शिक्षा: 1,563 छात्रों में से केवल 813 ने दी नीट-यूजी की दोबारा परीक्षा

1,563 छात्रों में से केवल 813 ने दी नीट-यूजी की दोबारा परीक्षा
नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (एनटीए) ने रविवार को 1,563 छात्रों के लिए नीट-यूजी का फिर से आयोजन किया। ये वे छात्र हैं, जिन्हें अलग-अलग केंद्रों पर समय की बर्बादी की वजह से ग्रेस मा‌र्क्स प्रदान किए गए थे। जिन 1,563 छात्रों के लिए नीट-यूजी का फिर से आयोजन हुआ, उनमें से केवल 813 छात्र ही दोबारा परीक्षा के लिए उपस्थित हुए। जबकि, 750 छात्रों ने दोबारा परीक्षा नहीं देने का विकल्प चुना।

नई दिल्ली, 23 जून (आईएएनएस)। नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (एनटीए) ने रविवार को 1,563 छात्रों के लिए नीट-यूजी का फिर से आयोजन किया। ये वे छात्र हैं, जिन्हें अलग-अलग केंद्रों पर समय की बर्बादी की वजह से ग्रेस मा‌र्क्स प्रदान किए गए थे। जिन 1,563 छात्रों के लिए नीट-यूजी का फिर से आयोजन हुआ, उनमें से केवल 813 छात्र ही दोबारा परीक्षा के लिए उपस्थित हुए। जबकि, 750 छात्रों ने दोबारा परीक्षा नहीं देने का विकल्प चुना।

गौरतलब है कि इन छात्रों को ग्रेस मार्क्स छोड़ने या फिर दोबारा परीक्षा देने का विकल्प दिया गया था। इनमें से 750 छात्रों ने ग्रेस अंकों के बिना ही अपना स्कोर स्वीकार किया है। यह परीक्षा चंडीगढ़, छत्तीसगढ़, गुजरात, मेघालय और हरियाणा में आयोजित की गई। चंडीगढ़ में कोई भी छात्र परीक्षा के लिए उपस्थित नहीं हुआ। गुजरात में एक छात्र ने परीक्षा दी। छत्तीसगढ़ के एक केंद्र पर 115 और दूसरे केंद्र पर 176 छात्र परीक्षा देने पहुंचे।

हरियाणा में भी दो स्थानों पर परीक्षा केंद्र बनाए गए थे। यहां एक केंद्र पर 178 और दूसरे केंद्र पर 109 छात्रों ने परीक्षा दी। मेघालय में 234 छात्रों ने दोबारा परीक्षा दी।

दूसरी तरफ रविवार को केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय की शिकायत पर सीबीआई ने अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ मामला दर्ज किया। पिछले माह नीट-यूजी की परीक्षा में अनियमितता ने पूरे देश को स्तब्ध कर दिया था। इसके खिलाफ छात्रों ने एनटीए के विरुद्ध मोर्चा खोल दिया था। छात्र संगठनों ने यूजी परीक्षा मामले में सीबीआई जांच के निर्णय का स्वागत किया है।

हाल ही में नीट-यूजी की परीक्षा में अनियमितता के चलते विद्यार्थी परिषद ने एनटीए के विरुद्ध आंदोलन करते हुए पूरे देश में मोर्चा खोल दिया था। इस विषय में सीबीआई जांच की मांग प्रमुखता से रखी थी। अब एबीवीपी ने इसका समर्थन किया है।

राजनीतिक दलों का कहना है कि सीबीआई जांच सुप्रीम कोर्ट की देखरेख में होनी चाहिए। आम आदमी पार्टी के नेता और दिल्ली सरकार में मंत्री सौरभ भारद्वाज के मुताबिक सरकार के एक अंग ने भ्रष्टाचार किया है और सीबीआई भी सरकार का ही दूसरा अंग है। ऐसे में निष्पक्ष जांच की उम्मीद नहीं की जा सकती। जरूरी है कि सुप्रीम कोर्ट की देखरेख में सीबीआई पूरे प्रकरण की जांच करे।

अस्वीकरण: यह न्यूज़ ऑटो फ़ीड्स द्वारा स्वतः प्रकाशित हुई खबर है। इस न्यूज़ में BhaskarHindi.com टीम के द्वारा किसी भी तरह का कोई बदलाव या परिवर्तन (एडिटिंग) नहीं किया गया है| इस न्यूज की एवं न्यूज में उपयोग में ली गई सामग्रियों की सम्पूर्ण जवाबदारी केवल और केवल न्यूज़ एजेंसी की है एवं इस न्यूज में दी गई जानकारी का उपयोग करने से पहले संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञों (वकील / इंजीनियर / ज्योतिष / वास्तुशास्त्री / डॉक्टर / न्यूज़ एजेंसी / अन्य विषय एक्सपर्ट) की सलाह जरूर लें। अतः संबंधित खबर एवं उपयोग में लिए गए टेक्स्ट मैटर, फोटो, विडियो एवं ऑडिओ को लेकर BhaskarHindi.com न्यूज पोर्टल की कोई भी जिम्मेदारी नहीं है|

Created On :   23 Jun 2024 8:18 PM IST

Tags

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story