Kannada organisation President, 29 activists granted bail in vandalism case

बेंगलुरु, 6 जनवरी (आईएएनएस)। बेंगलुरु के देवनहल्ली में पांचवें अतिरिक्त सत्र न्यायालय ने शनिवार को कर्नाटक रक्षणा वेदिके के अध्यक्ष टी.ए. नारायण गौड़ा को जमानत दे दी। बेंगलुरु में कन्नड़ को प्रमुखता देने की मांग को लेकर विरोध प्रदर्शन के दौरान तोड़फोड़ के सिलसिले में और 29 कन्नड़ कार्यकर्ताओं के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है।

बेंगलुरु, 6 जनवरी (आईएएनएस)। बेंगलुरु के देवनहल्ली में पांचवें अतिरिक्त सत्र न्यायालय ने शनिवार को कर्नाटक रक्षणा वेदिके के अध्यक्ष टी.ए. नारायण गौड़ा को जमानत दे दी। बेंगलुरु में कन्नड़ को प्रमुखता देने की मांग को लेकर विरोध प्रदर्शन के दौरान तोड़फोड़ के सिलसिले में और 29 कन्नड़ कार्यकर्ताओं के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है।

बेंगलुरु में कन्नड़ भाषा को प्रमुखता देने की मांग के साथ वाणिज्यिक दुकानों से अंग्रेजी साइनबोर्ड हटाने के विरोध प्रदर्शन के दौरान हिंसा और बर्बरता में कथित संलिप्तता के लिए गौड़ा सहित 53 अन्य व्यक्तियों को गिरफ्तार किया गया था।

बेंगलुरु के पुलिस कमिश्‍नर बी. दयानंद ने कहा था कि 10 एफआईआर दर्ज की गई हैं और कर्नाटक रक्षणा वेदिके के अध्यक्ष टी.ए. नारायण गौड़ा सहित 53 लोगों को 11 दिन पहले गिरफ्तार किया गया था।

केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी ने भी कन्नड़ कार्यकर्ताओं की गिरफ्तारी पर कर्नाटक सरकार की आलोचना की थी।

कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने कहा कि उन्हें 27 दिसंबर को हुई बर्बरता और हिंसा के सिलसिले में 'कन्नड़ रक्षणा वेदिके' प्रमुख टी.ए. नारायण गौड़ा और अन्य की गिरफ्तारी के बाद "दुख" महसूस हुआ है।

कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री डी.के. शिवकुमार ने बर्बरता और विध्वंस पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, “हम किसी को भी कानून अपने हाथ में लेने की इजाजत नहीं देंगे। यह मामला कर्नाटक राज्य की प्रतिष्‍ठा से जुड़ा हुआ है।“

गौड़ा ने सभी व्यावसायिक भवनों, मॉल और प्रतिष्ठानों के साइनबोर्ड पर कन्नड़ भाषा को 60 प्रतिशत प्रमुखता देने की मांग करते हुए "महाअभियान" का आह्वान किया था।

उन्होंने एक विशाल रैली का भी आयोजन किया था। जुलूस हिंसक हो गया और कन्नड़ कार्यकर्ताओं ने अंग्रेजी नेमप्लेट, साइनबोर्ड और विज्ञापन पोस्टरों को तोड़-फोड़, नष्ट कर दिया और उन पर कालिख पोत दी।

सरकार ने इस संबंध में एक आदेश पारित किया था और साइनबोर्ड में कन्नड़ भाषा को प्रमुखता देने के लिए 28 फरवरी तक की समय सीमा दी थी।

गौड़ा ने अंग्रेजी में साइनबोर्ड और नेमप्लेट नष्ट करने के लिए कार्यकर्ताओं को बधाई दी थी। उन्होंने चेतावनी दी थी कि अगर 28 फरवरी तक अंग्रेजी को प्रतिस्थापित नहीं किया गया तो वे और भी जोरदार विरोध प्रदर्शन करेंगे।

गिरफ्तारी के बाद गौड़ा ने मीडिया से कहा, ”कांग्रेस सरकार यानी मुख्यमंत्री सिद्दारमैया और गृहमंत्री जी. परमेश्‍वर ने हमारा इस्तेमाल किया है और अन्याय किया है। मेरे साथ पहले कभी ऐसा बुरा व्यवहार नहीं किया गया।”

--आईएएनएस

एसजीके

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Created On :   6 Jan 2024 6:59 PM IST

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