Saphala Ekadashi 2025: इस एकादशी पर व्रत करने से होगी सौभाग्य और मनचाहे फल की प्राप्ति, जानिए शुभ मुहूर्त और पूजा विधि

इस एकादशी पर व्रत करने से होगी सौभाग्य और मनचाहे फल की प्राप्ति, जानिए शुभ मुहूर्त और पूजा विधि
धार्मिक मान्यता है कि, जो भी जातक इस दिन सच्चे मन और पूरी आस्था से व्रत करने के साथ ही भगवान विष्णु की पूजा करता है उसे समस्त पापोंं से मुक्ति मिलती है। साथ ही इस दिन दान करने से साधक को सफलता, सौभाग्य और मनचाहा फल मिलता है।

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। सनातन धर्म में एकादशी तिथि का काफी महत्व है और हर एकादशी अलग नाम से जानी जाती है। फिलहाल, पौष मास चल रहा है और इसके कृष्‍ण पक्ष की एकादशी को सफला एकादशी (Saphala Ekadashi) के नाम से जाना जाता है। शास्त्रों में इस एकादशी की तिथि को बेहद शुभ माना गया है। धार्मिक मान्यता है कि, जो भी जातक इस दिन सच्चे मन और पूरी आस्था से व्रत करने के साथ ही भगवान विष्णु की पूजा करता है उसे समस्त पापोंं से मुक्ति मिलती है। साथ ही इस दिन दान करने से साधक को सफलता, सौभाग्य और मनचाहा फल मिलता है। इस वर्ष यह एकादशी 15 दिसंबर 2025, सोमवार को पड़ रही है। आइए जानते हैं इसका महत्व, पूजा मुहूर्त और विधि...

सफला एकादशी कब से कब तक

एकादशी तिथि आरंभ: 14 दिसंबर 2025, रविवार की शाम 6 बजकर 49 मिनट से

एकादशी तिथि समापन: 15 दिसंबर 2025, सोमवार की रात 9 बजकर 19 मिनट तक

महत्व

ब्रह्माण्ड पुराण में इस एकादशी का जिक्र मिलता है। जिसके अनुसार, सफला एकादशी का वर्णन धर्मराज युधिष्ठिर और भगवान कृष्ण के बीच हुई बातचीत के दौरान किया गया था। शास्त्रों के अनुसार, इस व्रत को रखने मात्र से 100 राजसूय यज्ञ और 1000 अश्वमेध यज्ञ के बराबर फल की प्राप्ति होती है। सफला एकादशी के दिन को जीवन के सभी दुखों को समाप्त करने वाला बताया गया है। साथ ही इस व्रत को करने से बेहद पुण्य फल की प्राप्ति होती है और जीवन के हर क्षेत्र में सफलता मिलती है।

पूजा विधि

- इस दिन सूर्योदय से पूर्व उठें और स्ना​नादि से निवृत्त होकर व्रत का संकल्प लें।

- इसके बाद घर के मंदिर की सफाई कर गंगाजल का छिड़काव करें।

- एक साफ चौकी पर पीले रंग का वस्त्र बिछाएं।

- इसके बाद भगवान विष्णु की मूर्ति स्थापित करें।

- भगवान के मस्तक पर सफेद चन्दन लगाएं।

- श्री हरि को पंचामृतए पुष्प और ऋतु फल अर्पित करें।

- अब भगवान विष्णु की विधि विधान से पूजा करें।

- शाम को आहार ग्रहण करने के पहले जल में दीपदान करें।

डिसक्लेमरः इस आलेख में दी गई जानकारी अलग अलग किताब और अध्ययन के आधार पर दी गई है। bhaskarhindi.com यह दावा नहीं करता कि ये जानकारी पूरी तरह सही है। पूरी और सही जानकारी के लिए संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञ (ज्योतिष/वास्तुशास्त्री/ अन्य एक्सपर्ट) की सलाह जरूर लें।

Created On :   8 Dec 2025 2:53 PM IST

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