Kartik Purnima 2025: जानिए कार्तिक पूर्णिमा का महत्व, पूजा विधि और मुहूर्त

डिजिटल डेस्क, भोपाल। हिन्दू पंचांग के आठवें महीने कार्तिक को बेहद पवित्र माना गया है और इस महीने में धनतेरस, दीपावली और देवउठनी एकादशी जैसे पर्व आते हैं। जितना इन त्योहारों का महत्व है उतना ही इस महीने की पूर्णिमा का भी है। इस दिन गंगा स्नान और दीप दान करना अत्यंत शुभ माना गया है। इस वर्ष कार्तिक पूर्णिमा (Kartik Purnima) 05 नवंबर 2025, बुधवार को है। मान्यता है कि, इस दिन स्वर्ग से देवता काशी में आकर देव दिवाली मनाते हैं।
कार्तिक पूर्णिमा पर दान का विशेष महत्व बताया गया है। इस दिन आप जरूरतमंदों को अन्न, वस्त्र, तिल, घी और आटे का दान करें। इससे आपको शुभ फलों की प्राप्ति होती है। आइए जानते हैं इस दिन का महत्व, मुहूर्त और पूजा की विधि...
कार्तिक पूर्णिमा का महत्व
इस तिथि के स्वामी चन्द्र देव हैं और इस दिन सूर्य और चन्द्रमा समसप्तक होते हैं। ऐसे में इस दिन गंगा नदी या किसी पवित्र नदी अथवा सरोवर में स्नान का बड़ा महत्व है। कहा जाता है कि, भगवान विष्णु, शंकर, माता लक्ष्मी को यह महीना विशेष रूप से प्रिय है, इसलिए वे जातक को कार्तिक पूर्णिमा पर गंगा स्नान करने पर अच्छे-बुरे कार्य का तत्काल फल प्रदान करते हैं। साथ ही इस स्नान से नौ ग्रहों की कृपा प्राप्ति होती है।
इस विधि से करें पूजा
- कार्तिक पूर्णिमा पर चंद्र दर्शन के बाद पूजा की जाने की परंपरा है।
- पवित्र स्थान पर भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की प्रतिमा रखें और गंगा स्नान कराएं।
- इसके बाद उनके सामने दीप जलाएं और पीले फूल अर्पित करें।
- अब तुलसी माता की पूजा करें और जल अर्पित करें।
- विष्णु सहस्त्रनाम या विष्णु जी के मंत्रों का जाप करें।
- इसके बाद शिवलिंग का गंगाजल और दूध से अभिषेक करें।
इस मंत्र का जाप करें
“पुत्रपौत्रं धनं धान्यं हस्त्यश्वादिगवेरथम् प्रजानां भवसि माता आयुष्मन्तं करोतु मे।”
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Created On :   4 Nov 2025 11:04 PM IST












