Pune News: दौंड की शर्वरी और मनस्वी राजवाड़े ने एक साल में फतह किए 57 किले

दौंड की शर्वरी और मनस्वी राजवाड़े ने एक साल में फतह किए 57 किले
सामाजिक, राजनीतिक, शैक्षणिक, खेल और पर्वतारोहण क्षेत्र के गणमान्य व्यक्तियों द्वारा खूब सराहना हो रही

भास्कर न्यूज, यवत। भारत में कई महिला पर्वतारोही हैं जिन्होंने बड़ी सफ़लता हासिल की है। लेकिन, दृढ़ संकल्प, लगन और कड़ी मेहनत के बल पर, (जावजीबुवाचीवाड़ी, ता. दौंड, जिला पुणे) की दो चचेरी बहनों ने एक साल में करीब 57 किले फ़तह करके एक महान पराक्रम किया है। उनकी इस उपलब्धि की सामाजिक, राजनीतिक, शैक्षणिक, खेल और पर्वतारोहण क्षेत्र के गणमान्य व्यक्तियों द्वारा खूब सराहना हो रही है।

शर्वरी गणेश राजवाड़े (8 वर्ष) और मनस्वी महेश राजवाड़े (7 वर्ष) ने 57 ऐतिहासिक किले फ़तह करके दौंड तहसील के गौरव में एक नया पंख जोड़ दिया है। शर्वरी के पिता गणेश राजवाडे को शुरू से ही गढ़ और किले फ़तह करने का शौक है। बच्चों को भी इन ऐतिहासिक इमारतों की जानकारी हो, और उन्हें भी ट्रेकिंग का शौक लगे, इसलिए गणेश राजवाड़े ने अपनी बेटी शर्वरी और भाई की बेटी मनस्वी को बचपन से ही पर्वतारोहण के पाठ पढ़ाना शुरू कर दिया।

शर्वरी यवत स्थित ज्ञानसिंधु इंग्लिश मीडियम स्कूल में तीसरी कक्षा में पढ़ रही है, जबकि मनस्वी दूसरी कक्षा में पढ़ रही है। ऐतिहासिक किले फ़तह करने की इस मुहिम में दोनों को स्कूल की प्रधानाध्यापिका वैशाली गणेश जगदाले का बहुमूल्य मार्गदर्शन मिला। इन सभी की प्रेरणा से शर्वरी और मनस्वी ने लगन, धैर्य और इतिहास के प्रति जागरूकता जैसे गुणों का प्रदर्शन किया है। उन्होंने एक साल में रायगढ, राजगढ़, तोरणा, अलंग, मदन, कुलंग, वासोटा, जीवधन, मोरगिरी, तुंग, तिकोना, हरिश्चंद्रगढ़, मोहनगढ़, कमलगढ़, कावलागढ़, रोहिड़ा सहित कुल 57 किले फ़तह करके एक गर्व करने लायक उपलब्धि हासिल की है।

शर्वरी और मनस्वी की ट्रेकिंग यात्रा यहीं नहीं रुकेगी। उन्हें कई बड़े-बड़े ट्रेक करने हैं। इन दोनों को मेरे बड़े भाई गणेश राजवाडे का महत्वपूर्ण योगदान मिला है। अब तक पूरे किए गए ट्रेक के पीछे उनकी लगन और मेहनत है।"

- महेश राजवाडे, मनस्वी के पिता

Created On :   4 Nov 2025 6:28 PM IST

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