Chhath Puja 2025: छठ पर्व के तीसरे दिन बन रहा है रवि योग, जानिए अस्तगामी सूर्य को किस समय दें अर्घ्य, क्या है पूजा विधि

डिजिटल डेस्क, भोपाल। कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि को छठ पूजा (Chhath Puja) का काफी महत्व माना गया है। बिहार, झारखंड और उत्तर प्रदेश से शुरू हुए इस महापर्व को यहां के लोग देश और दुनिया में एक उत्सव के रूप में मानाते हैं। यह पर्व इस साल 25 अक्टूबर से शुरू हुआ और दो दिन निकल चुके हैं। वहीं अब बारी है तीसरे दिन की, जब अस्तगामी सूर्य यानि कि डूबते हुए सूर्य को अर्घ्य दिया जाता है। आइए जानते हैं इस दिन का महत्व और पूजा विधि...
बन रहा है रवि योग
ज्योतिषियों के अनुसार, इस साल 27 अक्टूबर 2025, सोमवार के दिन रवि योग बन रहा है। यह योग दोपहर में 1 बजकर 27 मिनट से शुरू होगा और पूरी रात तक रहेगा। ऐसे में इस योग में डूबते हुए सूर्य को अर्घ्य देना सबसे शुभ रहेगा। इसके अलावा इसी दिन कौलव और तैतिल करण का शुभ संयोग भी बन रहा है।
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अस्तगामी सूर्य अर्ध्य का महत्व
तीसरे दिन छठ प्रसाद के रूप में ठेकुआ या टिकरी बनाए जाते हैं। इसके अलावा चावल के लड्डू बनाए जाते हैं। साथ ही चढ़ावे के रूप में लाया गया सांचा और फल भी छठ प्रसाद के रूप में शामिल किया जाता है। संध्या समय पूरी तैयारी के साथ बांस की टोकरी में अर्घ्य का सूप सजाया जाता है और व्रत करने वाले के साथ परिवार और पड़ोसी सूर्य देव को अर्घ्य देने अपने-अपने नगर या गांव के नदी या तालाब के किनारे इकट्ठे होकर सामूहिक रूप से अर्घ्य दान संपन्न करते हैं। सूर्य को दूध और अर्घ्य का जल दिया जाता है। इसके बाद छठ मैया की भरे सूप से पूजा की जाती है और साडी रात में छठी माता के गीत गाए जाते हैं।
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Created On :   26 Oct 2025 10:45 PM IST














