भाजपा ने तिरुवनंतपुरम नगर निगम में करोड़ों रुपए के भ्रष्टाचार का आरोप लगाया
तिरुवनंतपुरम,5 दिसंबर (आईएएनएस)। तिरुवनंतपुरम में स्थानीय निकाय चुनावों में महज चार दिन शेष रह गए हैं। वहीं, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने शुक्रवार को तिरुवनंतपुरम निगम की रसोई के कूड़ेदान वितरण परियोजना में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगाए।
पार्टी ने सत्ताधारी सीपीआई (एम) के नेतृत्व वाले प्रशासन पर आंकड़ों में हेरफेर करने, टेंडर के नियमों का उल्लंघन करने और बाद की जांच को पटरी से उतारने का आरोप लगाया।
राज्य भाजपा अध्यक्ष राजीव चंद्रशेखर सहित पार्टी नेतृत्व ने चेतावनी दी कि वे जल्द ही अपने आरोपों को साबित करने के लिए वित्तीय रिकॉर्ड और आंतरिक संचार सहित दस्तावेजी सबूत जारी करेंगे।
भाजपा नेताओं के अनुसार, नगर निकाय ने 5,000 से अधिक रसोई कूड़ेदान वितरित नहीं किए। हालांकि, बाद में आधिकारिक रिकॉर्ड में दावा किया गया कि प्रोजेक्ट के तहत 60,000 कूड़ेदान वितरित किए गए थे।
उन्होंने आरोप लगाया कि संख्याओं में यह भारी बढ़ोतरी कई करोड़ के भ्रष्टाचार का संकेत देती है।
नेताओं ने जोर देकर कहा कि यह विसंगति इतनी बड़ी है कि इसे लिपिक की गलती नहीं माना जा सकता। यह जानबूझकर किया गया काम है, जिसका उद्देश्य जनता के धन को हड़पना है।
भाजपा ने इस परियोजना का टेंडर कोयंबटूर की एक कंपनी को दिए जाने पर भी निशाना साधा।
पार्टी ने आरोप लगाया कि फर्म ने पात्रता मानदंडों, गुणवत्ता मूल्यांकन और वित्तीय मानदंडों को नजरअंदाज करके अनुबंध हासिल किया।
भाजपा ने आरोप लगाया कि एक ही कंपनी को फायदा पहुंचाने के लिए हर गाइडलाइन को नजरअंदाज किया गया। यह टेंडर में हेरफेर का एक अनोखा मामला है।
पार्टी ने आगे आरोप लगाया कि निगम ने आंतरिक जांच का जिम्मा ऐसे अधिकारियों को सौंपकर मामले को दबाने की कोशिश की, जो खुद इन अनियमितताओं से जुड़े थे।
उन्होंने दावा किया कि इसके परिणामस्वरूप, सतर्कता और भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो की जांच भी गुमराह हो गई, जिससे निष्पक्ष और पारदर्शी जांच नहीं हो पाई।
भाजपा नेताओं ने कहा कि जांच शुरू से ही प्रभावित थी।
भाजपा ने अपने हमले को तेज करते हुए वरिष्ठ सीपीआई (एम) नेताओं पर शहर में सड़क निर्माण ठेकों के जरिए करोड़ों रुपए की रिश्वत लेने का भी आरोप लगाया।
उन्होंने आरोप लगाया कि कई काम सिर्फ कागजों पर पूरे दिखाए गए, जबकि ठेकेदार और राजनीतिक बिचौलियों ने मिलकर पैसे बांटे।
उन्होंने दावा किया कि यह कोई अकेली घटना नहीं है। यह निगम में भ्रष्टाचार के एक बड़े पैटर्न का हिस्सा है।"
उन्होंने कहा, "तिरुवनंतपुरम के लोगों को इस घोटाले की पूरी सच्चाई जानने का हक है। हम आने वाले दिनों में सब कुछ सामने लाएंगे।"
तिरुवनंतपुरम निगम में भाजपा 100 वार्डों में से 35 वार्डों के साथ सबसे बड़ी विपक्षी पार्टी है, जबकि कांग्रेस के नेतृत्व वाले यूडीएफ के पास सिर्फ 10 सीटें हैं। वहीं, सत्ताधारी सीपीएम के नेतृत्व वाला लेफ्ट 51 सीटों के साथ राज कर रहा है।
अस्वीकरण: यह न्यूज़ ऑटो फ़ीड्स द्वारा स्वतः प्रकाशित हुई खबर है। इस न्यूज़ में BhaskarHindi.com टीम के द्वारा किसी भी तरह का कोई बदलाव या परिवर्तन (एडिटिंग) नहीं किया गया है| इस न्यूज की एवं न्यूज में उपयोग में ली गई सामग्रियों की सम्पूर्ण जवाबदारी केवल और केवल न्यूज़ एजेंसी की है एवं इस न्यूज में दी गई जानकारी का उपयोग करने से पहले संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञों (वकील / इंजीनियर / ज्योतिष / वास्तुशास्त्री / डॉक्टर / न्यूज़ एजेंसी / अन्य विषय एक्सपर्ट) की सलाह जरूर लें। अतः संबंधित खबर एवं उपयोग में लिए गए टेक्स्ट मैटर, फोटो, विडियो एवं ऑडिओ को लेकर BhaskarHindi.com न्यूज पोर्टल की कोई भी जिम्मेदारी नहीं है|
Created On :   5 Dec 2025 9:05 PM IST












