राजनीति: मुंबई बम ब्लास्ट मामला अजित पवार ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले का किया स्वागत, कहा- 'कुछ बेगुनाह भी फंसे थे'

मुंबई बम ब्लास्ट मामला  अजित पवार ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले का किया स्वागत, कहा- कुछ बेगुनाह भी फंसे थे
मुंबई में 2006 में ट्रेन में सिलसिलेवार हुए बम ब्लास्ट मामले में सुप्रीम कोर्ट ने बॉम्बे हाई कोर्ट के फैसले पर रोक लगाई है। गुरुवार को उपमुख्यमंत्री एवं राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के नेता अजित पवार ने कहा कि इस मामले में कुछ बेगुनाह लोग भी फंसे थे। इसके साथ ही उन्होंने सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत भी किया है।

मुंबई, 24 जुलाई (आईएएनएस)। मुंबई में 2006 में ट्रेन में सिलसिलेवार हुए बम ब्लास्ट मामले में सुप्रीम कोर्ट ने बॉम्बे हाई कोर्ट के फैसले पर रोक लगाई है। गुरुवार को उपमुख्यमंत्री एवं राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के नेता अजित पवार ने कहा कि इस मामले में कुछ बेगुनाह लोग भी फंसे थे। इसके साथ ही उन्होंने सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत भी किया है।

उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा, "सुप्रीम कोर्ट के ऑर्डर के बारे में हम ज्यादा कुछ कह नहीं सकते हैं। इस केस में कुछ बेगुनाह लोग भी फंसे थे। सरकार ने बॉम्बे हाई कोर्ट के फैसले के खिलाफ अपील करने का निर्णय लिया था। इस मामले में हमारे मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने अपनी भूमिका स्पष्ट की थी। सुप्रीम कोर्ट में इस केस के लिए अच्छे वकील देंगे और हाई कोर्ट में सुनवाई के वक्त जो कमियां रह गई उसे ढूंढेंगे। हमारा मानना है कि किसी के साथ अन्याय नहीं होना चाहिए, लेकिन कोई दोषी सजा से बच नहीं पाए। हम किसी के खिलाफ नहीं हैं और न ही किसी का समर्थन करते हैं।"

मराठी भाषा विवाद को लेकर महिला सांसदों के संसद की लॉबी में भाजपा सांसद निशिकांत दुबे को घेरने वाले घटनाक्रम को लेकर अजित पवार ने कहा, "आप जिस राज्य में रहते हैं उस राज्य की भाषा का सम्मान होना चाहिए। राज्य की भाषा के बाद अगर कोई दूसरी भाषा कहीं पर बोली जाती है तो वह हिंदी है और उसके बाद इंग्लिश है। महाराष्ट्र से लेकर जम्मू-कश्मीर तक सभी को अपनी मातृभाषा पर अभिमान होना चाहिए। मराठी को अभिजात भाषा का दर्जा मिला है।"

उन्होंने कहा, "इस समय जो भाषा के नाम पर हो रहा है, वह गलत है। यहां रहने वाले जिन लोगों को मराठी नहीं आती, उन्हें विनम्रता से बोलना चाहिए कि, हमें मराठी नहीं आती है, हम सीख रहे हैं। आप अगर ऐसा बोलेंगे तो फिर गड़बड़ नहीं होगी। लेकिन कभी-कभी यह होता है कि कुछ लोग रिएक्ट कर जाते हैं और अकड़ दिखाने लगते हैं। ऐसा नहीं चलता है। आप जहां काम करते हैं, वहां के लोगों का क्या कहना है, उनकी क्या सोच है, इन सभी चीजों पर विचार करना चाहिए। सभी को खुशी-खुशी एक साथ रहना चाहिए।"

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Created On :   24 July 2025 9:06 PM IST

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