एनडीए को बिहार की माताएं और बहनों ने, जबकि महागठबंधन को युवाओं ने वोट दिया मुकेश सहनी

एनडीए को बिहार की माताएं और बहनों ने, जबकि महागठबंधन को युवाओं ने वोट दिया  मुकेश सहनी
बिहार विधानसभा चुनाव के नतीजों में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) ने रिकॉर्ड बहुमत से जीत दर्ज की। वहीं, विपक्षी महागठबंधन को बहुत कम सीट प्राप्त हुईं। विकासशील इंसान पार्टी (वीआईपी) को एक भी सीट नहीं मिली।

पटना, 17 नवंबर (आईएएनएस)। बिहार विधानसभा चुनाव के नतीजों में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) ने रिकॉर्ड बहुमत से जीत दर्ज की। वहीं, विपक्षी महागठबंधन को बहुत कम सीट प्राप्त हुईं। विकासशील इंसान पार्टी (वीआईपी) को एक भी सीट नहीं मिली।

विकासशील इंसान पार्टी (वीआईपी) सुप्रीमो मुकेश सहनी ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा, "चुनाव में दो चीज ही रहती है, या तो हार या फिर जीत मिलती है। महागठबंधन को जो सफलता मिलनी चाहिए, वो नहीं मिली। एनडीए को भारी बहुमत मिला है। हम एनडीए और उनके टॉप लीडरशिप को बधाई दे रहे हैं।"

उन्होंने कहा, "एनडीए को पैसे के दम पर जनादेश मिला है, जिससे पता चलता है कि देश का लोकतंत्र कहीं न कहीं खतरे में है। चुनाव के वक्त अगर किसी को पैसा दिया जाए, तो यह अपने आप में एक बड़ा सवाल है। सोशल मीडिया पर चल रहा है कि 10,000 में क्या मिलता है, तो बता दें कि 10,000 में बिहार सरकार मिलती है। पहले रात के अंधेरे में कुछ दबंग लोग, पैसे वाले लोग गरीब को पैसा देकर वोट खरीद लेते थे और सरकार बना लेते थे; विधायक और मंत्री बन जाते थे। पहले ये काम अवैध होते थे, अब यही वैध हो रहे हैं। आज ऐसा काम हो रहा है कि जनता का ही पैसा माताओं-बहनों को दिया जा रहा है ताकि उन्हें वोट मिले। बिहार की माताएं-बहनों ने एनडीए की मदद की और उन्हें जिताया। लेकिन प्रदेश के युवा महागठबंधन के साथ थे। इसलिए हमारे पास अच्छा-खासा वोट प्रतिशत है।"

उन्होंने कहा, "2020 में महागठबंधन को जितने वोट मिले थे, इस बार उससे अधिक हमें वोट प्राप्त हुआ है, लेकिन वोट के पैटर्न में बदलाव आया। युवा नौकरी के लिए महागठबंधन के साथ रहें, लेकिन माताएं और बहनों का वोट एनडीए को गया। चुनाव में हार और जीत के लिए कई फैक्टर होते हैं, जिस पर हम विशेष चर्चा करेंगे और लोकतंत्र को बचाने के लिए मजबूती से 2029 की तैयारी करेंगे।"

सहनी ने कहा, "सरकार ने जीविका दीदी से दो लाख रुपए देने का वादा किया है। पहली किस्त 10,000 रुपए के रूप में उन्होंने दी। मैं सरकार से आग्रह करता हूं कि बाकी के पैसे भी जल्द से जल्द दे, नहीं तो इस मांग के लिए हम जीविका दीदी के साथ खड़े रहेंगे।"

रोहिणी आचार्य वाले प्रकरण पर उन्होंने कहा, "यह पारिवारिक मामला है। हार की जिम्मेदारी सभी की है। किसी एक पर ठीकरा नहीं फोड़ना चाहिए।"

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Created On :   17 Nov 2025 11:26 AM IST

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