विज्ञान/प्रौद्योगिकी: भारतीय कॉरपोरेट्स का पूंजीगत खर्च दोगुना होकर अगले पांच वर्षों में 850 अरब डॉलर पहुंच जाएगा रिपोर्ट

भारतीय कॉरपोरेट्स का पूंजीगत खर्च दोगुना होकर अगले पांच वर्षों में 850 अरब डॉलर पहुंच जाएगा  रिपोर्ट
भारतीय कॉरपोरेट्स का पूंजीगत खर्च अगले पांच वर्षों में दोगुना होकर 800 अरब डॉलर से 850 अरब डॉलर के बीच रहने का अनुमान है। इस खर्च के अधिकतर हिस्से को ऑपरेटिंग कैश फ्लो और घरेलू फाइनेंसिंग के विकल्पों द्वारा फंड किया जाएगा। एसएंडपी ग्लोबल रेटिंग्स द्वारा मंगलवार को जारी की गई रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई।

नई दिल्ली, 10 जून (आईएएनएस)। भारतीय कॉरपोरेट्स का पूंजीगत खर्च अगले पांच वर्षों में दोगुना होकर 800 अरब डॉलर से 850 अरब डॉलर के बीच रहने का अनुमान है। इस खर्च के अधिकतर हिस्से को ऑपरेटिंग कैश फ्लो और घरेलू फाइनेंसिंग के विकल्पों द्वारा फंड किया जाएगा। एसएंडपी ग्लोबल रेटिंग्स द्वारा मंगलवार को जारी की गई रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई।

रिपोर्ट में कहा गया कि एग्जीक्यूशन संबंधी गलतियों या नकारात्मक मैक्रो परिवर्तनों को छोड़कर, इन निवेशों से लीवरेज को बढ़ाए बिना व्यवसाय के स्केल को बढ़ावा मिलना चाहिए।

क्रेडिट रेटिंग एजेंसी के अनुसार, "कॉरपोरेट इंडिया अवसरों का पीछा कर रहा है। हमारे विचार में भारतीय कंपनियां विकास के लिए अच्छी स्थिति में हैं। कंपनियां अनुकूल सरकारी नीतियों और सकारात्मक आर्थिक दृष्टिकोण के आधार पर मांग को पूरा करने के लिए निवेश कर रही हैं।"

रिपोर्ट में बताया गया कि कंपनियों की योजनाओं के सफल क्रियान्वयन से उनका परिचालन स्तर बढ़ेगा, जिससे स्थायी लागत लाभ और व्यावसायिक दक्षता प्राप्त होगी।

रिपोर्ट के मुताबिक, पावर विशेषकर रिन्यूएबल एनर्जी में अधिक निवेश होगा। ट्रांसमिशन के साथ पावर, एयरलाइन और उभरते हुए क्षेत्र जैसे ग्रीन हाईड्रोजन अगले पांच वर्षों में पूंजीगत व्यय में लगभग तीन-चौथाई वृद्धि के लिए जिम्मेदार होंगे।

रिपोर्ट में कहा गया है कि इन सेक्टरों की आय और ऑपरेटिंग कैश फ्लो पांच साल पहले के स्तर से लगभग 60 प्रतिशत अधिक या दोगुना हो गया है और आगे इसमें और वृद्धि होगी।

एयरलाइन सेक्टर में नए विमानों में लगभग 100 अरब डॉलर का निवेश होने की संभावना है।

ग्रीन हाइड्रोजन, सेमीकंडक्टर और बैटरी प्लांट जैसे नए क्षेत्रों में महत्वपूर्ण डेट फंडिंग देखने को मिलेगी। हालांकि, रिपोर्ट में कहा गया है कि ये परियोजनाएं मुख्य रूप से बड़ी कंपनियों द्वारा शुरू की जाती हैं, जिनमें बड़े समूह भी शामिल हैं।

भारत की जीडीपी दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती हुई अर्थव्यवस्था है। वित्त वर्ष 2025-26 के लिए देश की विकास दर 6.5 प्रतिशत रहने का अनुमान है।

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Created On :   10 Jun 2025 12:54 PM IST

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