टीएमसी ने चुनाव आयोग को लिखा पत्र, सीईसी के बयान और बीएलओ सॉफ्टवेयर में विरोधाभास

टीएमसी ने चुनाव आयोग को लिखा पत्र, सीईसी के बयान और बीएलओ सॉफ्टवेयर में विरोधाभास
तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) ने शुक्रवार को चुनाव आयोग को पत्र लिखकर मुख्य चुनाव आयुक्त (सीईसी) के बयान और बीएलओ सॉफ्टवेयर के बीच विरोधाभास का जिक्र किया। टीएमसी ने इस मामले में हस्तक्षेप करने की मांग उठाई।

कोलकाता, 7 नवंबर (आईएएनएस)। तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) ने शुक्रवार को चुनाव आयोग को पत्र लिखकर मुख्य चुनाव आयुक्त (सीईसी) के बयान और बीएलओ सॉफ्टवेयर के बीच विरोधाभास का जिक्र किया। टीएमसी ने इस मामले में हस्तक्षेप करने की मांग उठाई।

टीएमसी ने पत्र में लिखा कि हम आपके ध्यान में एक तात्कालिक महत्व के मुद्दे को लाने के लिए लिख रहे हैं, जिसने पश्चिम बंगाल के कई जिलों में बूथ स्तर के अधिकारियों (बीएलओ) के बीच व्यापक भ्रम और संचालन संबंधी गतिरोध पैदा कर दिया है। 27 अक्टूबर को भारत के चुनाव आयोग (ईसीआई) द्वारा आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने स्पष्ट रूप से कहा कि गणना फॉर्म भरते समय, 'अंतिम एसआईआर की मतदाता सूची में मतदाता का विवरण' और 'अंतिम एसआईआर के पिछले कॉलम में नाम वाले रिश्तेदार का विवरण' अनुभागों के अंतर्गत, कोई भी व्यक्ति या तो अपना विवरण (यदि पिछली एसआईआर सूची में मौजूद हो) या किसी रिश्तेदार का विवरण, विशेष रूप से 'चाचा' शब्द का उल्लेख करते हुए दर्ज कर सकता है, जिससे यह संकेत मिलता है कि चाचा या अन्य रक्त संबंधियों के माध्यम से मानचित्रण की अनुमति है।

हालांकि, यह बयान बीएलओ और बीएलओ सॉफ्टवेयर इंटरफेस को जारी लिखित निर्देशों का सीधा खंडन करता है, जो दोनों 'रिश्तेदार' श्रेणी को सख्ती से माता-पिता और दादा-दादी तक ही सीमित रखते हैं। बीएलओ ऐप में ड्रॉपडाउन मेनू वर्तमान में सीमित संबंधपरक विकल्प बेटा, बेटी, पोता, पोती और ट्रांसजेंडर दिखाता है, जिसमें भाई, बहन, चाचा या किसी अन्य रक्त संबंधी जैसे अन्य संबंधों को चुनने का कोई प्रावधान नहीं है।

मुख्य चुनाव आयुक्त के मौखिक स्पष्टीकरण और बीएलओ सॉफ्टवेयर में परिचालन तंत्र के बीच इस असंगति ने जमीनी स्तर पर भ्रम पैदा कर दिया है। बीएलओ कई वास्तविक नागरिकों के लिए डेटा प्रविष्टि के साथ आगे बढ़ने में असमर्थ हैं, जो संकीर्ण माता-पिता/दादा-दादी संबंध से बाहर आते हैं, जबकि सीईसी ने स्पष्ट सार्वजनिक बयान में रिश्तेदारों और रक्त संबंधों जैसे चाचाओं को शामिल करने के लिए परिभाषा का विस्तार किया है।

इसके मद्देनजर, यह जरूरी है कि भारत का चुनाव आयोग तुरंत मुख्य चुनाव आयुक्त द्वारा व्यक्त किए गए निर्देश को लागू करे। चाचा और अन्य रक्त संबंधियों सहित रिश्तेदारों के माध्यम से मानचित्रण की अनुमति देने वाला मौखिक स्पष्टीकरण औपचारिक रूप से बीएलओ को जारी आधिकारिक निर्देश पुस्तिका, ड्रॉपडाउन मेनू और इनपुट फील्ड के तत्काल अद्यतन के माध्यम से बीएलओ सॉफ्टवेयर इंटरफेस में परिलक्षित होना चाहिए।

जब तक ऐसा कार्यान्वयन प्रभावी नहीं हो जाता, तब तक बीएलओ विरोधाभासी दिशानिर्देशों से बंधे रहेंगे, जो विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) प्रक्रिया के समुचित संचालन में सीधे तौर पर बाधा डालते हैं और मतदाताओं के लिए अनावश्यक कठिनाई पैदा करते हैं। हम आपसे तत्काल हस्तक्षेप करने का आग्रह करते हैं ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि मुख्य चुनाव आयुक्त के शब्दों को बिना किसी और देरी के अमल में लाया जाए।

--आईएएनस

एससीएच/डीकेपी

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Created On :   7 Nov 2025 6:01 PM IST

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