जलवायु परिवर्तन से निपटने में चीन की भूमिका की हो रही सराहना
बीजिंग, 5 दिसंबर (आईएएनएस)। दुनिया में जलवायु परिवर्तन की समस्या गंभीर होती जा रही है, जिसके कारण विश्व के तमाम क्षेत्रों में प्राकृतिक आपदा की घटनाएं आम हो गई हैं। इससे निपटने के लिए हर देश को अपनी जिम्मेदारी निभाने की जरूरत है। हालांकि, चीन की बात करें तो वैश्विक पर्यावरण और जलवायु गवर्नेंस में उसका योगदान लगातार बढ़ रहा है। चीन ने इस बड़ी चुनौती से निपटने के लिए गंभीर प्रयास किए हैं। जिसके कारण विश्व की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था चीन भागीदार से अग्रणी भूमिका में आ चुका है।
विशेषज्ञ कहते हैं कि चीन ने ग्लोबल स्तर पर अपनी जिम्मेदारी को समझा और इस दिशा में काम किया है। पारिस्थितिकी और पर्यावरण मंत्रालय के पार्टी प्रमुख सुन चिनलोंग के मुताबिक चीन के पारिस्थितिकी पर्यावरण से लोगों की संतुष्टि दर लगातार चार सालों से 90 प्रतिशत से ज्यादा रही है। जो तेज आर्थिक और सामाजिक विकास के साथ-साथ पर्यावरण को बचाने की दिशा में चीन के प्रयासों को दिखाता है।
चीन में कुछ साल पहले तक प्रदूषण की समस्या प्रमुख बनी हुई थी, जिसे हल करने के लिए चीनी राष्ट्रपति के नेतृत्व में चीन सरकार ने तत्परता से काम किया। इसका असर आज साफ तौर पर देखा जा सकता है।
एक दशक पहले की तुलना में देश भर के मुख्य शहरों में फाइन पार्टिकुलेट मैटर यानी पीएम 2.5 का औसत जमाव 56 फीसदी कम हुआ है। जबकि बहुत ज्यादा प्रदूषण वाले दिनों में लगभग 92 प्रतिशत की कमी दर्ज की गई है। दावा है कि यह दुनिया भर में एयर क्वालिटी में सुधार की सबसे तेज गति है। चीन में जिस तरह से गंभीरता से विभिन्न योजनाओं पर काम होता है, उसे देखते हुए यह संभव है। क्योंकि चीन ने पर्यावरण संरक्षण के लिए व्यापक प्रयास किए हैं, इनमें शहरों की हरियाली बढ़ाने, रेगिस्तानी इलाकों में वृक्षारोपण और स्वच्छ ऊर्जा के इस्तेमाल पर ज़ोर देना शामिल है। इसके कारण हरित और कम कार्बन से जुड़े उद्योग देश की आर्थिक वृद्धि के लिए नया इंजन बन गए हैं।
बताया जाता है कि चीन पिछले दस वर्षों से लगातार नवीन ऊर्जा वाहनों के उत्पादन और बिक्री में दुनिया में सबसे आगे है। चीन में न केवल इलेक्ट्रिक वाहन तैयार हो रहे हैं, बल्कि आम लोग उनका अच्छी तरह से इस्तेमाल भी कर रहे हैं। यह ग्रीन अर्थव्यवस्था के निर्माण के लिए चीन की इच्छाशक्ति को दर्शाता है। इसके साथ ही चीन में वन कवरेज दर 25 प्रतिशत से अधिक हो गयी है। जो विश्व के नए हरित क्षेत्र का एक चौथाई हिस्सा है। इस तरह चीन वैश्विक साझा समुदाय बनाने की दिशा में अग्रणी भूमिका निभा रहा है।
समकालीन चीन अकादमी और विश्व अध्ययन के उपाध्यक्ष सुई स्याओफेइ के अनुसार चीन ने 43 विकासशील देशों के साथ जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए दक्षिण-दक्षिण सहयोग पर 55 समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर किए हैं। जबकि 120 से अधिक देशों के पेशेवरों को प्रशिक्षण दिया है।
कहा जा सकता है कि चीन वैश्विक स्तर पर जलवायु परिवर्तन को लेकर अपनी जिम्मेदारी को बखूबी समझते हुए काम कर रहा है। इसके लिए चीन कार्बन उत्सर्जन कम करने में योगदान देने के साथ-साथ ग्लोबल ऑर्डर में बदलाव को सक्रियता से दिशा दे रहा है।
(साभार- चाइना मीडिया ग्रुप, पेइचिंग)
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Created On :   5 Dec 2025 6:10 PM IST












