राष्ट्रीय: मध्य प्रदेश 'एकलव्य आदर्श विद्यालय' में आदिवासी बच्चों को मिल रही निःशुल्क शिक्षा एवं आवास की सुविधा

मध्य प्रदेश  एकलव्य आदर्श विद्यालय में आदिवासी बच्चों को मिल रही निःशुल्क शिक्षा एवं आवास की सुविधा
मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा जिले के तामिया स्थित 'एकलव्य आदर्श विद्यालय' आदिवासी छात्रों का भविष्य बना रहा। स्कूल में छात्रों को रहने, खाने-पीने जैसी मूलभूत सुविधा निःशुल्क मुहैया कराई जा रही हैं। यहां से पढ़ने वाले आदिवासी बच्चे आईआईटी, जेईई और नीट जैसी कठीन प्रतियोगी परीक्षाओं में भी बाजी मार रहे हैं।

छिंदवाड़ा, 5 जुलाई (आईएएनएस)। मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा जिले के तामिया स्थित 'एकलव्य आदर्श विद्यालय' आदिवासी छात्रों का भविष्य बना रहा। स्कूल में छात्रों को रहने, खाने-पीने जैसी मूलभूत सुविधा निःशुल्क मुहैया कराई जा रही हैं। यहां से पढ़ने वाले आदिवासी बच्चे आईआईटी, जेईई और नीट जैसी कठीन प्रतियोगी परीक्षाओं में भी बाजी मार रहे हैं।

'एकलव्य आदर्श विद्यालय' में आदिवासी छात्रों को तकनीकी शिक्षा, एआई बेस्ड कंप्यूटर लैब, खेलकूद, संस्कृति, संगीत, नाट्य कला और कला की शिक्षा दी जाती है। यह विद्यालय आदिवासी छात्र-छात्राओं के लिए वरदान साबित हो रहा है। आस-पास इलाकों में रहने वाले आदिवासी समुदाय के बच्चे इस विद्यालय में पढ़ने के लिए आते हैं। पहले यह 'अटल आदर्श विद्यालय' हुआ करता था, लेकिन बाद में इसका नाम बदलकर 'एकलव्य आदर्श विद्यालय' कर दिया गया। विद्यालय में आदिवासी समुदाय की छात्र-छात्राएं अपनी पढ़ाई पूरी करने के साथ-साथ आईआईटी, जेईई और नीट जैसी प्रतियोगी परीक्षाओं में भी क्वालिफाई कर रही हैं।

'एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालय' के प्रिंसिपल राकेश कुशवाहा ने समाचार एजेंसी आईएएनएस को बताया, "यहां छात्रों के लिए कई सुविधाएं उपलब्ध हैं। यह विद्यालय अनुसूचित जनजाति के बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करने के लिए स्थापित किया गया है। 'एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालय', तामिया में छात्रों के लिए उपलब्ध प्रमुख सुविधाएं हैं। आवासीय सुविधा के तहत छात्रों को विद्यालय परिसर में ही रहने की विशेष सुविधा प्रदान की जाती है, जिसमें आवास, भोजन और अन्य आवश्यक सुविधाएं शामिल हैं। विद्यालय में अनुभवी और योग्य शिक्षकों द्वारा गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान की जाती है, जो छात्रों को उनकी शैक्षणिक आवश्यकताओं के अनुसार मार्गदर्शन करते हैं।"

विद्यालय में कला की अध्यापिका ने बताया, "कक्षा छठी से 12वीं तक के बच्चों को पढ़ाती हूं। सभी कक्षा में सप्ताह में एक दिन मैं क्लास लेती हूं। हम बच्चों की क्रिएटिविटी को उभारने का काम करते हैं। कई तरह की गतिविधियां कराई जाती हैं।"

संगीत के शिक्षक ने बताया, "केंद्र सरकार की तरफ से साल में एक बहुत बड़ा इवेंट करवाया जाता है, जिसमें कई प्रकार के प्रोग्राम और कंपटीशन होते हैं। इन प्रतियोगिताओं के लिए हम बच्चों को तैयार करते हैं।"

विद्यालय के छात्रों ने भी स्कूली शिक्षा और सुविधा की सराहना की।

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Created On :   5 July 2025 11:59 PM IST

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