Tuljapur News: तीर्थक्षेत्र तुलजाई नगरी में भेंडोली उत्सव संपन्न, दशावतार मठ से जुड़ी परंपरा बादस्तूर जारी

- पारंपरिक भेंडोली उत्सव भक्तिभाव और जयघोषों के बीच संपन्न
- कालभैरव मंदिर से निकली आग की भेंडोली
Dharashiv News. सोमवती अमावस्या की रात तुलजापुर तीर्थक्षेत्र में पारंपरिक भेंडोली उत्सव भक्तिभाव और जयघोषों के बीच संपन्न हुआ। कालभैरव मंदिर से निकली आग की भेंडोली संभल की तेज आवाज़ और “उदो-उदो” के नारों के साथ नगर भ्रमण पर निकली। समारोह में विश्वस्त, तहसीलदार और विधायक राणाजगजीत सिंह पाटिल के पुत्र मल्हार पाटिल सहित अनेक श्रद्धालु उपस्थित रहे। कालभैरव मंदिर में अमावस्या शुरू होते ही आरती के बाद देवीजी के पोतसे भेंडोली प्रज्वलित की गई।
इसके बाद सैकड़ों युवकों ने नंगे शरीर पर ज्वालामुखी भेंडोली को कंधे पर उठाकर जयघोष करते हुए कालभैरव कड़े से महंत तुकोजी बुवा मठ तक पहुँचाया। महंत चिलोजी बुवा और तुकोजी बुवा द्वारा पूजा के उपरांत भेंडोली को सर्पाकार रास्ते से राजे शिवाजी दरवाजा होते हुए मंदिर तक ले जाया गया।
मंदिर में महंत मावजीनाथ बुवा ने दत्त मंदिर के सामने पूजन किया। तेल अर्पित करने के बाद भेंडोली की अग्निलपटाएँ देवी के सिंहगाभारा तक ले जाई गईं। परिक्रमा और विधिविधान के बाद डुल्या हनुमान मंदिर में पूजन कर अहिल्यादेवी होलकर कुएं के पानी से भेंडोली को शांत किया गया।
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दशावतार मठ से जुड़ी परंपरा
प्राचीन मान्यता के अनुसार, दशावतार मठ के महंत गरीबनाथ बुवा ने देवी से काशी जाने की अनुमति मांगी थी। देवी ने कहा, “गंगा का जल तुलजापुर के श्रीगोमुख तीर्थकुंड में ही आता है।” फिर भी वे काशी गए और लौटकर देवी के समक्ष प्रकट हुए तो देवी ने कहा, “अब तुम केवल अश्विन अमावस्या को ही मेरे दर्शन कर सकोगे।”
तब से यह परंपरा चली आ रही है। इस वर्ष महंत मावजीनाथ बुवा ने देवी की सिंहासन पूजा और कुलाचार के साथ दर्शन किए। आग की लपटें, संभल के स्वर और भक्तिभाव से लबालब यह उत्सव तुलजापुर की धार्मिक परंपरा का जीवंत प्रतीक बना।
Created On :   22 Oct 2025 5:09 PM IST