Rohini Vrat 2025: जानें क्यों रखा जाता है ये व्रत, क्या है इसका महत्व और पूजा विधि

जानें क्यों रखा जाता है ये व्रत, क्या है इसका महत्व और पूजा विधि
इस व्रत में रोहिणी नक्षत्र का मुख्य स्थान होता है। जैन समुदाय में मौजूद 27 नक्षत्रों में से एक नक्षत्र रोहिणी है, इसलिए जैन समुदाय के अनुयायी उनकी पूजा करते हैं।

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। जैन समुदाय में हर वर्ष मार्गशीर्ष मास के कृष्ण पक्ष की द्वितीया और तृतीया को रोहिणी व्रत (Rohini Vrat) रखा जाता है। इसका विशेष महत्व बताया गया है, जो कि इस बार 7 नवंबर, शुक्रवार को है। यह व्रत महिलाएं अपने पति की लंबी आयु के लिए रखती हैं। हालांकि, ऐसा नहीं है कि इस व्रत को सिर्फ महिलाएं ही कर सकती हैं। पुरुष भी अपनी स्वेच्छा से इस व्रत को रख सकते हैं।

जैसा कि नाम से ही पता चलता है कि, इस व्रत में रोहिणी नक्षत्र का मुख्य स्थान होता है। जैन समुदाय में मौजूद 27 नक्षत्रों में से एक नक्षत्र रोहिणी है, इसलिए जैन समुदाय के अनुयायी उनकी पूजा करते हैं। इस दिन जैन धर्म के लोग भगवान वासुपूज्य की भी आराधना करते हैं। ऐसा माना जाता है कि, इस व्रत को करने से व्यक्ति को जीवन में सभी प्रकार के सांसारिक सुखों की प्राप्ति होती है। आइए जानते हैं इस व्रत का महत्व और पूजा विधि...

इन बातों का रखें ध्यान

जैन धर्म में रोहिणी व्रत एक पवित्र अनुष्ठान के तौर पर माना जाता है, ऐसे में इस दिन स्वच्छता और शुद्धता का विशेष रूप से ध्यान रखें। ध्यान रखें कि, इस व्रत में सूर्यास्त के बाद भोजन नहीं किया जाता। वहीं यदि आप इस व्रत को पहली बार रख रहे हैं तो जान लें कि, व्रत को लगातार तीन, पांच या सात साल तक रखना जरूरी माना जाता है। पारण अनुष्ठान करने के बाद ही इस व्रत को पूर्ण माना जाता है।

पूजन विधि

- इस दिन पूजा के लिए वासुपूज्‍य भगवान की पांचरत्‍नए ताम्र या स्‍वर्ण प्रतिमा की स्‍थापना करें।

- उनकी आराधना करके दो वस्‍त्रों, फूल, फल और नैवेध्य का भोग लगाएं।

- रोहिणी व्रत का पालन उदिया तिथि में रोहिणी नक्षत्र के दिन से शुरू होकर अगले नक्षत्र मार्गशीर्ष तक चलता है।

- इस दिन सूर्यास्त होने से पहले पूजा कर फलाहार करें।

- इस दिन गरीबों को दान देने का अत्यधिक महत्व है।

- अगले दिन पूजा-पाठ करने के बाद अपने व्रत का पारण करें।

डिसक्लेमरः इस आलेख में दी गई जानकारी अलग- अलग किताब और अध्ययन के आधार पर दी गई है। bhaskarhindi.com यह दावा नहीं करता कि ये जानकारी पूरी तरह सही है। पूरी और सही जानकारी के लिए संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञ (ज्योतिष/वास्तुशास्त्री/ अन्य एक्सपर्ट) की सलाह जरूर लें।

Created On :   7 Nov 2025 8:19 PM IST

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