विज्ञान/प्रौद्योगिकी: भारत, अमेरिका और मेक्सिको वैश्विक स्तर पर सबसे संतुलित जीसीसी इकोसिस्टम बीसीजी

भारत, अमेरिका और मेक्सिको वैश्विक स्तर पर सबसे संतुलित जीसीसी इकोसिस्टम  बीसीजी
भारत, अमेरिका और मेक्सिको वैश्विक स्तर पर सबसे संतुलित वैश्विक क्षमता केंद्र (जीसीसी) इकोसिस्टम के रूप में उभरे हैं। यह जानकारी बुधवार को आई एक लेटेस्ट रिपोर्ट में दी गई।

मुंबई, 4 जून (आईएएनएस)। भारत, अमेरिका और मेक्सिको वैश्विक स्तर पर सबसे संतुलित वैश्विक क्षमता केंद्र (जीसीसी) इकोसिस्टम के रूप में उभरे हैं। यह जानकारी बुधवार को आई एक लेटेस्ट रिपोर्ट में दी गई।

रिपोर्ट में एआई, विशेष रूप से जेनएआई, एनएलपी और एआई एजेंटों सहित एडवांस एआई इस्तेमाल मामलों को जीसीसी मैच्योरिटी के लिए अहम माना गया है।

बोस्टन कंसल्टिंग ग्रुप (बीसीजी) की रिपोर्ट में कहा गया है कि शीर्ष प्रदर्शन करनी वाली कंपनियां पायलेट से आगे बढ़कर कोर वर्कफ्लो में एआई को एम्बेड कर रही हैं, लेकिन अधिकांश जीसीसी अभी भी शुरुआती चरण के प्रयोग में फंसे हुए हैं।

बीसीजी की प्रबंध निदेशक और भागीदार श्रेयशा जॉर्ज ने कहा, "जीसीसी हमेशा इंजन रूम के रूप में कार्य करने में अच्छे रहे हैं।"

एआई एक नई गति को लाया है, जिसके साथ जीसीसी बदलाव का नेतृत्व करने में सक्षम हुए हैं। पिछले 18 महीनों में 90 प्रतिशत से अधिक टॉप परफॉरमर्स ने एआई-लेड सेंटर ऑफ एक्सीलेंस का विस्तार किया है। यह ट्रेंड उद्योगों और भौगोलिक क्षेत्रों में बना हुआ है।

रिपोर्ट में कहा गया है कि नेतृत्व करने के लिए तैयार जीसीसी को इनोवेशन और प्रतिस्पर्धी लाभ को आगे बढ़ाने वाले क्षमता केंद्रों के रूप में अपनी भूमिकाओं को फिर से परिभाषित करना होगा।

रिपोर्ट में कहा गया है कि एआई को गहराई से एम्बेड करने और परिणामों का सह-स्वामित्व लेने वाले जीसीसी वैश्विक उद्यम परिवर्तन की अगली लहर को आकार देने के लिए सबसे अच्छी स्थिति में हैं।

बीसीजी में प्रबंध निदेशक और वरिष्ठ भागीदार राजीव गुप्ता ने कहा, "आगे रहने वाली कंपनियों ने अपने ऑपरेटिंग मॉडल में रणनीतिक रूप से एआई को शामिल किया है, जो उद्यम स्तर पर एक महत्वपूर्ण अंतर पैदा करता है।"

उन्होंने आगे कहा कि लीडर्स का फोकस एक्सपेरिमेंट करने से बढ़कर कुछ बेहतर परिणामों को डिलीवर करने पर आ गया है। 90 प्रतिशत से अधिक टॉप परफॉर्म करने वाले जीसीसी अपने व्यवसायों में एडवांस एआई इस्तेमाल कर रहे हैं। जबकि दूसरी केवल 50 प्रतिशत कंपनियां ही एआई का इस्तेमाल कर रही हैं। इन कंपनियों के लिए अपने प्रतिस्पर्धियों से पीछे रह जाने का जोखिम बना हुआ है।

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Created On :   4 Jun 2025 4:49 PM IST

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