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Pune City News: पिंपरी चिंचवड़ पुलिस अब भ्रष्टाचार निरोधक विभाग के रडार पर

भास्कर न्यूज, पुणे। पिंपरी पुलिस विभाग की आर्थिक अपराध शाखा में कार्यरत पुलिस उपनिरीक्षक (पीएसआई) प्रमोद चिंतामणि के रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार होने के बाद उसे कोर्ट में सोमवार को पेश किया गया। कोर्ट ने 6 नवंबर तक पुलिस हिरासत में रखने का आदेश दिया गया है। जांच में सामने आया कि प्रमोद चिंतामणि ने कहा था कि आपके दिए हुए पैसे से हम अपना हिस्सा देख लेंगे, सीपी और डीसीपी को भी मैनेज कर लेंगे। इसी कारण पिंपरी चिंचवड़ पुलिस अब भ्रष्टाचार निरोधक विभाग के रडार पर आ गई है।
चिंतामणि ने दो करोड़ रुपए की रिश्वत मांगी थी और उसमें से पहला हफ्ता 46.50 लाख रुपए लेते समय रंगेहाथ पकड़ा गया। रिश्वत ऐसे आरोपी के जमानत आवेदन पर कार्रवाई करने के बदले मांगी गई थी, जो चार करोड़ रुपए की ठगी के मामले में गिरफ्तार था। तकरीबन दो लाख रुपए की मांग चिंतामणि ने पुलिस निरीक्षक संदीप सावंत के कैबिन में शिकायतकर्ता वकील के सामने की थी। शिकायत में यह भी दर्ज है कि सावंत और चिंतामणि ने वकील और उनके मुवक्किल से अभद्र भाषा में बात की थी। शिकायतकर्ता वकील के मुवक्किल ने मानवाधिकार आयोग में भी शिकायत की थी।
पूछताछ के दौरान जब वकील से उनकी फीस पूछी गई, तो उन्होंने तीन करोड़ रुपए बताई। तब चिंतामणि ने कहा था कि मुझे एक करोड़ और मेरे साहब को एक करोड़ रुपए दो, लेकिन साहब के सामने यह बात मत करना। एंटी करप्शन ने जाल बिछाकर पीएसआई को रास्ता पेठ स्थित कैफे की ऊपरी मंजिल पर बुलवाया। वह वहां आया और बोला कि यहां मत दो, यहां कैमरे हैं। उंटाड्या मारुति मंदिर के पास एसीबी की टीम ने उसे रंगेहाथ पकड़ लिया। पीएसआई के पास 45 लाख रुपए बरामद हुए, जिनमें नकली नोट भी शामिल थे। कार्रवाई में चिंतामणि ने पुलिस कमिश्नर (सीपी) और डीसीपी का नाम लिया था, साथ ही यह भी बताया गया कि बातचीत पुलिस निरीक्षक संदीप सावंत के कैबिन में हुई थी।
Created On :   4 Nov 2025 3:00 PM IST












