पश्चिम बंगाल सुवेंदु अधिकारी ने लगाया केएमसी पर अवैध तरीके से जन्म प्रमाणपत्र जारी करने का आरोप

पश्चिम बंगाल  सुवेंदु अधिकारी ने लगाया केएमसी पर अवैध तरीके से जन्म प्रमाणपत्र जारी करने का आरोप
पश्चिम बंगाल विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष सुवेंदु अधिकारी ने गुरुवार को कोलकाता नगर निगम (केएमसी) पर गंभीर आरोप लगाया। उन्होंने दावा किया कि केएमसी अवैध तरीके से जन्म प्रमाणपत्र जारी कर रहा है।

कोलकाता, 6 नवंबर (आईएएनएस)। पश्चिम बंगाल विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष सुवेंदु अधिकारी ने गुरुवार को कोलकाता नगर निगम (केएमसी) पर गंभीर आरोप लगाया। उन्होंने दावा किया कि केएमसी अवैध तरीके से जन्म प्रमाणपत्र जारी कर रहा है।

इन प्रमाणपत्रों का मकसद वास्तविक नागरिकों की मदद नहीं, बल्कि उन संदिग्ध व्यक्तियों को फायदा पहुंचाना है जिनके नाम विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) अभियान के दौरान मतदाता सूची से हटाए जा सकते हैं।

सुवेंदु अधिकारी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर पोस्ट कर चुनाव आयोग से तत्काल जांच की मांग की। उन्होंने अपनी पोस्ट में लिखा, "यह मतदाता सूची में हेरफेर करने और लोकतंत्र को कमजोर करने का घोर प्रयास है। जन्म प्रमाणपत्र देश के नागरिकों के लिए कानूनी दस्तावेज हैं, जो आमतौर पर नवजात शिशुओं या दुर्लभ मामलों में देरी से पंजीकरण के लिए जारी होते हैं। ये राजनीतिक हथियार नहीं हैं, जिनका उद्देश्य वोट बैंक के लिए जनसांख्यिकी बदलना हो।"

सुवेंदु अधिकारी ने केएमसी स्वास्थ्य विभाग में आरटीआई दाखिल की, जिसमें पिछले 30 दिनों में जारी जन्म प्रमाणपत्रों के विस्तृत आंकड़े मांगे गए। दूसरा, केएमसी आयुक्त को पत्र लिखकर 6 अक्टूबर से 5 नवंबर 2025 तक के आंकड़े मांगे, साथ ही 2024 की इसी अवधि से तुलना की।

इसमें कुल जारी प्रमाणपत्र, केएमसी क्षेत्र से बाहर गैर-निवासियों को दिए गए प्रमाणपत्र, 2007 से पहले जन्मे लोगों के देरी से पंजीकरण वाले मामले और हाल के जन्मों के प्रमाणपत्र शामिल हैं। उन्होंने जन्म और मृत्यु पंजीकरण अधिनियम, 1969 के तहत कानूनी मानदंडों को तोड़ने की कोशिश को बर्दाश्त न करने की चेतावनी दी।

सुवेंदु अधिकारी ने कहा, "तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) एसआईआर प्रक्रिया को बदनाम करने की कोशिश कर रही है, जबकि अवैध घुसपैठिए बंगाल छोड़कर भाग रहे हैं।"

यह आरोप चुनाव आयोग के एसआईआर अभियान के बीच आया है, जो 4 नवंबर 2025 से शुरू हुआ। इस अभियान का उद्देश्य मतदाता सूची को साफ-सुथरा बनाना है, जिसमें जन्म प्रमाणपत्र जैसे दस्तावेज नागरिकता साबित करने के लिए मान्य हैं। भाजपा का दावा है कि 2020 से 'दुआरे सरकार' जैसी योजनाओं के नाम पर बैकडेटेड और नकली प्रमाणपत्र जारी हो रहे हैं, जो अवैध घुसपैठियों (खासकर बांग्लादेशी और रोहिंग्या) को वोटर बनने में मदद करते हैं।

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Created On :   6 Nov 2025 2:25 PM IST

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