राजनीति: मुख्तार अब्बास नकवी ने शिबू सोरेन को दी श्रद्धांजलि, बोले, 'उनके संघर्ष को भारत हमेशा याद रखेगा'

रांची, 4 अगस्त (आईएएनएस)। भाजपा नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने झारखंड मुक्ति मोर्चा (जेएमएम) के संस्थापक और पूर्व मुख्यमंत्री शिबू सोरेन के निधन पर गहरा दुख जताया। उन्होंने समाचार एजेंसी आईएएनएस से बातचीत में कहा कि शिबू सोरेन ने आदिवासियों और कमजोर वर्गों के सशक्तिकरण के लिए जो ऐतिहासिक संघर्ष किया, उसे भारत हमेशा याद रखेगा।
उन्होंने अपने निजी अनुभव साझा करते हुए कहा, "जब मैं झारखंड का प्रभारी था, तब शिबू सोरेन के साथ बिताए पल प्रेरणादायक थे। संसद में उनके साथ समय बिताना मेरे लिए अविस्मरणीय है।"
उन्होंने सोरेन के निधन को देश के लिए अपूरणीय क्षति बताते हुए उनके परिवार से उनकी विरासत को ईमानदारी से आगे बढ़ाने की अपील की।
मुख्तार अब्बास नकवी ने इस दौरान विपक्ष पर भी तीखा हमला बोला। उन्होंने विरोधी दलों पर समाज में भ्रम और भय का माहौल पैदा करने का आरोप लगाया और कहा, "कुछ लोग अपनी चतुराई के चक्रव्यूह में खुद फंस गए हैं। वे अपनी गलतियों को बिहार और देश की जनता पर थोपने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन अब उनकी सियासी सल्तनत पूरी तरह बेनकाब हो चुकी है।"
नकवी ने विपक्ष के "धूर्तापूर्ण धमाल" और "काल्पनिक भ्रम" फैलाने के प्रयासों की आलोचना की। उन्होंने वोट चोरी जैसे दावों को खारिज करते हुए कहा, "क्या वोट चोरी की वजह से विपक्ष के 200 से ज्यादा सांसद लोकसभा में हैं? क्या कई राज्यों में विपक्ष और कांग्रेस की सरकारें इसी वजह से बनी हैं?" उन्होंने विपक्ष पर भ्रामक प्रचार के जरिए समाज को गुमराह करने का आरोप लगाया।
नकवी ने कहा कि वैध मतदाताओं के मताधिकार की रक्षा और अवैध मतदाताओं के वोटों की समीक्षा जरूरी है। उन्होंने कहा, "किसी भी अवैध मतदाता को लोकतांत्रिक अधिकारों का हनन करने की अनुमति नहीं दी जा सकती।"
विपक्ष पर निशाना साधते हुए उन्होंने सनातन संस्कृति के खिलाफ असहिष्णुता का आरोप भी लगाया। उन्होंने कहा, "कुछ लोग सनातन संस्कारों और संस्कृति के प्रति अनभिज्ञता और दुष्प्रचार फैलाने में जुटे हैं। दुनिया की सबसे प्राचीन और महान सनातन संस्कृति को बदनाम करना ठीक नहीं।"
उन्होंने भारत की बहुसंख्यक आबादी को सनातन संस्कृति की डोर से बंधा हुआ बताया और कहा कि 1947 के बंटवारे के समय जहां पाकिस्तान ने इस्लामिक झंडा फहराया, वहीं भारत ने सनातन संस्कृति की ताकत से पंथनिरपेक्षता को अपनाया।
उन्होंने विपक्ष को चेतावनी दी कि सनातन संस्कृति के खिलाफ उनकी "सनक और सियासत" उनकी सियासी जमीन को और कमजोर कर रही है। उन्होंने कहा, "ऐसे लोग अपनी चतुराई में फंसकर अपनी सियासी सल्तनत का सफाया कर रहे हैं।"
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Created On :   4 Aug 2025 5:49 PM IST