इंडिया अब्रॉड: भारत ने संयुक्त राष्ट्र में इस्लामोफोबिया से निपटने के लिए 'विशेष दूत' लाने का किया विरोध

भारत ने संयुक्त राष्ट्र में इस्लामोफोबिया से निपटने के लिए विशेष दूत लाने का किया विरोध
संयुक्त राज्य में भारत की स्थायी प्रतिनिधि रुचिरा कंबोज ने भारत को "बहुलवाद का गौरवान्वित चैंपियन" बताते हुए एक विशेष धर्म पर "विशेष दूत" के पद की स्थापना का विरोध किया।

संयुक्त राष्ट्र, 16 मार्च (आईएएनएस)। संयुक्त राज्य में भारत की स्थायी प्रतिनिधि रुचिरा कंबोज ने भारत को "बहुलवाद का गौरवान्वित चैंपियन" बताते हुए एक विशेष धर्म पर "विशेष दूत" के पद की स्थापना का विरोध किया।

ऐसा तब हुआ जब संयुक्त राष्ट्र महासभा ने "इस्लामोफोबिया से निपटने के उपाय" पर प्रस्ताव अपनाया, जिसमें अन्य बातों के अलावा, इस्लामोफोबिया से निपटने के लिए संयुक्त राष्ट्र के विशेष दूत की नियुक्ति का आह्वान किया गया है।

प्रस्ताव को अपनाने के दौरान भारत की स्थिति को स्पष्ट करते हुए राजदूत कंबोज ने कहा कि इस्लामोफोबिया का मुद्दा निस्संदेह महत्वपूर्ण है, लेकिन यह स्वीकार करना होगा कि अन्य धर्मों को भी भेदभाव का सामना करना पड़ रहा है।

संयुक्त राष्ट्र में भारतीय दूत ने कहा, "यह स्वीकार करना महत्वपूर्ण है कि भय इब्राहीम धर्मों से परे फैला हुआ है... हिंदू विरोधी, बौद्ध विरोधी, सिख विरोधी तत्व... गुरुद्वारों, मठों, मंदिरों पर हमले बढ़ रहे हैं।"

उन्होंने आगे कहा, "बामियान बुद्ध का विनाश, गुरुद्वारा परिसर का उल्लंघन, सिख तीर्थयात्रियों का नरसंहार, मंदिरों पर हमले, मंदिर में मूर्तियों को तोड़ने का महिमामंडन, गैर-अब्राहम धर्मों के खिलाफ भय बढ़ाने में योगदान देता है।"

राजदूत कंबोज ने कहा कि यह पहचानना महत्वपूर्ण है कि 1.2 अरब से अधिक अनुयायियों वाला हिंदू धर्म, 535 मिलियन से अधिक बौद्ध धर्म और दुनिया भर में 30 मिलियन से अधिक अनुयायियों वाला सिख धर्म, सभी भय के अधीन हैं।

उन्होंने कहा, "अब समय आ गया है कि हम धार्मिक भय की व्यापकता को स्वीकार करें न कि केवल किसी एक को उजागर करें।"

इसके अलावा दूत ने कहा: "केवल इस्लामोफोबिया से निपटने के लिए संसाधनों का आवंटन करना, जबकि अन्य प्रकार की समान चुनौतियों की उपेक्षा करना असमानता की भावना को कायम रख सकता है।"

कथित तौर पर इस प्रस्ताव को इस्लामिक सहयोग संगठन (ओआईसी) की ओर से पाकिस्तान ने लाया है।

संयुक्त राष्ट्र में पाकिस्तान के मुख्य राजनयिक, राजदूत मुनीर अकरम ने कहा था कि दुनिया भर के मुसलमानों को भेदभाव का सामना करना पड़ता है और "इस्लामोफोबिया का मुकाबला करने के लिए साहसिक और निर्णायक कार्रवाई की आवश्यकता है।"

अस्वीकरण: यह न्यूज़ ऑटो फ़ीड्स द्वारा स्वतः प्रकाशित हुई खबर है। इस न्यूज़ में BhaskarHindi.com टीम के द्वारा किसी भी तरह का कोई बदलाव या परिवर्तन (एडिटिंग) नहीं किया गया है| इस न्यूज की एवं न्यूज में उपयोग में ली गई सामग्रियों की सम्पूर्ण जवाबदारी केवल और केवल न्यूज़ एजेंसी की है एवं इस न्यूज में दी गई जानकारी का उपयोग करने से पहले संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञों (वकील / इंजीनियर / ज्योतिष / वास्तुशास्त्री / डॉक्टर / न्यूज़ एजेंसी / अन्य विषय एक्सपर्ट) की सलाह जरूर लें। अतः संबंधित खबर एवं उपयोग में लिए गए टेक्स्ट मैटर, फोटो, विडियो एवं ऑडिओ को लेकर BhaskarHindi.com न्यूज पोर्टल की कोई भी जिम्मेदारी नहीं है|

Created On :   16 March 2024 11:06 AM IST

Tags

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story