स्वास्थ्य/चिकित्सा: भारत ने हर्बल औषधियों की गुणवत्ता और सुरक्षा मानकों में बनाई अग्रणी पहचान

भारत ने हर्बल औषधियों की गुणवत्ता और सुरक्षा मानकों में बनाई अग्रणी पहचान
भारत हर्बल औषधियों के क्षेत्र में फिर से अव्वल साबित हुआ है। देश ने अपनी अग्रणी भूमिका का परिचय देते हुए पारंपरिक ज्ञान को आधुनिक गुणवत्ता मानकों से जोड़कर लगातार वैश्विक स्वीकृति को बढ़ावा दिया है। शुक्रवार को जारी एक आधिकारिक बयान में यह जानकारी दी गई।

नई दिल्ली, 22 अगस्त (आईएएनएस)। भारत हर्बल औषधियों के क्षेत्र में फिर से अव्वल साबित हुआ है। देश ने अपनी अग्रणी भूमिका का परिचय देते हुए पारंपरिक ज्ञान को आधुनिक गुणवत्ता मानकों से जोड़कर लगातार वैश्विक स्वीकृति को बढ़ावा दिया है। शुक्रवार को जारी एक आधिकारिक बयान में यह जानकारी दी गई।

दरअसल, हर्बल औषधियों के लिए विश्व स्वास्थ्य संगठन की उत्तम विनिर्माण पद्धतियों (जीएमपी) पर चार दिवसीय क्षेत्रीय कार्यशाला का आयोजन केंद्रीय आयुर्वेदिक विज्ञान अनुसंधान परिषद (सीसीआरएएस), आयुष मंत्रालय और विश्व स्वास्थ्य संगठन-दक्षिण-पूर्व एशिया क्षेत्रीय कार्यालय (डब्ल्यूएचओ-एसईएआरओ) द्वारा संयुक्त रूप से यहां आरआरएपी-केंद्रीय आयुर्वेद अनुसंधान संस्थान में किया गया।

इस वर्कशॉप में भूटान, थाईलैंड, श्रीलंका और नेपाल सहित दक्षिण-पूर्व एशियाई देशों के 19 अंतर्राष्ट्रीय प्रतिनिधियों के साथ-साथ प्रमुख भारतीय विशेषज्ञों ने भी भाग लिया। इस कार्यक्रम ने वैश्विक हर्बल औषधि गुणवत्ता मानकों को मजबूत करने के लिए प्रशिक्षण और ज्ञान के आदान-प्रदान के लिए एक गतिशील मंच प्रदान किया।

सीसीआरएएस के महानिदेशक प्रोफेसर रविनारायण आचार्य ने इस अवसर पर कहा कि भारत पारंपरिक ज्ञान को आधुनिक गुणवत्ता प्रोटोकॉल से जोड़कर हर्बल दवाओं की वैश्विक स्वीकृति सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है। वहीं, डब्ल्यूएचओ-एसईएआरओ के डॉ. पवन गोदटवार ने हर्बल औषधियों के गुणवत्ता और सुरक्षा मानक तय करने में भारत की नेतृत्वकारी भूमिका को रेखांकित किया।

चार दिवसीय कार्यशाला में 11 तकनीकी सत्र आयोजित किए गए, जिनमें डब्ल्यूएचओ-जीएमपी दिशा-निर्देश, गुणवत्ता प्रबंधन प्रणाली, उत्तम हर्बल प्रसंस्करण पद्धतियां (जीएचपीपी), उत्तम कृषि और संग्रहण पद्धतियां (जीएसीपी) और आधुनिक गुणवत्ता नियंत्रण तकनीकों पर गहन चर्चा हुई।

प्रतिभागियों को व्यावहारिक अनुभव दिलाने के लिए उन्हें इमामी के डब्ल्यूएचओ-जीएमपी प्रमाणित विनिर्माण संयंत्र और झंडू फाउंडेशन फॉर हेल्थकेयर फार्म्स का दौरा भी कराया गया।

आयुष मंत्रालय और डब्ल्यूएचओ मिलकर भारत के हर्बल औषधि मानकों को वैश्विक सर्वोत्तम प्रथाओं के अनुरूप बनाने के लिए निरंतर प्रयासरत हैं।

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Created On :   22 Aug 2025 8:03 PM IST

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