करूर भगदड़ तमिलनाडु भाजपा अध्यक्ष ने सीएम स्टालिन से किए 12 सवाल, घटना की सीबीआई जांच की मांग

करूर भगदड़  तमिलनाडु भाजपा अध्यक्ष ने सीएम स्टालिन से किए 12 सवाल, घटना की सीबीआई जांच की मांग
तमिलनाडु भाजपा अध्यक्ष के. नैनार नागेंद्रन ने बुधवार को बीते 27 सितंबर को करूर में हुई भगदड़ को लेकर मुख्यमंत्री एमके स्टालिन को सवालों के कटघरे में खड़ा किया है। इस भगदड़ में अभिनेता-नेता विजय की टीवीके रैली के दौरान 41 लोगों की जान चली गई थी और कई लोग घायल हुए थे।

चेन्नई, 1 अक्टूबर (आईएएनएस)। तमिलनाडु भाजपा अध्यक्ष के. नैनार नागेंद्रन ने बुधवार को बीते 27 सितंबर को करूर में हुई भगदड़ को लेकर मुख्यमंत्री एमके स्टालिन को सवालों के कटघरे में खड़ा किया है। इस भगदड़ में अभिनेता-नेता विजय की टीवीके रैली के दौरान 41 लोगों की जान चली गई थी और कई लोग घायल हुए थे।

भाजपा संसदीय फैक्ट-फाइंडिंग कमेटी ने घायलों और शोक संतप्त परिवारों से मिलने के बाद, तमिलनाडु भाजपा अध्यक्ष नागेंद्रन ने कहा कि इस त्रासदी ने गंभीर प्रशासनिक विफलताओं को उजागर किया है और उन्होंने मांग की कि रिपोर्ट केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) को सौंपी जाए।

उन्होंने कहा कि दल प्रभावित लोगों के दर्द और गुस्से से बहुत दुखी है और उन्होंने जिक्र किया कि एक सदस्यीय जांच आयोग में जनता का कोई विश्वास नहीं है।

मुख्यमंत्री के लिए 12 सवालों की एक श्रृंखला तैयार करने से पहले, नागेंद्रन ने कहा, "केवल एक निष्पक्ष और स्वतंत्र सीबीआई जांच ही सच्चाई सामने ला सकती है।"

नागेंद्रन ने पूछा कि डीएमके सरकार ने मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री के कार्यक्रमों के लिए करूर बस स्टैंड चौराहे का इस्तेमाल करने की अनुमति क्यों दी, लेकिन टीवीके जैसी अन्य राजनीतिक पार्टियों को यही जगह देने से इनकार कर दिया।

उन्होंने सवाल किया कि विजय पर जूते फेंके जाने, भीड़ पर लाठीचार्ज और चाकू से हमले के दावों वाले वीडियो के बावजूद, सरकार यह बताने में विफल रही कि आखिर इस सबके पीछे का कारण क्या था। उन्होंने करूर में दुर्घटना के बाद भी मुख्यमंत्री की असामान्य तत्परता की आलोचना की।

उन्होंने आगे आरोप लगाया कि डीएमके सरकार ने घटना के बाद धीमी गति से कार्रवाई की, जिससे पारदर्शिता सुनिश्चित करने के बजाय सच्चाई को छिपाने का प्रयास नजर आया।

भाजपा नेता ने पूछा कि 25 लोगों पर मामला क्यों दर्ज किया गया और पत्रकार फेलिक्स समेत चार लोगों को इतनी जल्दी क्यों गिरफ्तार किया गया, जो उनके अनुसार जनता और मीडिया के सवालों को दबाने की कोशिश लग रही थी।

नागेंद्रन ने पुलिस की इस बात के लिए आलोचना की कि उसने टीवीके पर भीड़ का गलत अनुमान लगाने और उससे कहीं ज्यादा बड़ी संख्या में लोगों का आकलन और नियंत्रण करने में विफल रहने का आरोप लगाया।

उन्होंने यह भी सवाल उठाया कि अगर अधिकारियों को लगता था कि विजय के देर से पहुंचने से अव्यवस्था फैल सकती है, तो रैली को रोका या स्थगित क्यों नहीं किया गया।

नागेंद्रन ने कहा कि सुरक्षा में भारी चूक हुई है, उन्होंने पूछा कि इतने कम पुलिसकर्मी क्यों तैनात किए गए थे और इतनी बड़ी राजनीतिक सभा के दौरान करूर जिले के पुलिस प्रमुख क्यों अनुपस्थित थे।

उन्होंने कहा कि विफलताओं के बावजूद, स्थानीय अधिकारियों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई, जिससे यह संदेह और गहरा गया कि सरकार को डर था कि कहीं और भी सच्चाई सामने न आ जाए।

उन्होंने पूछा कि राजस्व सचिव को ऐसे बयान जारी करने का अधिकार किसने दिया, जिससे जांच की निष्पक्षता पर असर पड़ सकता है।

अंत में, नागेंद्रन ने सवाल उठाया कि अजित कुमार की हिरासत में हुई मौत का मामला सीबीआई को सौंपने वाली डीएमके सरकार करूर भगदड़ के मामले में ऐसा करने को तैयार क्यों नहीं है।

इस घटना को डीएमके की प्रशासनिक चूकों के कारण मानव निर्मित आपदा बताते हुए, नागेंद्रन ने निष्पक्ष सीबीआई जांच की मांग की और कहा, "तमिलनाडु के लोग इस त्रासदी के लिए ईमानदार जवाब और जवाबदेही तय किए जाने वाले फैसले के हकदार हैं।"

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Created On :   1 Oct 2025 6:34 PM IST

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