Pune City News: त्रिपुरारी पूर्णिमा पर दीपों से फिर जगमगाएगा

त्रिपुरारी पूर्णिमा पर दीपों से फिर जगमगाएगा
5 नवंबर को भव्य दीपोत्सव का आयोजन, गुरु नानक जयंती भी मनाई जाएगी, होगी कार्तिक मास की समाप्ति

भास्कर न्यूज, पुणे। कार्तिक मास की पूर्णिमा बुधवार 5 नवंबर को पड़ रही है। इस तिथि को कार्तिक पूर्णिमा, त्रिपुरारी पूर्णिमा और देव दीपावली के नाम से जाना जाता है। इसी दिन श्री गुरु नानक देव जी की जयंती भी मनाई जाती है। इस दिन के साथ कार्तिक मास समाप्त हो जाएगा और अगले दिन 6 नवंबर से मार्गशीर्ष मास का प्रारंभ होगा। कार्तिक पूर्णिमा के दिन नदी स्नान करने की भी परंपरा है। कई श्रद्धालु पूरे कार्तिक मास में नदी स्नान करते हैं और पूर्णिमा के दिन इस मास का अंतिम स्नान किया जाता है। वहीं दीपदान की भी परंपरा है। इसी दिन भगवान शिव ने त्रिपुरासुर नामक राक्षस का वध किया था। इस पावन दिन पर मंदिर और घरों में दीपोत्सव मनाया जाता है।

त्रिपुरारी पूर्णिमा पर जगमगाएगा वेदभवन

वेदभवन के 36वें स्थापना दिवस पर 5 नवंबर तक वेदभवन में विविध धार्मिक और सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा है। श्री घैसास गुरुजी वेदपाठशाला के प्रधानाचार्य व प्रधान विश्वस्त मोरेश्वर विनायक घैसास गुरु और विश्वेश्वर मोरेश्वर घैसास गुरु ने विज्ञप्ति के माध्यम से बताया कि त्रिपुरारी पूर्णिमा के मौके पर वेदभवन में बुधवार शाम 6.30 बजे त्रिपुरारी का पूजन कर दीपोत्सव मनाया जाएगा। इसी दिन शाम 5.30 बजे मशहूर गायक व कीर्तनकार पंडित चारुदत्त आफले का नाट्यसंगीत गायन का कार्यक्रम होगा। त्रिपुरारी पूर्णिमा के मौके पर आयोजित त्रिपुरारी पूजन, दीपोत्सव और नाट्यसंगीत गायन का लाभ उठाने की अपील मोरेश्वर विनायक घैसास गुरु और विश्वेश्वर मोरेश्वर घैसास गुरु ने किया है।

ओंकारेश्वर मंदिर में त्रिपुरासुर वध

पुणे के पेशवाकालीन मंदिर में भगवान शिव का पराक्रम और त्रिपुरासुर वध का कार्यक्रम बुधवार 5 नवंबर को शाम 6 बजे धूमधाम से मनाया जाएगा। मंदिर के पीछे स्थित योग हॉल में त्रिपुरासुर के तीन पुत्रों के पुतले खड़े किए गए हैं। शाम में मंदिर में नटरंग अकादमी शिवतांडव नृत्य प्रस्तुत करेगा। उसके बाद सजे हुए रथ से शिव जी की शोभायात्रा निकाली जाएगी। उस रथ को पुतला के सामने लाया जाएगा और एक ही तीर से उसे भस्म किया जाएगा। तीर लगते ही आतिशबाजी की जाएगी। देवस्थान के तत्कालीन अध्यक्ष स्व . गिरीश बापट ने इस कार्यक्रम की शुरुआत इसी उद्देश्य से की थी कि दिल्ली के रावण वध जैसे कार्यक्रम पुणे में हो। पिछले 12 वर्षों से यह उत्सव मनाया जा रहा है। आज के दौर में यह कार्यक्रम सभी वर्ग के लोगों के बीच लोकप्रिय हो गया है।

दगड़ूशेठ मंदिर में अन्नकूट और दीपोत्सव

श्रीमंत दगड़ूशेठ हलवाई सार्वजनिक गणपति ट्रस्ट की ओर से बुधवार को अन्नकूट और दीपोत्सव का आयोजन किया जाएगा। दगडूशेठ गणपति के सामने 56 भोग लगाए जाएंगे। वहीं अगर किसी भक्त को अन्नकोट के लिए कुछ भी अर्पित करना है तो वे मंगलवार 4 नवंबर को रात 10 बजे तक मंदिर के पूजा भंडार में कर सकते हैं। इस दिन मंदिर को हजारों दीयों से जगमगाया जाता है, शिखर से गर्भगृह तक एक मनमोहक दृश्य तैयार होता है। इसके साथ ही अन्नकूट के दौरान विविध प्रकार के व्यंजन, जैसे कि मिठाइयां, फराल, सब्जियां और फल बप्पा को भोग के रूप में अर्पित किए जाते हैं। साथ ही मंदिर परिसर को फूलों, रंगोली और तोरण से भी सजाया जाता है।

श्री महालक्ष्मी मंदिर में वैकुंठ चतुर्दशी आज

सारसबाग स्थित श्री महालक्ष्मी मंदिर में मंगलवार 4 नवंबर को वैकुंठ चतुर्दशी के अवसर पर खास पूजा-अर्चना की जाएगी। इस दिन महालक्ष्मी माता को 1008 तुलसी और 1008 बेलपत्र अर्पित किया जाएगा। वहीं बुधवार 5 नवंबर को त्रिपुरारी पूर्णिमा के मौके पर दीप उत्सव मनाया जाएगा। शाम में मंदिर को शाम 6 बजे सैंकड़ों दीये से सजाया जाएगा। इसके साथ ही शाम 8 बजे 1008 कमल पुष्प सहस्र अर्चना की जाएगी।

वाघोली के वाघेश्वर मंदिर में भी होगा दीपोत्सव

हर साल की तरह इस वर्ष भी बुधवार 5 नवंबर को त्रिपुरारी पूर्णिमा के मौके पर वाघोली के वाघेश्वर मंदिर में भव्य दीपोत्सव का आयोजन किया जाएगा। श्री शिवप्रतिष्ठान हिंदुस्थान, वाघोली विकास प्रतिष्ठान और समस्त वाघोली ग्रामस्थ की ओर से इस दीपोत्सव का आयोजन किया जाएगा। इस दीपोत्सव में कुल 11 हजार दीये जलाए जाएंगे। हर साल इस उत्सव के दौरान वाघोली और आसपास के क्षेत्र के सैंकड़ों लोग शामिल होते हैं।

Created On :   4 Nov 2025 4:51 PM IST

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