Tulsi Vivah 2025: जानिए तुलसी विवाह का शुभ मुहूर्त और पूजन विधि

जानिए तुलसी विवाह का शुभ मुहूर्त और पूजन विधि

डिजिटल डेस्क, भोपाल। हर साल कार्तिक मास की शुक्ल पक्ष एकादशी तिथि को तुलसी विवाह किया जाता है। वैसे तो एकादशी एक महीने में दो बार कृष्ण पक्ष व शुक्ल पक्ष में आती है लेकिन देवउठनी ग्यारस का पुराणों में विशेष महत्व है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार कहा जाता है कि एकादशी के दिन भगवान विष्णु 4 महीने की निद्रा से जागते हैं और इस दिन ही तुलसी विवाह भी किया जाता है। इसके साथ ही मांगलिक कार्यों की शुरुआत और शादी के शुभ मुहूर्त भी शुरू हो जाते हैं। ऐसा माना जाता है कि तुलसी विवाह के दिन कुछ उपाय करने से कुवारी कन्याओं की शादी में आ रही परेशानियां दूर हो जाती है। जो कुछ इस प्रकार है-

गणेश पूजा के साथ पंचांग पूजन के बाद तुलसी विवाह की सारी विधि होती है। श्रद्धालु मंगल वाद्ययंत्रों के साथ उन्हें पालकी में बिठाकर मंदिर परिसर एवं घर-आंगन में घूमाकर पूर्व स्थान से दूसरे स्थान पर रख देते हैं। बधाई के गीत गाए जाते हैं और सगुन में मिष्ठान्न, प्रसाद, फल एवं दक्षिणा दी जाती है। प्रबोधिनी एकादशी के दिन शालिग्राम, तुलसी व शंख का पूजन करने से विशेष पुण्य की प्राप्ति होती है। गोधूलि बेला में तुलसी विवाह करने का पुण्य लिया जाता है। दीप मालिकाओं से घरों को प्रकाशित किया जाता है और बच्चे आतिशबाजी चलाकर खुशियां मनाते हैं।

इस विधि से पूजा करें

- एकादशी व्रत के दिन ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान आदि करें और स्वच्छ वस्त्र धारण करें।

- अब भगवान सूर्य को जल चढ़ाएं और व्रत का संकल्प लें।

- तुलसी के पौधे को आंगन के बीचों-बीच में रखें और इसके ऊपर भव्य मंडप सजाएं। - - इसके बाद माता तुलसी पर सुहाग की सभी चीजें जैसे बिंदी, बिछिया,लाल चुनरी आदि चढ़ाएं।

- अब विष्णु स्वरुप शालिग्राम को रखें और उन पर तिल चढ़ाएं।

- इसके बाद तुलसी और शालिग्राम जी पर दूध में भीगी हल्दी लगाएं।

- गन्ने के मंडप पर भी हल्दी का लेप करें और उसकी पूजन करें।

- अब हिंदू धर्म में विवाह के समय बोला जाने वाला मंगलाष्टक करें।

- इसके बाद दोनों की घी के दीपक और कपूर से आरती करें और प्रसाद चढ़ाएं।

डिसक्लेमरः इस आलेख में दी गई जानकारी अलग अलग किताब और अध्ययन के आधार पर दी गई है। bhaskarhindi.com यह दावा नहीं करता कि ये जानकारी पूरी तरह सही है। पूरी और सही जानकारी के लिए संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञ (ज्योतिष/वास्तुशास्त्री/ अन्य एक्सपर्ट) की सलाह जरूर लें।

Created On :   1 Nov 2025 4:27 PM IST

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