मद्रास उच्च न्यायालय में करूर भगदड़ से संबंधित याचिकाओं पर सुनवाई

मद्रास उच्च न्यायालय में करूर भगदड़ से संबंधित याचिकाओं पर सुनवाई
मद्रास उच्च न्यायालय सोमवार को करूर भगदड़ से संबंधित याचिकाओं पर सुनवाई करेगा। करूर टाउन पुलिस ने भगदड़ में हुई मौतों के बाद गैर इरादतन हत्या का मामला दर्ज किया था।

चेन्नई, 27 अक्टूबर (आईएएनएस)। मद्रास उच्च न्यायालय सोमवार को करूर भगदड़ से संबंधित याचिकाओं पर सुनवाई करेगा। करूर टाउन पुलिस ने भगदड़ में हुई मौतों के बाद गैर इरादतन हत्या का मामला दर्ज किया था।

मुख्य न्यायाधीश मनिंद्र मोहन श्रीवास्तव और न्यायमूर्ति जी. अरुल मुरुगन की पहली खंडपीठ इन मामलों की सुनवाई करेगी, जिसकी शुरुआत टीवीके महासचिव एन. आनंद की ओर से दायर दूसरी अग्रिम जमानत याचिका से होगी।

पिछले महीने करूर में एक आयोजन के दौरान भगदड़ मचने से 41 लोगों की मौत हो गई थी और कई अन्य घायल हुए थे। इस घटना ने पूरे राज्य में शोक की लहर दौड़ा दी थी।

आनंद की पहली जमानत याचिका मदुरै पीठ के न्यायमूर्ति एम. जोतिरमन ने 3 अक्टूबर को दशहरा अवकाश के दौरान खारिज कर दी थी। इसके बाद उन्होंने 14 अक्टूबर को दूसरी याचिका दायर की, जिसमें करूर टाउन पुलिस को प्रतिवादी बनाया गया। हालांकि, चूंकि सर्वोच्च न्यायालय ने एक दिन पहले ही जांच सीबीआई को सौंप दी थी, इसलिए याचिका अब चेन्नई स्थित मुख्य पीठ में स्थानांतरित कर दी गई है।

इसके साथ ही, पीठ मदुरै पीठ वादी के. राजन द्वारा दायर एक रिट याचिका पर भी सुनवाई करेगी, जिसमें रैली के दौरान कथित चूक के लिए करूर कलेक्टर और पुलिस अधीक्षक के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की मांग की गई थी। वह मामला भी चेन्नई स्थानांतरित कर दिया गया है।

करूर त्रासदी से पहले 16 सितंबर को टीवीके द्वारा दायर एक अन्य याचिका भी इस मामले में सुनवाई के लिए रखी जाएगी। पार्टी ने अपने चुनावी कार्यक्रमों पर पुलिस की ओर से लगाई गई 'कठोर और अनुचित' शर्तों को चुनौती दी थी।

इस मामले की पहले सुनवाई करने वाले न्यायमूर्ति एन. सतीश कुमार ने राज्य सरकार से राजनीतिक सभाओं के लिए स्पष्ट दिशा निर्देश बनाने का आग्रह किया था।

इसके बाद, सर्वोच्च न्यायालय ने कहा कि ऐसे दिशानिर्देश बनाने का काम एक खंडपीठ को सौंपा जाना चाहिए, जिसके परिणामस्वरूप यह मामला मदुरै खंडपीठ की संबंधित याचिकाओं के साथ जुड़ गया, जिनमें चुनाव प्रचार स्थलों पर ड्रोन निगरानी, ​​अग्नि सुरक्षा, पेयजल और चिकित्सा सहायता जैसे अनिवार्य प्रावधानों की मांग की गई है।

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Created On :   27 Oct 2025 11:10 AM IST

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