथ ही बॉलीवुड के जाने-माने चेहरों को भी अपने प्रोजेक्ट्स से जोड़ा।

नई सोच और अनुभवी चेहरे यही उनका स्टाइल बन गया।

प्रमुख प्रोजेक्ट्स

रॉकेटशिप (आने वाली फ़िल्म)

निर्देशक अर्जुन मेनन द्वारा निर्देशित और इशा कोप्पिकर अभिनीत रॉकेटशिप हरमनराय की अब तक की सबसे बड़ी प्रोडक्शन है।

फ़िल्म का पोस्टर पहले ही सोशल मीडिया पर चर्चा में है और अब इसकी OTT रिलीज़ को लेकर बातचीत जारी है।

यह प्रोजेक्ट दिखाता है कि एक युवा प्रोड्यूसर भी बड़े सपने देखते हुए मौलिक कहानियाँ बना सकता है।

क़ुर्बत

उनकी फ़िल्म क़ुर्बत पहले ही कई पुरस्कार जीत चुकी है और कई फिल्म फ़ेस्टिवलों में सराही जा रही है।

भावनात्मक कहानी और उम्दा सिनेमैटोग्राफी इसे एक यादगार प्रोजेक्ट बनाते हैं।

छोटे बस कर (म्यूज़िक वीडियो)

संगीत की दुनिया में कदम रखते हुए हरमनराय ने छोटे बस कर का निर्माण किया एक स्टाइलिश और एनर्जेटिक म्यूज़िक वीडियो, जिसने HSS Production को मनोरंजन जगत में और मज़बूत पहचान दी।

फ्रेंड्स ऑफ डिसेबल्ड (एनडीटीवी डॉक्युमेंट्री)

यह हरमनराय के दिल के क़रीब प्रोजेक्ट्स में से एक है। Friends of Disabled ने NDTV–Hyundai Samarth Short Film Contest में जीत हासिल की और NDTV India पर टेलीकास्ट भी हुआ।

यह फ़िल्म साहस और संवेदना की कहानियों पर आधारित थी, और यह दर्शाती है कि हरमनराय सिर्फ़ ग्लैमर नहीं, सार्थक सिनेमा पर भी विश्वास करते हैं।

कैमरे के पीछे और सोशल मीडिया के सामने

अगर आप इंस्टाग्राम पर उनके प्रोफाइल @harmanraai_singh_sehgal_ पर जाएं, तो आपको पता चलेगा कि हरमनराय सिर्फ़ पर्दे के पीछे नहीं, बल्कि सामने भी उतने ही दमदार है.

सम्मान और रिश्ते

NDTV–Hyundai प्रतियोगिता में मिली जीत ने हरमनराय को एक अलग पहचान दी।

इसके बाद उन्होंने बॉलीवुड जगत में कई अभिनेताओं, निर्देशकों और प्रोडक्शन हाउस के साथ मजबूत रिश्ते बनाए, और क्रिएटिव सहयोग के कई नए रास्ते खोले।

आगे का रास्ता

जहाँ रॉकेटशिप अपनी OTT रिलीज़ की ओर बढ़ रही है, वहीं हरमनराय अगले 2–3 महीनों में अपनी पहली फीचर फ़िल्म की तैयारी शुरू करने जा रहे हैं।

कई नामी अभिनेताओं और प्रोडक्शन हाउस के साथ बातचीत जारी है, और यह प्रोजेक्ट उनके करियर का अगला बड़ा कदम होगा।

HSS Production के भविष्य की योजना साफ़ है:

 विज्ञापन और ब्रांडेड कंटेंट में विस्तार।

 म्यूज़िक वीडियो और मनोरंजन प्रोजेक्ट्स की नई सीरीज़।

 रीजनल सिनेमा में कदम रखकर पूरे भारत में दर्शकों तक पहुँचना।

नई पीढ़ी के कहानीकार की आवाज़

हरमनराय सिंह सेहगल आज की उस नई पीढ़ी का चेहरा हैं जो सिर्फ़ फिल्मों का सपना नहीं देखते, बल्कि अपने दम पर अपनी जगह बनाते हैं।

वे सिनेमा के कला पक्ष को भी समझते हैं और उसके बिज़नेस पक्ष को भी।

क्लासरूम से लेकर नेशनल टेलीविज़न तक, शॉर्ट फिल्मों से लेकर OTT प्रोजेक्ट्स तक हरमनराय का सफर यह साबित करता है कि अगर जज़्बा और मेहनत साथ हों, तो हर कहानी अपने दर्शक खुद ढूंढ लेती है।

और शायद यही वजह है कि आज जब लोग सिनेमा की नई परिभाषा खोज रहे हैं, हरमनराय सिंह सेहगल का नाम एक नई शुरुआत का प्रतीक बनता जा रहा है।

Created On :   10 Oct 2025 5:15 PM IST

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