Chhath Kharna 2025: छठ पर्व का आज दूसरा दिन, जानिए खरना का महत्व और पूजा विधि

डिजिटल डेस्क, भोपाल। हिन्दू धर्म में प्रमुख त्योहारों में से एक छठ पर्व छठी मैया को समर्पित है। पहले दिन की शुरुआत नहाय-खाए के साथ हो चुकी है। वहीं आज दूसरा दिन है, जो खरना के नाम से जाना जाता है। इस बार यह 26 अक्टूबर, रविवार को पड़ रहा है। इस दिन व्रतियों द्वारा निर्जला उपवास रखा जाता है। इस व्रत में व्रती चढ़ते सूर्य को छठ को अर्घ्य देते हैं। इस दिन प्रसाद के रूप में रोटी और खीर ग्रहण करने की परंपरा है।
यह व्रत घर-परिवार और संतान के सुख-समृद्धि के लिए रखा जाता है। पूरे चार दिनों तक चलने वाले इस व्रत के नियम काफी कठिन होते हैं, जिनका पालन करना होता है। आइए जानते हैं दूसरे दिन का महत्व और पूजा विधि...
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इस विधि से तैयार करें प्रसाद
छठ पूजा के दूसरे दिन प्रसाद के रूप में गन्ने के रस में चावल की खीर बनाई जाती है। इसके साथ दूध, चावल का पिट्ठा और घी चुपड़ी रोटी बनाई जाती है। इसमें शक्कर या नमक का उपयोग वर्जित होता है। इसके अलावा ठेकुआ, मालपुआ, खीर, खजूर, चावल का लड्डू और सूजी का हलवा आदि छठ मइया को प्रसाद के रूप में चढ़ाया जाता है।
इस विधि से करें पूजा
- खरना वाले दिन स्नान-ध्यान करने के बाद 36 घंटे का निर्जल व्रत प्रारंभ होता है।
- शाम के समय गुड़ की खीर और पुड़ी बनाकर छठी माता को भोग लगाया जाता है।
- ध्यान रहे सबसे पहले व्रती खीर खाएं बाद में परिवार और ब्राह्मणों को वितरित करें।
- ऐसा माना जाता है कि, पंचमी तिथि के दिन ही संतान सुख को बढ़ाने वाली छठी माता का आगमन होता है।
- रखा गया व्रत चौथे दिन उदयमान सूर्य को अर्घ्य देने के बाद समाप्त होता है।
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Created On :   26 Oct 2025 5:13 PM IST













