राष्ट्रीय: बिहार एसआईआर पटना में कटे सबसे ज्यादा वोटरों के नाम, दूसरे नंबर पर मधुबनी तो तीसरे पर पूर्वी चंपारण

बिहार एसआईआर पटना में कटे सबसे ज्यादा वोटरों के नाम, दूसरे नंबर पर मधुबनी तो तीसरे पर पूर्वी चंपारण
बिहार मतदाता सूची की विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) प्रक्रिया के बाद इलेक्शन कमीशन ऑफ इंडिया ने शुक्रवार को पहला संशोधित वोटर लिस्ट ड्राफ्ट जारी कर दिया। राज्य के सभी 38 जिलों के लिए जारी ड्राफ्ट वोटर लिस्ट में सबसे ज्यादा वोटरों के नाम पटना जिले में कटे हैं, जबकि दूसरे नंबर पर मधुबनी और तीसरे नंबर पर पूर्वी चंपारण है।

पटना, 1 अगस्त (आईएएनएस)। बिहार मतदाता सूची की विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) प्रक्रिया के बाद इलेक्शन कमीशन ऑफ इंडिया ने शुक्रवार को पहला संशोधित वोटर लिस्ट ड्राफ्ट जारी कर दिया। राज्य के सभी 38 जिलों के लिए जारी ड्राफ्ट वोटर लिस्ट में सबसे ज्यादा वोटरों के नाम पटना जिले में कटे हैं, जबकि दूसरे नंबर पर मधुबनी और तीसरे नंबर पर पूर्वी चंपारण है।

चुनाव आयोग ने जिलेवार ड्राफ्ट वोटर लिस्ट जारी की है। इस सूची में किस जिले में कितने वोटर थे, कितने वोटर बचे और कितने के नाम काटे गए, से संबंधित पूरी जानकारी दी गई है। बिहार के कुल 78969844 मतदाताओं में से 6564075 वोटरों के नाम हटा दिए हैं। ड्राफ्ट लिस्ट में 72405756 वोटरों के नाम शामिल हैं।

अगर बिहार की राजधानी पटना की बात करें तो कुल 50,47,194 वोटर थे। एसआईआर के बाद वोटर लिस्ट ड्राफ्ट में 46,51,694 वोटरों के नाम हैं, जबकि 3,95,500 मतदाताओं के नाम काट दिए गए। मधुबनी में कुल वोटर 33,76,790 थे, जिनमें से 3,52,545 नाम हटाए दिए हैं। 30,24,245 मतदाता शेष बचे हैं। पूर्वी चंपारण में 36,89,848 वोटर में से 3,16,793 मतदाताओं के नाम काट दिए गए हैं और अब 33,73,055 वोटर शेष बचे हैं।

अगर मृतकों की बात करें तो वोटर लिस्ट से 22.34 लाख यानी 2.83 प्रतिशत वोटरों के नाम हटा दिए हैं। स्थायी रूप से स्थानांतरित या अनुपस्थित वोटरों की संख्या 36.28 लाख यानी 4.59 प्रतिशत और पहले से नामांकित वोटरों की संख्या 7.01 लाख यानी 0.89 प्रतिशत है, जिन्हें ड्राफ्ट वोटर लिस्ट में जगह नहीं मिली। बिहार के 38 जिलाधिकारियों ने 243 विधानसभा क्षेत्रों के 90,817 मतदान केंद्रों के लिए तैयार मतदाता सूची का प्रारूप मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों के साथ शेयर कर दिया है।

भारत के मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार के अनुसार, बिहार के मुख्य निर्वाचन अधिकारी (सीईओ) और 243 निर्वाचक निबंधन अधिकारी (ईआरओ) उस विधानसभा क्षेत्र के किसी भी मतदाता या बिहार के किसी भी मान्यता प्राप्त राजनीतिक दल को 1 अगस्त से 1 सितंबर 2025 तक किसी भी छूटे हुए पात्र मतदाता के नाम जोड़ने, किसी भी अपात्र मतदाता के नाम हटाने या मसौदा मतदाता सूची में किसी भी प्रविष्टि में सुधार के लिए दावे और आपत्तियां देने के लिए आमंत्रित करेंगे।

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Created On :   1 Aug 2025 11:15 PM IST

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