Dhanteras 2025: इस विधि से करें भगवान कुबेर और धनवन्तरी की पूजा, जानिए खरीदारी का मुहूर्त

इस विधि से करें भगवान कुबेर और धनवन्तरी की पूजा, जानिए खरीदारी का मुहूर्त

डिजिटल डेस्क, भोपाल। हर साल कार्तिक माह में कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को धनतेरस (Dhanteras) का पर्व मनाया जाता है। इसी दिन से रोशनी के त्योहार दीपावली (Diwali) का आरंभ माना जाता है। इस दिन मां लक्ष्मी के साथ स्वास्थ्य और औषधियों के देवता धनवन्तरी की पूजा की जाती है। साथ ही धन और संपन्नता के लिए इस दिन कुबेर देव की पूजा होती है। इस दिन सोने-चांदी के अलावा बर्तनों की खरीददारी की जाती है।

धार्मिक मान्यता है कि, धनतेरस के दिन की गई खरीददारी से वस्‍तुओं में 13 गुना वृ‍द्धि होती है। साथ ही धनतेरस के त्‍योहार को विधि विधान से मनाने पर आपको वर्ष भर धन की कमी का सामना नहीं करना पड़ता। इस बार यह पर्व 18 अक्टूबर, शनिवार के दिन पड़ रहा है। आइए जानते हैं खरीददारी का शुभ मुहूर्त और पूजा की विधि...

तिथि कब से कब तक

तिथि आरंभ: 18 अक्टूबर 2025, शनिवार की दोपहर 12 बजकर 20 मिनट से

तिथि समापन: 19 अक्टूबर 2025, रविवार की दोपहर 1 बजकर 52 मिनट तक

धनतेरस का पूजा मुहूर्त

धनतेरस के पर्व पर शाम के समय भगवान धनवतंरी, कुबेर महाराज और माता लक्ष्मी की पूजा करें। इसके लिए शुभ मुहूर्त 18 अक्टूबर की शाम 07 बजकर 11 मिनट से लेकर रात 09 बजकर 22 मिनट तक रहेगा।

खरीदारी का शुभ मुहूर्त

अमृत काल: सुबह 08 बजकर 50 मिनट से 10 बजकर 33 मिनट तक

अभिजित मुहूर्त: दोपहर 12 बजकर 01 मिनट से लेकर दोपहर 12 बजकर 48 मिनट तक

लाभ-उन्नति चौघड़िया मुहूर्त: दोपहर 01 बजकर 51 मिनट से लेकर दोपहर 03 बजकर 18 मिनट तक

पूजा विधि

- धनतेरस पर शाम के समय घर के पूजा गृह में उत्तर की ओर भगवान कुबेर और धनवंतरी की स्थापना करें।

- दोनों के सामने एक-एक मुख का घी का दीपक जरूर जलाएं।

- ॐ धं धन्वन्तरये नमः मंत्र का 108 बार उच्चारण करें।

- इसके बाद स्वास्थ्य के भगवान धनवंतरी से अच्छी सेहत की कामना करें।

- धनवन्तरी की पूजा के बाद सबसे पहले प्रथम पूज्य देव भगवान गणेश की पूजा करें।

- इसके लिए सबसे पहले गणेश जी को दिया अर्पित करें और धूपबत्ती चढ़ाएं।

- इसके बाद गणेश जी के चरणों में फूल अर्पण करें और मिठाई चढ़ाएं।

- इसी तरह लक्ष्मी पूजन करें, लक्ष्मी को फूल और अक्षत के साथ चंदन लगाएं।

- भगवान कुबेर को सफेद मिठाई और धनवंतरी को पीली मिठाई को भोग लगाएं।

- पूजा के दौरान "ॐ ह्रीं कुबेराय नमः" का जाप करें

- अब दक्षिण दिशा की ओर यमराज को जल दें।

- तिल का तिल जलाकर सभी की आरती करें।

- पूजा के बाद अनाज का दान करें।

- ध्यान रहे इस पूजा के बाद दीपावली पर कुबेर को धन स्थान पर और धनवंतरी को पूजा स्थान पर स्थापित करना ना भूलें।

डिसक्लेमरः इस आलेख में दी गई जानकारी अलग अलग किताब और अध्ययन के आधार पर दी गई है। bhaskarhindi.com यह दावा नहीं करता कि ये जानकारी पूरी तरह सही है। पूरी और सही जानकारी के लिए संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञ (ज्योतिष/वास्तुशास्त्री/ अन्य एक्सपर्ट) की सलाह जरूर लें।

Created On :   17 Oct 2025 7:23 PM IST

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