राष्ट्रीय: बिहार में होगा हाइब्रिड बीज का उत्पादन, किसानों की लागत में आएगी कमी कृषि मंत्री मंगल पांडेय
पटना, 7 अगस्त (आईएएनएस)। बिहार में बुधवार को कृषि विभाग के कार्यक्रम और उपलब्धि को लेकर प्रेस कॉन्फ्रेंस का आयोजन किया गया। कृषि मंत्री मंगल पांडेय ने कहा कि बीज उत्पादन कंपनियों के साथ मिलकर राज्य के अंदर हाइब्रिड बीज का उत्पादन किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि इस साल कृषि विभाग ने एक विशेष अभियान चलाया है। बीज उत्पादन को हम लोगों ने प्राथमिकता दी है। बड़ी संख्या में विभिन्न फसलों के लिए बीजों को दूसरे राज्य से मंगाना पड़ता था। हमारी सरकार ने संकर बीज (हाइब्रिड) और अन्य बीज उत्पादन के लिए एक नीति बनाने का फैसला लिया है। बीज उत्पादन कंपनियों के साथ मिलकर राज्य के अंदर हाइब्रिड बीज का उत्पादन किया जाएगा।
ऐसी कंपनियां जो बिहार में आकर बीज उत्पादन करना चाहती हैं उसे बिहार कृषि प्रोत्साहन निवेश नीति के अंतर्गत सब्सिडी की व्यवस्था का भी प्रावधान किया गया है। यदि हमारे बिहार के अंदर बीज का उत्पादन होने लगेगा तो बीज के दाम में कमी आएगी। किसानों की लागत कम हो जाएगी, जिससे उनकी आमदनी बढ़ेगी।
उन्होंने कहा कि राज्य में धान की रोपाई का मौसम चल रहा है। इस साल धान का कुल आच्छादन का जो लक्ष्य हम लोगों ने रखा था वो 36.54 लाख हेक्टेयर है। मक्का का 2.93 लाख हेक्टेयर है। 81 प्रतिशत रोपड़ का काम पूरा हो चुका है। मक्के के 92 प्रतिशत रोपड़ का काम हो गया है। अरहर, मूंग, बाजरा, ज्वार ऐसे जो अनाज हैं उसके आच्छादन के लिए भी लक्ष्य निर्धारित किया गया है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का आग्रह और निर्देश है। दलहन और तिलहन के उत्पादन को बिहार में बढ़ाने के लिए किसानों को प्रोत्साहित किया जाए। किसानों की हर संभव सहायता की जाए। उन्हें प्रशिक्षित किया जाएगा। दलहन के बीज की उपलब्धता सुनिश्चित की जाए।
उन्होंने आगे कहा कि अरहर की फसल के उत्पादन में वृद्धि के लिए अरहर विकास योजना राज्य के सभी जिलों में कार्यान्वित की जा रही है। साल 2024 तक 1.86 लाख एकड़ में योजना का क्रियान्वयन कराया गया है। इस योजना के अंतर्गत 3,600 रुपए प्रति एकड़ की दर से अनुदान देय है। अनुदानित दर पर अरहर बीज वितरण कार्यक्रम के लिए लागत मूल्य का 80 प्रतिशत अनुदान देय होगा। हम किसानों को सब्सिडी देंगे ताकि किसान अरहर की पैदावार में रुचि लें और राज्य में इसकी खेती में बढ़ावा हो सके।
कृषि मंत्री मंगल पांडेय ने आगे कहा कि खरीफ, 2024 में अनियमित मानसून एवं अल्पवृष्टि के मद्देनजर सूखे जैसी स्थिति को देखते हुए किसानों को सिंचाई के लिए डीजल अनुदान देने का प्रावधान किया गया है। यह योजना दिनांक 26 जुलाई 2024 से वर्तमान खरीफ मौसम में प्रारम्भ कर दी गई है।
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Created On :   7 Aug 2024 5:03 PM IST