Som Pradosh Vrat 2025: शुभ मुहूर्त में शिव-पार्वती की इस विधि से करें पूजा, हर मनोकामना होगी पूरी

डिजिटल डेस्क, भोपाल। हिन्दू पंचांग के अनुसार, हर महीने की कृष्ण पक्ष और शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी को प्रदोष व्रत रखा जाता है। जो प्रदोष सोमवार को पड़ता है उसे सोम प्रदोष कहा जाता है। सोम प्रदोष को चन्द्र प्रदोषम भी कहा जाता है। इसे मनोकामनायों की पूर्ति करने के लिए किया जाता है। ऐसा माना जाता है कि, जो भी व्यक्ति सोम प्रदोष व्रत रखकर भगवान शिव की सच्चे मन से पूजा करता है, उसे हर कष्ट से मुक्ति मिलती है। आज 03 नवंबर को सोम प्रदोष व्रत है। आइए जानते हैं इस व्रत की पूजा विधि, मंत्र और कुछ विशेष उपाय...
पूजा विधि
- पूजा से पहले स्नान करें और साफ कपड़े पहनें।
- अब सभी पूजा सामग्री एकत्र करें।
- गंगाजल और फूलों से भरा कलश या मिट्टी का बर्तन रखें।
– शिवलिंग का गंगाजल, दूध, घी, दही, शहद से अभिषेक करें।
- शिवलिंग पर बेलपत्र और धतूरा चढ़ाएं।
- प्रदोष व्रत कथा का पाठ करें।
- पूजा के आखिरी में भगवान शिव की आरती करें।
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विशेष पूजा मंत्र:-
श्रीं सुरेश्वराय नमः शिवाय श्रीं॥
कुछ विशेष कार्य करने के लिए 5 उपाय
- स्वस्थ शरीर के लिए शाम के समय सफेद शिवलिंग पर दूध से अभिषेक करें।
- अच्छे भाग्य के लिए संध्या काल में सफेद शिवलिंग के सामने गाय के घी का दीपक जलाएं।
- घर या बाहरी विवाद को टालने के लिए संध्या के समय सफेद शिवलिंग पर आंकड़े का फूल चढ़ाकर जल प्रवाह करें।
- धन हानि, नुकसान, या धोखे से बचने के लिए संध्या के समय में सफ़ेद शिवलिंग पर पीपल के पत्तों की माला चढ़ाएं।
- नौकरी में सफलता के लिए संध्या के समय सफेद शिवलिंग पर 11 अक्षत ॐ नम: शिवाय मन्त्र कहते हुए चढ़ाएं।
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Created On :   1 Nov 2025 5:07 PM IST














