भारत की अर्थव्यवस्था चालू वित्त वर्ष में 4 ट्रिलियन डॉलर के आंकड़े को पार कर जाने का अनुमान सीईए नागेश्वरन

भारत की अर्थव्यवस्था चालू वित्त वर्ष में 4 ट्रिलियन डॉलर के आंकड़े को पार कर जाने का अनुमान  सीईए नागेश्वरन
मुख्य आर्थिक सलाहकार वी. अनंथा नागेश्वरन ने मंगलवार को कहा कि भारत की अर्थव्यवस्था वित्त वर्ष 26 में 4 ट्रिलियन डॉलर के आंकड़े को पार कर जाने का अनुमान है।

नई दिल्ली, 25 नवंबर (आईएएनएस)। मुख्य आर्थिक सलाहकार वी. अनंथा नागेश्वरन ने मंगलवार को कहा कि भारत की अर्थव्यवस्था वित्त वर्ष 26 में 4 ट्रिलियन डॉलर के आंकड़े को पार कर जाने का अनुमान है।

आईवीसीए ग्रीन रिटर्नस समिट 2025 में उन्होंने कहा कि भारत 3.0 ट्रिलियन डॉलर के साथ वर्तमान में दुनिया की पांचवी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनी हुई है और बहुत जल्द तेजी से बढ़ते हुए 4 ट्रिलियन डॉलर के आंकड़े को पार कर जाएगी।

नागेश्वरन ने कहा भू-राजनैतिक गतिविधियों में उतार-चढ़ाव के समय में मजबूत आर्थिक ग्रोथ बेहद जरूरी बन जाती है।

उनके अनुसार, एक तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था भारत को मजबूत बनाती है और वैश्विक स्तर पर आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करती है।

उन्होंने जोर देते हुए कहा कि भारत को अपनी इकोनॉमिक ग्रोथ को अपनी एनवायरमेंटल कमिटमेंट्स के साथ बैलेंस कर के चलना चाहिए।

भारत वर्तमान में एनर्जी ट्रांजीशन, क्लाइमेट एक्शन और इकोनॉमी के लिए हरित पहलों पर ध्यान दे रहा है, ये कोशिशें देश की शॉर्ट और मीडियम टर्म में राष्ट्रीय प्राथमिकताओं में बनी रहनी चाहिए।

उन्होंने कहा कि भारत क्लाइमेट चेंज से जुड़े जोखिमों से अवगत है और जानता है कि इसका प्रभाव एग्रीकल्चर, एनवायरमेंट और कोस्टल रीजन पर देखने को मिलता है।

उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि भारत ने 2070 तक नेट जीरो एमिशन प्राप्त करने के लिए प्रतिबद्ध बना हुआ है।

इससे पहले इसी महीने नागेश्वरन ने कहा था कि भारत को अपने डेमोग्राफिक डिविडेंट का लाभ उठाने के लिए अगले 10 से 15 वर्षों में सालाना आधार पर 80 लाख जॉब क्रिएट करने की जरूरत है। उन्होंने कहा था कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस को खासकर हेल्थकेयर और एजुकेशन जैसे फील्ड में ह्युमन वर्क को रिप्लेस करने की जगह इन प्रोफेशनल्स के काम को बेहतर बनाने में मदद करनी चाहिए।

उन्होंने कहा था कि एआई का इस्तेमाल कुछ खास सेक्टर्स में फ्रंटलाइन प्रोफेशनल्स को उनकी क्वालिटी सर्विस के विस्तार में मदद करने में होना चाहिए, जिससे दूरदराज के इलाकों तक भी बेहतर सुविधाएं पहुंचाने में मदद मिले।

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Created On :   25 Nov 2025 4:13 PM IST

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